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जमीन खो चुके दलों के साथ मिलकर बिचौलिए कर रहे कृषि कानून का विरोध- सुबोध उनियाल

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि तीनों कृषि बिल किसानों को संरक्षण देने के लिए बनाए गए हैं. फसल के ऊपर से लेकर इस्तेमाल करने तक मुख्य रूप से 3 चैनल काम करते हैं.

Subodh Uniyal's statement about  Farmer movement
जमीन खो चुके दलों के साथ मिलकर बिचौलिए कर रहे कृषि कानून का विरोध
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Published : Dec 30, 2020, 3:24 PM IST

Updated : Dec 30, 2020, 7:44 PM IST

देहरादून: कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले एक महीने जारी है. किसानों के विरोध का आम आदमी पार्टी खुलकर समर्थन कर रही है. उत्तराखंड में भी आदमी पार्टी और कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में लगे हैं. दोनों दलों के द्वारा की जा रही राजनीति पर प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने कहा जो राजनीतिक दल अपनी जमीन खो चुके हैं, उन लोगों के साथ बिचौलिए मिलकर इन बिलों का विरोध कर रहे हैं.

बिचौलिए कर रहे कृषि कानून का विरोध.

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि तीनों कृषि बिल किसानों को संरक्षण देने के लिए बनाए गए हैं. फसल के ऊपर से लेकर इस्तेमाल करने तक मुख्य रूप से 3 चैनल काम करते हैं. पहले चैनल में किसान फसलों को उगाता है. दूसरा चैनल अदृश्य रूप से कार्य करता है, यह फसलों को बाजारों तक लाता है. इसके बाद तीसरा चैनल जो इसे कंज्यूम करता है. मगर जिस तरह की स्थितियां देश में बनी हुई हैं, उसमें किसान को फसल के सही दाम नहीं मिल रहे हैं. इसके साथ ही कंज्यूमर को भी महंगे दामों में उत्पाद मिल रहे हैं.

पढ़ें: बच्ची को बहला-फुसलाकर साथ ले जाने की कर रहा था कोशिश, लोगों ने जमकर की धुनाई

लिहाजा, ये बिल बिचौलियों के खात्मे के लिए हैं. साथ ही इससे किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे. ऐसे में जो इन फसलों को बेचने वाले बिचौलिए हैं उनको इस बिल से काफी तकलीफ है. साथ ही, कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों का शोषण करने वाला ग्रुप, शरद पवार के नेतृत्व में ही महाराष्ट्र के भीतर सारे उत्पादों के एक्सपोर्ट का कार्य कर रहा है. ऐसे में इन सभी को लगता है कि यह भी इनके व्यापारिक हितों पर कुठाराघात है. जिसके चलते ये अपने हितों की रक्षा करने के लिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर लगातार विरोध कर रहे हैं.

देहरादून: कृषि कानूनों को लेकर दिल्ली बॉर्डर पर किसानों का प्रदर्शन पिछले एक महीने जारी है. किसानों के विरोध का आम आदमी पार्टी खुलकर समर्थन कर रही है. उत्तराखंड में भी आदमी पार्टी और कांग्रेस इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में लगे हैं. दोनों दलों के द्वारा की जा रही राजनीति पर प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने निशाना साधा है. साथ ही उन्होंने कहा जो राजनीतिक दल अपनी जमीन खो चुके हैं, उन लोगों के साथ बिचौलिए मिलकर इन बिलों का विरोध कर रहे हैं.

बिचौलिए कर रहे कृषि कानून का विरोध.

कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि तीनों कृषि बिल किसानों को संरक्षण देने के लिए बनाए गए हैं. फसल के ऊपर से लेकर इस्तेमाल करने तक मुख्य रूप से 3 चैनल काम करते हैं. पहले चैनल में किसान फसलों को उगाता है. दूसरा चैनल अदृश्य रूप से कार्य करता है, यह फसलों को बाजारों तक लाता है. इसके बाद तीसरा चैनल जो इसे कंज्यूम करता है. मगर जिस तरह की स्थितियां देश में बनी हुई हैं, उसमें किसान को फसल के सही दाम नहीं मिल रहे हैं. इसके साथ ही कंज्यूमर को भी महंगे दामों में उत्पाद मिल रहे हैं.

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लिहाजा, ये बिल बिचौलियों के खात्मे के लिए हैं. साथ ही इससे किसानों को उनकी फसलों के अच्छे दाम मिलेंगे. ऐसे में जो इन फसलों को बेचने वाले बिचौलिए हैं उनको इस बिल से काफी तकलीफ है. साथ ही, कृषि मंत्री ने बताया कि किसानों का शोषण करने वाला ग्रुप, शरद पवार के नेतृत्व में ही महाराष्ट्र के भीतर सारे उत्पादों के एक्सपोर्ट का कार्य कर रहा है. ऐसे में इन सभी को लगता है कि यह भी इनके व्यापारिक हितों पर कुठाराघात है. जिसके चलते ये अपने हितों की रक्षा करने के लिए किसानों के कंधे पर बंदूक रखकर लगातार विरोध कर रहे हैं.

Last Updated : Dec 30, 2020, 7:44 PM IST
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