देहरादून: प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच जहां राज्य सरकार की ओर से देहरादून समेत प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में कोविड कर्फ्यू का ऐलान कर दिया है. वहीं, आने वाले समय में पिछले साल की तर्ज पर लॉकडाउन लगने के भय से अब लोगों ने अपने गंतव्यों का रुख करना शुरू कर दिया है, जिसका असर देहरादून रेलवे स्टेशन पर देखने को मिला.
ईटीवी भारत की टीम जब देहरादून रेलवे स्टेशन पहुंचे तो पाया कि यहां कई छात्र और मजदूर वर्ग के लोग आने वाले समय मे लॉकडाउन लगने से डर से अपने घरों को लौटने लगे हैं. ईटीवी भारत से बात करते हुए देहरादून में मजदूरी करने वाले राजू ने बताया कि कोविड कर्फ्यू लगने की वजह से उन्हें मजदूरी नहीं मिल पा रही है. ऐसे में उनके पास अपने घर बिहार लौटने के अलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है.
रेलवे स्टेशन परिसर में बिहार और उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों के कई छात्र भी ट्रेन का इंतजार करते नजर आए. छात्रों ने बताया कि उनके कॉलेज बंद हो चुके हैं. ऐसे में अब आगे उन्हें ऑनलाइन माध्यम से ही पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्थिति में उन्हें यह भी डर सता रहा है कि कहीं आने वाले समय में पिछले साल की तरह ही लॉकडाउन न लग जाए. इसलिए वह अपने घरों को लौटना ही बेहतर समझ रहे हैं.
एक हफ्ते में दून रेलवे प्रबंधन को करीब ₹6 लाख का नुकसान
देहरादून रेलवे स्टेशन के बुकिंग सुपरवाइजर सतीश चमोला बताते हैं कि कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते पिछले एक सप्ताह से लगातार लोग एडवांस रेलवे टिकट बुकिंग को कैंसिल करा रहे हैं, जिससे इस एक सप्ताह में दून रेलवे स्टेशन प्रबंधन को लगभग छह लाख का नुकसान हो चुका है. हालांकि, बीते मार्च माह में रेलवे स्टेशन की कमाई 1 करोड़ 25 लाख के आसपास रही थी, लेकिन अब एक बार फिर यात्रियों की संख्या में कमी आने लगी है, जिससे रेलवे प्रबंधन काफी नुकसान में चल रहा है.
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वर्तमान में देहरादून रेलवे स्टेशन से चलने वाली ट्रेनों में गोरखपुर एक्सप्रेस, उपासना एक्सप्रेस और बनारस जाने वाली जनता एक्सप्रेस में सबसे अधिक यात्री सफर कर रहे हैं. इसमें विशेषकर देहरादून के अलग-अलग कॉलेजों में पढ़ने वाले उत्तर प्रदेश और बिहार के छात्र शामिल हैं. इसके साथ ही कोविड कर्फ्यू लगने के बाद अब मजदूरों ने भी अपने घरों को लौटना शुरू कर दिया है.