देहरादून: प्रदेश के तमाम महाविद्यालयों में एबीवीपी का दबदबा रहा हो. लेकिन, दून के सबसे बड़े कॉलेज डीएवी महाविद्यालय में एबीवीपी को सबसे बड़ी हार का सामना करना पड़ा. हालत ये रही कि 12 साल से कॉलेज में अध्यक्ष पद जीतने वाली एबीवीपी इस बार तीसरे नंबर पर जा खिसकी. वहीं, डीएवी महाविद्यालय के निर्दलीय प्रत्याशी निखिल शर्मा ने अध्यक्ष पद पर जीत हासिल की.
डीएवी महाविद्यालय में एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) ने लगातार 12 साल से अध्यक्ष पद पर कब्जा जमाने के बाद इस बार के चुनाव में तीसरा स्थान हासिल किया है. कॉलेज में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के बागी निर्दलीय प्रत्याशी निखिल शर्मा ने जीत हासिल की है. निखिल को 1736 वोट पड़े तो दूसरे नंबर पर रही एनएसयूआई के प्रत्याशी को महज 1075 वोटों से ही संतुष्ट होना पड़ा. वहीं, इस बार सबसे ज्यादा हालत एबीवीपी की रही जो निर्दलीय प्रत्याशी के लगभग आधे वोट ही पा सके. एबीवीपी के प्रत्याशी सागर तोमर को महज 937 वोट ही मिले.
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डीएवी महाविद्यालय में एबीवीपी की इस हार को भाजपा की हार के रूप में भी देखा जा रहा है. यही नहीं गलत टिकट बंटवारे पर भी इस हार के बाद सवाल खड़े होने लगे हैं. हालांकि, अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करने वाले निर्दलीय प्रत्याशी निखिल शर्मा ने जीत पर खुशी जाहिर करते हुए इसे एबीवीपी के लिए एक सबक करार दिया है. साथ ही एबीवीपी द्वारा वापस बुलाए जाने पर संगठन के लिए काम करने की भी बात कही है.
सूबे के सबसे बड़े महाविद्यालय में महासचिव पद पर आर्यन ग्रुप का दबदबा तोड़ते हुए सत्यम ग्रुप ने जीत हासिल की है. इस पद पर नीरज चौहान ने जीत हासिल की और छात्रों के लिए काम करने की बात कही.