देहरादून: उत्तराखंड के सभी 113 कॉलेज में छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान हो चुके हैं. आज ही परिणाम भी घोषित कर दिए जाएंगे. इस बार भी सबकी नजर सूबे के सबसे बड़े कॉलेज डीएवी पीजी कॉलेज पर है.
यहां पिछले 12 सालों से एबीवीपी (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद) का कब्जा है, लेकिन इस बार अध्यक्ष पद पर एबीवीपी के लिए थोड़ी मुश्किलें खड़ी हो सकती है, क्योंकि यहां से एबीवीपी से बागी निर्दलीय प्रत्याशी निखिल मैदान में हैं. जिसका फायदा एनएसयूआई को मिल सकता है.
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डीएवी में हमेश एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच मुकाबला रहता है, लेकिन इस बार एबीवीपी के बागी ने इस जंग को थोड़ा पेचिदा बना दिया है. जिसका नुकसान एबीवीपी को उठाना पड़ सकता है. क्योंकि एबीवीपी से बागी होकर चुनाव मैदान में उतरे निखिल को एबीवीपी के कई पूर्व छात्रसंघ अध्यक्षों का समर्थन मिला है.
ये हालात जहां एबीवीपी के लिए मुश्किलें खड़ी करेंगे तो वहीं इसका फायदा एनएसयूआई को भी मिल सकता है, जो 12 साल में अध्यक्ष पद लड़ाई लड़ रही है, लेकिन उसे आज तक कामयाबी नहीं मिली है.
इससे अलावा कुमाऊं के सबसे बड़े एमबीपीजी कॉलेज में एबीवीपी और एनएसयूआई में कांटे की टक्कर देखने को मिल रही है. हालांकि कुछ कॉलेज में हाल में उपजे आर्यन ग्रुप, जय हो ग्रुप समेत अन्य छात्र संगठन भी टक्कर देते हुए नजर आ रहे हैं.