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दून बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप मामला: दोषी छात्र को 20 साल की कैद, डिप्टी डायरेक्टर समेत तीन को 9-9 साल की सजा

देहरादून बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप मामले में कोर्ट ने दोषी छात्र सरबजीत को 20 साल की सजा सुनाई है. स्कूल प्रबंधक समेत तीन को 9-9 साल की सजा, प्रिंसिपल को 3 साल की सजा जबकि तीन अन्य नाबालिग छात्रों को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई है.

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Published : Feb 3, 2020, 4:41 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 10:42 PM IST

दून बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप
दून बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप

देहरादूनः बहुचर्चित बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप मामले में मुख्य दोषी छात्र को 20 साल की सजा सुनाई गई है जबकि स्कूल प्रबंधन में शामिल तीन आरोपियों को को 9-9 साल की सजा मुकर्रर हुई है. वहीं, प्रिंसिपल को 3 जबकि अन्य 3 छात्रों को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई है. देहरादून पॉक्सो कोर्ट से मुख्य आरोपी छात्र सरबजीत धारा 370 डी में दोषी करार हुआ था. अदालत ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कुल मिलाकर 8 दोषियों को सजा सुनाई गई है. स्कूल की आया मंजू को सरकारी गवाह बनने के चलते कोर्ट से राहत मिली है.

दून बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप केस में बड़ा फैसला

गौर हो कि स्कूल के डिप्टी डायरेक्टर लता गुप्ता, स्कूल प्रबंधक दीपक और उसकी पत्नी तनु को सबूत छिपाने एवं षड्यंत्र कर पीड़ित छात्रा का गर्भपात कराने में धारा 313 का दोषी मानते हुए नौ-नौ साल की सजा सुनाई. सभी दोषियों को सजा पॉक्सो कोर्ट जज रमा पांडे की अदालत ने सुनाई. इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपल जितेंद्र शर्मा को 3 साल की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने अन्य तीन नाबालिग छात्रों को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई है. इन तीनों छात्रों को बाल सुधार गृह भेजा जाएगा.

पढ़ेंः महिलाओं के खिलाफ धार्मिक भेदभाव का मामला : सुप्रीम कोर्ट में 6 फरवरी को सुनवाई

इससे पहले जुवेनाइल बोर्ड ने 3 जून 2019 को तीनों नाबालिग छात्रों को बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने पोक्सो कोर्ट में अपील की थी. जहां कोर्ट ने तीनों को दोषी माना और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-6 के तहत लगाए गये आरोप में 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई. बता दें कि नाबालिगों को अधिकतम 3 साल की सजा सुनाए जाने का ही प्रावधान है. वहीं, मामले की एक और अन्य आरोपी स्कूल में काम करने वाली आया मंजू को सरकारी गवाह बनने के कारण कोर्ट से राहत मिल गई.

पीड़ित छात्रा के पिता ने दोषियों को सजा मिलने के बाद संतुष्टि जताई है. उन्होंने देहरादून पुलिस और पॉक्सो कोर्ट का शुक्रिया अदा किया. कोर्ट ने मामले में स्कूल प्रबंधन पर 10 लाख का जुर्माना पीड़िता के परिजनों को देने का आदेश दिया है. जुर्माना अदा नहीं करने पर उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने के आदेश दिए हैं. मुख्य दोषी सरबजीत पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. स्कूल प्रबंधन की टीम पर 40,000 रुपए का जुर्माना लगाया है.

पढ़ेंः गदरपुर: पालिका में भ्रष्टाचार का मामला आया सामने, पूरे हुए प्रोजेक्ट का फिर जारी किया टेंडर

ये था मामला
बता दें कि 14 अगस्त 2018 को बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाली दसवीं की छात्रा के साथ उसके सीनियर चार छात्रों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद कई दिनों तक इस मामले को स्कूल प्रबंधन द्वारा छिपाया गया. जब मामला खुला तो हड़कंप मच गया. इतना ही नहीं, स्कूल प्रबंधन पर पीड़ित छात्रा का जबरन गर्भपात कराने का भी आरोप है.

देहरादूनः बहुचर्चित बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप मामले में मुख्य दोषी छात्र को 20 साल की सजा सुनाई गई है जबकि स्कूल प्रबंधन में शामिल तीन आरोपियों को को 9-9 साल की सजा मुकर्रर हुई है. वहीं, प्रिंसिपल को 3 जबकि अन्य 3 छात्रों को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई गई है. देहरादून पॉक्सो कोर्ट से मुख्य आरोपी छात्र सरबजीत धारा 370 डी में दोषी करार हुआ था. अदालत ने दोषी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. कुल मिलाकर 8 दोषियों को सजा सुनाई गई है. स्कूल की आया मंजू को सरकारी गवाह बनने के चलते कोर्ट से राहत मिली है.

दून बोर्डिंग स्कूल गैंगरेप केस में बड़ा फैसला

गौर हो कि स्कूल के डिप्टी डायरेक्टर लता गुप्ता, स्कूल प्रबंधक दीपक और उसकी पत्नी तनु को सबूत छिपाने एवं षड्यंत्र कर पीड़ित छात्रा का गर्भपात कराने में धारा 313 का दोषी मानते हुए नौ-नौ साल की सजा सुनाई. सभी दोषियों को सजा पॉक्सो कोर्ट जज रमा पांडे की अदालत ने सुनाई. इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपल जितेंद्र शर्मा को 3 साल की सजा सुनाई गई. कोर्ट ने अन्य तीन नाबालिग छात्रों को 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई है. इन तीनों छात्रों को बाल सुधार गृह भेजा जाएगा.

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इससे पहले जुवेनाइल बोर्ड ने 3 जून 2019 को तीनों नाबालिग छात्रों को बरी कर दिया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने पोक्सो कोर्ट में अपील की थी. जहां कोर्ट ने तीनों को दोषी माना और लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की धारा-6 के तहत लगाए गये आरोप में 2 साल 6 महीने की सजा सुनाई. बता दें कि नाबालिगों को अधिकतम 3 साल की सजा सुनाए जाने का ही प्रावधान है. वहीं, मामले की एक और अन्य आरोपी स्कूल में काम करने वाली आया मंजू को सरकारी गवाह बनने के कारण कोर्ट से राहत मिल गई.

पीड़ित छात्रा के पिता ने दोषियों को सजा मिलने के बाद संतुष्टि जताई है. उन्होंने देहरादून पुलिस और पॉक्सो कोर्ट का शुक्रिया अदा किया. कोर्ट ने मामले में स्कूल प्रबंधन पर 10 लाख का जुर्माना पीड़िता के परिजनों को देने का आदेश दिया है. जुर्माना अदा नहीं करने पर उनकी प्रॉपर्टी जब्त करने के आदेश दिए हैं. मुख्य दोषी सरबजीत पर 5000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है. स्कूल प्रबंधन की टीम पर 40,000 रुपए का जुर्माना लगाया है.

पढ़ेंः गदरपुर: पालिका में भ्रष्टाचार का मामला आया सामने, पूरे हुए प्रोजेक्ट का फिर जारी किया टेंडर

ये था मामला
बता दें कि 14 अगस्त 2018 को बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने वाली दसवीं की छात्रा के साथ उसके सीनियर चार छात्रों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था. सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद कई दिनों तक इस मामले को स्कूल प्रबंधन द्वारा छिपाया गया. जब मामला खुला तो हड़कंप मच गया. इतना ही नहीं, स्कूल प्रबंधन पर पीड़ित छात्रा का जबरन गर्भपात कराने का भी आरोप है.

Intro:summary-बहुचर्चित सामूहिक जीआरडी स्कूल गैंगरेप मामलें मुख्य दोषी छात्र को 20 साल की सजा, स्कूल टीम को 9 साल की सजा. देहरादून के सेलाकुई स्थित जीआरडी स्कूल में बहुचर्चित गैंगरेप मामले में देहरादून पॉक्सो कोर्ट से मुख्य आरोपी छात्र सरबजीत को धारा 370 डी में दोषी करार देते हुए अदालत ने 20 साल की कठोर सजा सुनाई। जबकि स्कूल के डिप्टी डायरेक्टर लता गुप्ता, स्कूल प्रबंधक दीपक और उसकी पत्नी तनु को साक्ष्य छुपाने व षड्यंत्र कर पीड़ित छात्रा का गर्भपात की धारा 313 का दोषी मानते हुए 9- 9 साल की सजा पोक्सो कोर्ट जज रमा पांडे की अदालत ने सुनाई गई। इसके अलावा स्कूल के प्रिंसिपल जितेंद्र शर्मा को 3 साल की सजा सुनाई गई। जुवेनाइल से भरी हुई तीन नाबालिगों को भी पॉक्सो कोर्ट ने तीन-तीन साल की सजा दी. इतना ही नहीं इस सामूहिक दुष्कर्म मामले में जुवेनाइल कोर्ट ने रिहा किये गए तीन नाबालिग छात्रों को भी पॉक्सो कोर्ट ने दोषी मानते हुए तीन-तीन साल की सजा सुनाई है. जूविनाइल कोर्ट के फैसले को बदलते हुए पॉक्सो कोर्ट ने गैंगरेप के आरोपी नाबालिग छात्रों को सजा सुनाई हैं। पीड़ित छात्रा के पिता ने दोषियों को मिलने वाली सजा में जताई संतुष्टि उधर इस मामले में पीड़ित छात्रा के पिता ने दोषियों को मिलने वाली सजा पर संतुष्टि जताते हुए कहां की इस मामले में पुलिस जांच और विवेचना प्रक्रिया में बेहद अहम रोल अपनाते हुए न्याय की प्रक्रिया में उनकी मदद की है। इसके लिए देहरादून पुलिस और पॉक्सो कोर्ट का शुक्रिया अदा करते हैं। स्कूल प्रबंधन पर 10 लाख का जुर्माना, पीड़ित परिजनों को जाएगी यह रकम पॉक्सो कोर्ट ने 20 साल की सजा मिलने वाले सरबजीत पर ₹5000 का जुर्माना स्कूल प्रबंधन के टीम पर ₹40000 का जुर्माना अदा करने का फैसला भी दिया है। इतना ही नहीं पॉक्सो कोर्ट रमा पांडे की अदालत ने स्कूल प्रबंधक पर 10 लाख का जुर्माना अदा करने का भी आदेश सुनाया है, यह रकम पीड़ित छात्रा के परिवार को दिए जाएंगे। जुर्माने की राशि दोषियों द्वारा ना भुगतान करने पर उनके प्रॉपर्टी जब कर वसूल की जाएगी।


Body:बता दें कि 17 सितंबर 2018 सेलाकुई स्थित जीआरडी स्कूल में दसवीं कक्षा में पढ़ने वाली छात्रा के साथ उसके सीनियर कक्षा में पढ़ने वाले 4 छात्रों ने गैंगरेप की घटना को अंजाम दिया था। सामूहिक दुष्कर्म की घटना के बाद कई दिनों तक इस मामले को स्कूल प्रबंधन द्वारा मामलें छुपाया गया, साथ ही गैंगरेप की घटना को दबाने का प्रयास करते हुए स्कूल प्रबंधन लोगों द्वारा पीड़ित छात्रा का निजी अस्पताल में गर्भपात भी कराया गया था। इतना ही नहीं पुलिस और पीड़ित परिजनों से घटना को छुपाते हुए स्कूल प्रबंधन द्वारा गैंगरेप के संबंधित साक्ष्य व को सबूतों को मिटाने का प्रयास भी किया गया। बाईट-जी बी रतूड़ी, शासकीय अधिवक्ता पॉक्सो कोर्ट


Conclusion:
Last Updated : Feb 4, 2020, 10:42 PM IST
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