ऋषिकेश: राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क क्षेत्र अंतर्गत स्वर्गाश्रम के बाघ खाला में चंदन के पेड़ काटने के मामले में डायरेक्टर साकेत बडोला ने फॉरेस्ट गार्ड जगदीश को सस्पेंड कर दिया है. मामले में लापरवाही बरतने के मामले में फॉरेस्टर हरपाल गुसाईं को भी मुख्यालय से अटैच कर दिया है. पार्क प्रशासन की जांच में चंदन के पेड़ काटने वाले तस्करों की पहचान भी की गई है. पार्क प्रशासन का दावा है कि जल्द ही तस्करों को गिरफ्तार किया जाएगा. मामले के तार उत्तर प्रदेश के उन्नाव से जुड़े होने की जानकारी सामने आई है.
राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क क्षेत्र के अंदर घुसकर चंदन के तकरीबन दर्जन भर पेड़ काटे जाने के मामले में पार्क प्रशासन अब कार्रवाई करता हुआ नजर आ रहा है. मामले की जांच कर रहे चीला रेंज के एसडीओ प्रशांत हिन्द्वान की जांच रिपोर्ट के आधार पर सबसे पहले डायरेक्टर ने फॉरेस्ट गार्ड जगदीश को सस्पेंड कर दिया है. जबकि मामले में लापरवाही बरतने पर फॉरेस्टर हरपाल गुसाईं को मुख्यालय से अटैच कर दिया है. डायरेक्टर साकेत बडोला ने बताया जांच में किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए इसके निर्देश भी उन्होंने एसडीओ को दे दिए गये हैं. मामले की जांच गहनता से की जा रही है.
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पार्क प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय यह है कि आखिरकार कोई पार्क क्षेत्र के अंदर घुस कर पेड़ों को काटता ही नहीं बल्कि उनकी चोरी भी कर अपने साथ ले जाता है. यह गंभीर मामला है. इसलिए मामले में विभाग ने पहले अज्ञात तस्करों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया. अब सीसीटीवी फुटेज और अन्य सोर्स के माध्यम से पार्क प्रशासन ने तस्करों की पहचान भी कर ली है. फिलहाल पांच तस्कर चिन्हित किए गए हैं, जो हरिद्वार और स्थानीय क्षेत्र के रहने वाले हैं. प्रशासन को आशंका है कि यह चंदन की लकड़ी यहीं आसपास की आरा मशीन में बेची गई है. इसलिए आरा मशीनों पर भी छापेमारी की जा रही है.
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क्या कहते हैं पार्क निदेशक: निदेशक साकेत बड़ोला ने बताया दो वनकर्मियों पर मामले में कार्रवाई की गई है. पांच लोग चंदन तस्करी में चिह्नित किए गए हैं, जिनके खिलाफ कार्रवाई गतिमान है. चंदन के कटे पेड़ों की बरामदगी के लिए भरसक प्रयास जारी हैं. आरक्षित वन क्षेत्र में इस तरह की गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है. इस बाबत सभी रेंज के वन क्षेत्राधिकारियों को सख्त दिशा-निर्देश एक बार फिर से जारी किए गए हैं. उन्होंने बताया चंदन की लकड़ी का प्रयोग मुख्य रूप से इत्र बनाने के लिए किया जाता है. इत्र का मुख्य कारोबार उत्तर प्रदेश के कन्नौज में होता है. उन्नाव कन्नौज का करीबी जिला है. इसलिए पार्क प्रशासन को आशंका है कि तस्करों के तार उन्नाव से जुड़े हो सकते हैं. इसलिए पार्क प्रशासन ने उन्नाव में जिला प्रशासन से संपर्क किया है.
बताते चलें कि, गौहरी रेंज में स्वर्गाश्रम के नजदीक बाघखाला के आसपास के जंगल में अक्टूबर में चंदन के पेड़ों के कटान का यह मामला सामने आया था, जिसे 'ईटीवी भारत' ने प्रमुखता से उठाया था.
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जांच पर उठे सवाल, रेंजर की जवाबदेही क्यों नही हुई तय?: हैरत की बात यह है कि रेंज के मुखिया वन क्षेत्राधिकारी की चंदन तस्करी में कोई जवाबदेही पार्क प्रशासन ने तय नहीं की है. लिहाजा, ऐसे में जांच पर ही अब सवाल उठने लगे हैं. इतना ही नहीं, सवाल यह भी है कि आखिर कैसे रेंज में चंदन के पेड़ों पर आरी चलने के बावजूद वन क्षेत्राधिकारी को इसकी भनक नहीं लगी, जिससे उनकी भूमिका संदेह के घेरे में है. दिलचस्प यह भी है कि संबंधित क्षेत्र की निगरानी करने वाले वन दारोगा को महज मुख्यालय में अटैच किया गया है.