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तीर्थनगरी में बड़ा घपला, करोड़ों खर्च के बाद भी नहीं जल रही स्ट्रीट लाइटें

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Published : Jan 31, 2020, 10:24 PM IST

ऋषिकेश में नगर निगम का बड़ा घपला सामने आया है. बताया जा रहा है कि तीन करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से राष्ट्रीय राजमार्ग 58 पर स्ट्रीट लाइटें लगाई गईं लेकिन ये लाइटें एक महीने के भीतर ही खराब हो गई.

Rishikesh Hindi News
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ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश नगर निगम ने स्ट्रीट लाइटों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च तो कर दिए लेकिन लाइटें शोपीस बनी हुई है. निगम ने कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक स्ट्रीट लगाई हैं. लेकिन ये लाइटें सफेद हाथी साबित हो रही है. लाइटों के न जलने की वजह से सड़क पर अंधेरा छाया हुआ है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

निगम ने किए करोड़ों रुपये खर्च लेकिन जलती नहीं लाइटें.

बता दें, ऋषिकेश में 3 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइट लगाने के कार्य को शुरू होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब सड़क जगमगाएंगी. लोगों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना नही करना पड़ेगा. लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी है. ऋषिकेश पीजी कॉलेज के गेट से उग्रसेन नगर तक की लाइटें बन्द रहती हैं. इतना ही नहीं जब से ये लाइटें लगाई गई, तब से ये कुछ ही दिन ठीक तरीके से जलीं लेकिन कुछ दिन बाद ही लाइटें खराब हो गईं.

राहगीरों ने बताया कि ये लाइटें 15 दिनों से बंद हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं. इतना ही नहीं, निगम को स्ट्रीट लाइटें बंद होने की शिकायत भी की जा चुकी है. इस पर मुख्य नगर आयुक्त का कहना है कि मौके पर जाकर देखा जाएगा, अगर लाइट बंद हैं तो ठीक करवाने की व्यवस्था की जाएगी.

पढ़ें- उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक: संदिग्ध छात्रा AIIMS में भर्ती, चीन में करती है पढ़ाई

बता दें, 16 नवम्बर 2019 को नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग व कुम्भ मेला बजट से कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक करीब 3 करोड़ 30 लाख की लाइटें लगाई गई. इस योजना का शिलान्यास महापौर अनीता मंमगाई द्वार कोयल ग्रांट तिराहे पर किया गया था.

ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश नगर निगम ने स्ट्रीट लाइटों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च तो कर दिए लेकिन लाइटें शोपीस बनी हुई है. निगम ने कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक स्ट्रीट लगाई हैं. लेकिन ये लाइटें सफेद हाथी साबित हो रही है. लाइटों के न जलने की वजह से सड़क पर अंधेरा छाया हुआ है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.

निगम ने किए करोड़ों रुपये खर्च लेकिन जलती नहीं लाइटें.

बता दें, ऋषिकेश में 3 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइट लगाने के कार्य को शुरू होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब सड़क जगमगाएंगी. लोगों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना नही करना पड़ेगा. लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी है. ऋषिकेश पीजी कॉलेज के गेट से उग्रसेन नगर तक की लाइटें बन्द रहती हैं. इतना ही नहीं जब से ये लाइटें लगाई गई, तब से ये कुछ ही दिन ठीक तरीके से जलीं लेकिन कुछ दिन बाद ही लाइटें खराब हो गईं.

राहगीरों ने बताया कि ये लाइटें 15 दिनों से बंद हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं. इतना ही नहीं, निगम को स्ट्रीट लाइटें बंद होने की शिकायत भी की जा चुकी है. इस पर मुख्य नगर आयुक्त का कहना है कि मौके पर जाकर देखा जाएगा, अगर लाइट बंद हैं तो ठीक करवाने की व्यवस्था की जाएगी.

पढ़ें- उत्तराखंड में कोरोना की दस्तक: संदिग्ध छात्रा AIIMS में भर्ती, चीन में करती है पढ़ाई

बता दें, 16 नवम्बर 2019 को नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग व कुम्भ मेला बजट से कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक करीब 3 करोड़ 30 लाख की लाइटें लगाई गई. इस योजना का शिलान्यास महापौर अनीता मंमगाई द्वार कोयल ग्रांट तिराहे पर किया गया था.

Intro:ऋषिकेश--ऋषिकेश नगर निगम ने पथ प्रकाश को सुचारू बनाने के नाम से करोड़ो रूपये खर्च कर कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक स्ट्रीट लगाई लेकिन लाइटें सफेद हाथी साबित हो रहा है,आज भी लाइटों के न जलने की वजह से सड़क पर अंधेरा छाया रहता है,वहीं विभागीय अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नही दे रहे हैं।


Body:वी/ओ--ऋषिकेश में 3 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से लाइट लगाने के कार्य को शुरू होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब सड़क पर अंधेरा नही रहेगा और लोगों को आवाजाही करने में भी दिक्कतों का सामना नही करना पड़ेगा लेकिन लोगों की यह सोच गलत साबित हुई,नगर निगम के द्वारा सड़क पर लगाई गई लाइटें सफेद हाथी साबित हो रही हैं,ऋषिकेश पीजी कालेज के गेट से उग्रसेन नगर तक कि लाइटें बन्द रहती हैं इतना ही नही जबसे ये लाइटें लगाई गई हैं तब से ये कुछ ही दिन ठीक तरीके से जली लेकिन लाइट लगाने के कुछ ही दिन बाद से लाइटें टिमटिमाने लगी आउट फिर बन्द हो गई,राहगीरों ने बताया कि ये लाइटें 15 दिनों से बंद हैं लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने वाला नही है,इतना ही नही पूर्व में भी लाइट बन्द होने की शिकायतें भी नगर निगम को मिल चुकी हैं वहीं अगर बात करें मुख्य नगर आयुक्त की तो उनका कहना है कि मौके पर देखा जाएगा अगर लाइट बन्द हैं तो ठीक करवाने की व्यवस्था करेंगे,

वहीं करोड़ो रूपये खर्च कर लगाई गई स्ट्रीट लाइटों को लेकर अब निगम पार्षद मनीष शर्मा का कहना है कि लाइटों में निगम ने करोड़ो का बजट खर्च किया है ऐसे में अगर लाइटें नही जल रही हैं तो ठेकेदार के खिलाफ कार्यवाही की जानी चाहिए,ठेकेदार के द्वारा किये गए कार्य का भुगतान भी नही होना चाहिए अगर इस हालत में निगम ठेकेदार को पैसों का भगतान करता है तो इसके खिलाफ आंदोलन किया जाएगा।





Conclusion:वी/ओ--आपको बता दें कि 16 नवम्बर 2019 को नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग व कुम्भ मेला बजट से नगर की पथ प्रकाश व्यवस्था के साथ नगर के बीचो बीच पड़ने वाले डिवाइडर पर करीब 3 करोड़ 30 लाख की लाइटें लगाई गई इस योजना का शिलान्यास महापौर अनीता मंमगाई द्वार कोयल ग्रांट तिराहे पर किया गया था।

बाईट--बंटी(राहगीर)
बाईट-- उमेश (राहगीर)
बाईट--मनीष शर्मा(पार्षद नगर निगम)
वाकथ्रू -- विनय पाण्डेय


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