ऋषिकेश: तीर्थ नगरी ऋषिकेश नगर निगम ने स्ट्रीट लाइटों के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च तो कर दिए लेकिन लाइटें शोपीस बनी हुई है. निगम ने कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक स्ट्रीट लगाई हैं. लेकिन ये लाइटें सफेद हाथी साबित हो रही है. लाइटों के न जलने की वजह से सड़क पर अंधेरा छाया हुआ है, लेकिन विभागीय अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
बता दें, ऋषिकेश में 3 करोड़ 30 लाख रुपये की लागत से स्ट्रीट लाइट लगाने के कार्य को शुरू होने के बाद लोगों में उम्मीद जगी थी कि अब सड़क जगमगाएंगी. लोगों को आवाजाही करने में दिक्कतों का सामना नही करना पड़ेगा. लेकिन लोगों को निराशा हाथ लगी है. ऋषिकेश पीजी कॉलेज के गेट से उग्रसेन नगर तक की लाइटें बन्द रहती हैं. इतना ही नहीं जब से ये लाइटें लगाई गई, तब से ये कुछ ही दिन ठीक तरीके से जलीं लेकिन कुछ दिन बाद ही लाइटें खराब हो गईं.
राहगीरों ने बताया कि ये लाइटें 15 दिनों से बंद हैं, लेकिन इस ओर कोई ध्यान देने वाला नहीं. इतना ही नहीं, निगम को स्ट्रीट लाइटें बंद होने की शिकायत भी की जा चुकी है. इस पर मुख्य नगर आयुक्त का कहना है कि मौके पर जाकर देखा जाएगा, अगर लाइट बंद हैं तो ठीक करवाने की व्यवस्था की जाएगी.
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बता दें, 16 नवम्बर 2019 को नगर निगम ने 14वें वित्त आयोग व कुम्भ मेला बजट से कोलघाटी से लेकर आइडीपीएल कैनाल गेट तक करीब 3 करोड़ 30 लाख की लाइटें लगाई गई. इस योजना का शिलान्यास महापौर अनीता मंमगाई द्वार कोयल ग्रांट तिराहे पर किया गया था.