ऋषिकेश: तीर्थनगरी ऋषिकेश के पुराना रेलवे स्टेशन का प्लेटफार्म निराश्रित पशुओं का आशियाना बनता नजर आ रहा है. दर्जनों की संख्या में मवेशी प्लेटफार्म पर डेरा जमाए रहते हैं, जिससे स्टेशन पर ट्रेन हादसे के खतरे से इनकार नहीं किया जा सकता है. स्टेशन की सुरक्षा में तैनात जीआरपी और आरपीएफ के साथ रेलवे कर्मचारी लापरवाह बने हुए हैं. शायद उन्हें किसी दुर्घटना का इंतजार है.
ट्रेनों के आवागमन के लिए योगनगरी ऋषिकेश रेलवे स्टेशन जरूर बन गया है. लेकिन शहर में पुराने रेलवे स्टेशन पर अभी भी ट्रेनों का आवागमन जारी है. प्लेटफार्म पर हर रोज दर्जनों की संख्या में निराश्रित पशु पहुंच रहे हैं. उनका जमावड़ा दिन से लेकर रात तक स्टेशन प्लेटफार्म पर ही लगा नजर आ रहा है. बावजूद, जिम्मेदारी सुरक्षा कर्मचारी अनदेखी में लगे हैं. लापरवाही से स्टेशन पर ट्रेन के आने-जाने के दौरान दुर्घटना का अंदेशा बना हुआ है. प्लेटफार्म पर निराश्रित पशुओं के जमघट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल है, जिसमें रेलवे प्रशासन को लेकर कई तरह की टिप्पणियां भी की जा रही हैं.
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रेलवे कर्मचारियों के बचाव में डीआरएम: रेलवे मुरादाबाद मंडल के डीसीएम सुधीर सिंह ने बताया कि प्राथमिक तौर पर निराश्रित पशुओं की जिम्मेदारी भी जिला प्रशासन की ही है. रेलवे स्टेशन पर पशुओं को आने से रोका जा सकता है, लेकिन वह बार-बार आएंगे, तो इस बाबत प्रशासन को पत्र लिखा जा रहा है. जिससे निराश्रित पशुओं की स्टेशन पर रोकथाम के लिए आवश्यक कदम उठाए जा सकें.