देहरादून: राजधानी देहरादून में सख्ती के बावजूद सट्टे का अवैध कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है. स्मार्टफोन की वजह से अब पहले से ज्यादा आईपीएल सट्टा कारोबारी सक्रिय हुए हैं. यह खेल बंद कमरे में बैठकर बिना किसी रोक-टोक के खेला जा रहा है. स्मार्टफोन के जरिए स्कूली बच्चों से लेकर युवा और उम्रदराज लोग ऑनलाइन गैंबलिंग के जाल में फंस कर गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं.
आईपीएल में ऑनलाइन बेटिंग को रोकना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है. हालांकि, जनवरी 2018 से लेकर 30 सितंबर 2020 तक पुलिस ने 940 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि, जुआ अधिनियम में 420 मामले दर्ज किए गए हैं.
देहरादून में रोजाना दो अधिक केस हो रहे दर्ज
राजधानी देहरादून में प्रतिदिन दो से अधिक केस आईपीएल सट्टा के तहत दर्ज हो रहे हैं. पुलिस के आला अधिकारी भी मानते हैं कि वर्तमान समय में जिस तरह आईपीएल सट्टे का खेल ऑनलाइन चल रहा है, उसे रोकना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती है.
देहरादून में दर्ज केस और गिरफ्तारी के आधिकारिक आंकड़े
साल | केस | गिरफ्तारी |
2018 | 153 | 376 |
2019 | 181 | 379 |
2020 (30 सितंबर) | 86 | 185 |
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ऑनलाइन सट्टे को रोकना बड़ी चुनौती- आईजी
गढ़वाल रेंज आईजी अभिनव कुमार भी मानते हैं कि जब से स्मार्टफोन के जरिए सट्टे का कारोबार शुरू हुआ है, तब से इस तरह के मामलों में बढोत्तरी देखने को मिल रही है. आईपीएल में ऑनलाइन बेटिंग दिन पर दिन गंभीर समस्या बनती जा रही है. ऐसे में आईजी गढ़वाल ने सभी से अपील करते हुए कहा है कि हो सके तो लोग इस कुरीति और प्रथा से दूर रहें. क्योंकि अक्सर देखा गया है कि जुए से कितने घर और कारोबार बर्बाद हुए हैं.
ऑनलाइन गैंबलिंग देश की आर्थिक स्थिति के लिए घातक: वरिष्ठ पत्रकार
वरिष्ठ पत्रकार नरेंद्र सेठी कहते हैं कि ऑनलाइन सट्टा समाज के लिए लाइलाज बीमारी की तरह घातक होता जा रहा है. गैंबलिंग के जाल में फंसकर आज देश का हर वर्ग शॉर्टकट कमाई के चलते अपना सुनहरा भविष्य चौपट कर रहा है. अगर समय रहते ऑनलाइन सट्टे को नहीं रोका गया तो आने वाले समय में देश के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो सकता है.