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लुटेरे पुलिसवालों पर अब कसेगा STF का शिकंजा - स्पेशल टॉस्क फोर्स उत्तराखंड

पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, अगर वो ही अपराधियों की तरह लूट की घटनाओं को अंजाम देगी तो आम आदमी कहां जाएगा. उन्होंने कहा कि यह घटना वर्दी पर दाग है, इससे असुरक्षा की भावना बढ़ी है.

अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार
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Published : Apr 12, 2019, 9:35 PM IST

Updated : Apr 12, 2019, 10:21 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के सब-इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों पर चुनाव ड्यूटी के दौरान एक करोड़ की लूट का आरोप लगा है. जिसकी जांच पुलिस मुख्यालय द्वारा अब स्पेशल टॉस्क फोर्स के डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है. जिसके बाद तीनों पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर जेल भेजा जा सकता है.

STF को सौंपी गई जांच.

पुलिस की वर्दी को शर्मसार करने वाली इस घटना के संबंध में वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि जो पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, अगर वो ही अपराधियों की तरह लूट की घटनाओं को अंजाम देगी तो आम आदमी कहां जाएगा. उन्होंने कहा कि यह घटना वर्दी पर दाग है, इससे असुरक्षा की भावना बढ़ी है.

पढे़ं- गरीब बच्चों के लिए सहारा बनीं तृत्पि, मुफ्त में दे रही हैं शिक्षा

क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक घटना 4 अप्रैल की बताई जा रही है. जहां राजपुर रोड के पास कैनाल रोड निवासी अनुरोध पंवार ने डालनवाला पुलिस में प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल की रात उनके परिचित अनुपम शर्मा ने उन्हें पेमेंट देने राजपुर रोड़ स्थित एक क्लब में बुलाया था. वो अपनी गाड़ी से अनुपम द्वारा बताई जगह पहुंचे. जहां मैनेजर अर्जुन पंवार ने उन्हें नोटों से भरा बैग दे दिया.

वहीं, जब वह रुपए से भरा बैग लेकर क्लब से निकले तो उनके पीछे पुलिस की एक गाड़ी लग गई. जहां राजपुर रोड के मधुबन होटल के पास पुलिसवालों ने गाड़ी को ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया. जिसके बाद वर्दीधारियों ने आचार संहिता का हवाला देते हुए गाड़ी की तलाशी शुरू की. इस दौरान नोटों से भरा बैग मिलने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें उतार कर अपनी गाड़ी में बैठने को कहा.

पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी गाड़ी में बैठाने के बाद एक वर्दीधारी ने उनको बताया कि सादी वर्दी में आईएएस अधिकारी कार में बैठे हैं. सर्वे चौक के पास पहुंचते ही पुलिसकर्मियों ने उन्हें नीचे उतार दिया और नोटों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए.

इस पूर घटनाक्रम पर अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि मामले की जांच एसटीएफ डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के सब-इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों पर चुनाव ड्यूटी के दौरान एक करोड़ की लूट का आरोप लगा है. जिसकी जांच पुलिस मुख्यालय द्वारा अब स्पेशल टॉस्क फोर्स के डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है. जिसके बाद तीनों पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर जेल भेजा जा सकता है.

STF को सौंपी गई जांच.

पुलिस की वर्दी को शर्मसार करने वाली इस घटना के संबंध में वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि जो पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, अगर वो ही अपराधियों की तरह लूट की घटनाओं को अंजाम देगी तो आम आदमी कहां जाएगा. उन्होंने कहा कि यह घटना वर्दी पर दाग है, इससे असुरक्षा की भावना बढ़ी है.

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क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक घटना 4 अप्रैल की बताई जा रही है. जहां राजपुर रोड के पास कैनाल रोड निवासी अनुरोध पंवार ने डालनवाला पुलिस में प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल की रात उनके परिचित अनुपम शर्मा ने उन्हें पेमेंट देने राजपुर रोड़ स्थित एक क्लब में बुलाया था. वो अपनी गाड़ी से अनुपम द्वारा बताई जगह पहुंचे. जहां मैनेजर अर्जुन पंवार ने उन्हें नोटों से भरा बैग दे दिया.

वहीं, जब वह रुपए से भरा बैग लेकर क्लब से निकले तो उनके पीछे पुलिस की एक गाड़ी लग गई. जहां राजपुर रोड के मधुबन होटल के पास पुलिसवालों ने गाड़ी को ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया. जिसके बाद वर्दीधारियों ने आचार संहिता का हवाला देते हुए गाड़ी की तलाशी शुरू की. इस दौरान नोटों से भरा बैग मिलने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें उतार कर अपनी गाड़ी में बैठने को कहा.

पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी गाड़ी में बैठाने के बाद एक वर्दीधारी ने उनको बताया कि सादी वर्दी में आईएएस अधिकारी कार में बैठे हैं. सर्वे चौक के पास पहुंचते ही पुलिसकर्मियों ने उन्हें नीचे उतार दिया और नोटों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए.

इस पूर घटनाक्रम पर अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि मामले की जांच एसटीएफ डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.

Intro:देहरादून- बीते 4 अप्रैल की रात शहर के प्रॉपर्टी डीलर से एक करोड़ की लूट मामले के आरोपी बने सब-इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों व एक अन्य आरोपी पर गिरफ्तारी की तलवार लटक गई है। जानकारी के मुताबिक साक्ष्य और सबूतों के आधार पर लूट की घटना को अंजाम देने वाले तीनों पुलिस कर्मियों को गिरफ्तारी कर जेल भेजा जा सकता है। उधर हाई प्रोफाइल लूट मामले की जांच विवेचना पुलिस मुख्यालय द्वारा स्पेशल टास्क फोर्स एसटीएफ के डिप्टी एसपी कैलाश पवार को सौंपी गई है। ऐसे में अगर जांच निष्पक्ष व सही दिशा में जाती हैं तो एसटीएफ जल्द ही तीनों आरोपी पुलिस कर्मियों के एकत्र किए गए सबूतों के आधार पर प्रारंभिक विवेचना पूरी कर उन्हें जेल भेज सकती हैं!!




Body:लूट के रुपये सम्बंध किसी राजनीतिक पार्टी प्रत्याशी से !!!

जानकारी के मुताबिक आशंका यह भी जताई जा रही है कि, पुलिसकर्मियों द्वारा लूट का रुपया घटना से पहले लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी बने राजनीतिक पार्टी के किसी उम्मीदवार को पहुंचाया जाना था !!! लेकिन ऐन वक्त पर जानकारी लीक होने के बाद पुलिसकर्मियों द्वारा चेकिंग के नाम पर लूट लिया गया।

मामला बीते 4 अप्रैल रात लगभग 10:00 बजे के आसपास का है जब चुनाव आचार संहिता का डर दिखाकर सब इंस्पेक्टर दिनेश नेगी चालक हिमांशु उपाध्याय और कांस्टेबल मनोज द्वारा एक अन्य डीलर की मद्दत से राजपुर रोड में प्रॉपर्टी डीलर से एक करोड़ रुपए लूट की घटना को अंजाम दिया गया। इस पूरे घटनाक्रम में सबसे हैरानी व पुलिस विभाग को शर्मसार करने वाली यह बात सामने आई की,तीनों पुलिसकर्मियों ने घटना को अंजाम देने के लिए अपने वरिष्ठ अधिकारी गढ़वाल परिक्षेत्र आईजी अजय रौतेला की गाड़ी का वारदात के समय इस्तेमाल किया।


तीनों पुलिसकर्मी के बर्खास्त होने की भी आशंका !!

चुनाव आचार संहिता के दौरान निर्वाचन आयोग की स्टैटिक टीम बनकर जिस तरह से सब-इंस्पेक्टर व दो पुलिसकर्मियों द्वारा प्रॉपर्टी डीलर से एक करोड़ की लूट की घटना को अंजाम दिया गया है। वह अपनेआप में एक अलग ही बड़ा गंभीर अपराध बन गया हैं। ऐसे में अंदेशा जताया जा रहा है कि चुनाव आयोग की साख को जिस तरह से दांव पर लगाया गया ? वह अपनेआप में कई तरह के सवाल खड़े करता हैं ! ऐसे में भविष्य में इस तरह की पुनरावृति पर अंकुश लगाने में अगर ठोस कार्रवाई होती हैं तो, सम्भवतः आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ बर्खास्तगी जैसे सख्त से सख्त कार्रवाई होने का भी अंदेशा हैं।
वहीं पुलिस की वर्दी को शर्मसार करने वाली इस घटना के संबंध में वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा का मानना है कि जो पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, अब वही अगर अपराधियों की तरह आम जनता से इस तरह की लूट घटना को अंजाम देती है तो ऐसे में जनता आखिर किससे अपने आप को सुरक्षित महसूस करें यह एक बड़ा सवाल हैं??


बाइट- भागीरथ शर्मा वरिष्ठ पत्रकार


Conclusion:लूट की घटना ने पुलिस विभाग हुआ शर्मसार

उधर जिस तरह से इस लूट की घटना में गढ़वाल आईजी की गाड़ी इस्तेमाल किया गया हैं,उसके चलते पूरे विभाग में यह मामला एक चर्चा का विषय बना हुआ है. वर्दी की आड़ में मित्र पुलिस को शर्मसार करने वाली इस घटना से गढ़वाल आईजी सहित पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी सकते में है। ऐसे नहीं विभाग वर्दी को दागदार करने वाली इस घटना पर सख्त सख्त कार्रवाई कर दोषियों को सजा दिलाने की बात कह रहा है। उधर इस मामले में अपनी नाराजगी दिखाते हुए राज्य में अपराध व कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले अपर पुलिस महानिदेशक कसाब तौर पर कहना है कि मामले की जांच एसटीएफ डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है और इस मामले में सत्य सख्त कारवाई कर दोषियों को सजा दिलाई जाएगी।

बाइट- अशोक कुमार महानिदेशक अपराध व कानून-व्यवस्था उत्तराखंड

बहराल इस मामले में जिस तरह से लूट की घटना में सीसीटीवी फुटेज सहित अन्य साक्ष्य मिलने के बावजूद आरोपित पुलिस वालों के खिलाफ एक सप्ताह से ज्यादा समय बीत जाने के बाद भी संबंधित थाना डालनवाला पुलिस द्वारा अब तक कोई सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी हैं उससे कहीं ना कहीं उत्तराखंड पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं।

Last Updated : Apr 12, 2019, 10:21 PM IST
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