देहरादून: उत्तराखंड पुलिस के सब-इंस्पेक्टर सहित तीन पुलिसकर्मियों पर चुनाव ड्यूटी के दौरान एक करोड़ की लूट का आरोप लगा है. जिसकी जांच पुलिस मुख्यालय द्वारा अब स्पेशल टॉस्क फोर्स के डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है. जिसके बाद तीनों पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर जेल भेजा जा सकता है.
पुलिस की वर्दी को शर्मसार करने वाली इस घटना के संबंध में वरिष्ठ पत्रकार भागीरथ शर्मा कहते हैं कि जो पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए बनाई गई है, अगर वो ही अपराधियों की तरह लूट की घटनाओं को अंजाम देगी तो आम आदमी कहां जाएगा. उन्होंने कहा कि यह घटना वर्दी पर दाग है, इससे असुरक्षा की भावना बढ़ी है.
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क्या है मामला
जानकारी के मुताबिक घटना 4 अप्रैल की बताई जा रही है. जहां राजपुर रोड के पास कैनाल रोड निवासी अनुरोध पंवार ने डालनवाला पुलिस में प्रॉपर्टी डीलर अनुपम शर्मा और तीन पुलिसकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. शिकायत में उन्होंने बताया कि 4 अप्रैल की रात उनके परिचित अनुपम शर्मा ने उन्हें पेमेंट देने राजपुर रोड़ स्थित एक क्लब में बुलाया था. वो अपनी गाड़ी से अनुपम द्वारा बताई जगह पहुंचे. जहां मैनेजर अर्जुन पंवार ने उन्हें नोटों से भरा बैग दे दिया.
वहीं, जब वह रुपए से भरा बैग लेकर क्लब से निकले तो उनके पीछे पुलिस की एक गाड़ी लग गई. जहां राजपुर रोड के मधुबन होटल के पास पुलिसवालों ने गाड़ी को ओवरटेक कर उन्हें रोक लिया. जिसके बाद वर्दीधारियों ने आचार संहिता का हवाला देते हुए गाड़ी की तलाशी शुरू की. इस दौरान नोटों से भरा बैग मिलने पर पुलिसकर्मियों ने उन्हें उतार कर अपनी गाड़ी में बैठने को कहा.
पुलिसकर्मियों द्वारा अपनी गाड़ी में बैठाने के बाद एक वर्दीधारी ने उनको बताया कि सादी वर्दी में आईएएस अधिकारी कार में बैठे हैं. सर्वे चौक के पास पहुंचते ही पुलिसकर्मियों ने उन्हें नीचे उतार दिया और नोटों से भरा बैग छीनकर फरार हो गए.
इस पूर घटनाक्रम पर अपर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि मामले की जांच एसटीएफ डिप्टी एसपी कैलाश पंवार को सौंप दी गई है. जांच के बाद दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.