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माइक्रोसॉफ्ट कंपनी सर्विस के नाम फाइनेंशियल धोखाधड़ी का पर्दाफाश, अश्लील वीडियो दिखाकर विदेशियों से बड़ी लूट

उत्तराखंड एसटीएफ ने देर रात देहरादून से एक फर्जी अंतरराष्ट्रीय कॉल सेंटर का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने कॉल सेंटर से 14 से ज्यादा लोगों लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से तीन को गिरफ्तार किया गया है. बाकियों के खिलाफ सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं. एसटीएफ ने मौके से 1.26 करोड़ का कैश भी बरामद किया है. जांच में पता चला है कि इस पूरे प्रकरण में दिल्ली की एक एजेंसी भी शामिल है. अब STF ये पता करने की कोशिश कर रही है कि आखिर वो कौन लोग हैं जो मुख्य रूप से अमेरिका और कनाडा के लोगों का डाटा इकट्ठा कर इस कॉल सेंटर को उपलब्ध करवा रहे थे.

dehradun fake call center
फर्जी कॉल सेंटर
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Published : Jul 21, 2022, 11:59 AM IST

Updated : Jul 21, 2022, 7:26 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने बीती देर रात 14 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. जांच और पूछताछ के बाद इनमें से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि बाकी 11 के खिलाफ सीआरपीसी नोटिस 41 के तहत सबूत जुटाए जा रहे हैं. वहीं, 7 लोगों को वांटेड किया गया है, जिनकी तलाश जारी है. STF की इस छापेमारी में कॉल सेंटर से एक करोड़ 26 लाख कैश भी बरामद किया गया है.

पूरा मामला: गौर हो कि, देहरादून में उत्तराखंड STF और साइबर पुलिस की संयुक्त छापेमारी के दौरान ईसी रोड़ स्थित फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर के मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. STF की प्रारंभिक जांच पड़ताल में पता चला है कि A To Z Solution नाम से चलने वाला फर्जी कॉल सेंटर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की सर्विस देने के नाम पर अमेरिका और कनाडा निवासियों को जाल में फंसाकर साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देता था.

फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का पर्दाफाश.

दरअसल, जांच में पता चला है दिल्ली स्थित एक एजेंसी दोनों देशों के लोगों का डेटा इकट्ठा कर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की तरफ से कम्प्यूटर व लैपटॉप सर्विसेज और सॉफ्टवेयर अपडेट करने के नाम पर उनसे संपर्क करता था. इसके बाद देहरादून ईसी रोड स्थित इस फर्जी कॉल सेंटर में काम शुरू होता था. यहां से विदेशी लोगों के कम्प्यूटर और लैपटॉप को एक हैकिंग एप के जरिए रिमोर्ट पर लेकर सर्विसेस देने के साथ ही सिस्टम में पोर्न वीडियो अपलोड किये जाते थे और उसको गैरकानूनी बताकर उनसे मोटी रकम फाइनेंसियल साइबर अपराध के रूप में वसूली जाती थी.

डाटा एकत्र करने वाली एजेंसी भी जांच के दायरे में: एसटीएफ के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा वासियों का डाटा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी भी जांच के दायरे में है. इस बात की छानबीन जारी है कि दिल्ली से वो फर्जी कॉल सेंटर और एजेंसी के वो कौन लोग हैं जो विदेशों में लोगों के डाटा एकत्र कर इस पूरे धोखाधड़ी और लूटमार का खेल धड़ल्ले से कर रहे थे.

dehradun fake call center,
1.26 करोड़ कैश बरामद
इसे भी पढ़ें- देहरादून के रिजॉर्ट में कैसीनो गैंबलिंग का भंडाफोड़, 15 लड़कियां मिलीं, 25 जुआरी गिरफ्तार

उत्तराखंड STF अजय सिंह के मुताबिक, काफी दिनों से इस तरह की शिकायत मिल रही थी कि देहरादून में एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर के नाम पर विदेशी लोगों के साथ फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड हो रहा है. इसी शिकायत के आधार पर एसटीएफ और साइबर सिटी ने संयुक्त रूप से इस कॉल सेंटर पर छापेमारी की. कार्रवाई के दौरान 400 से अधिक कम्प्यूटर और लैपटॉप बरामद किए गये हैं, जिनसे मुख्य रूप से कनाडा और अमेरिका के लोगों से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी होती थी.

कमीशन के रूप बंटना था बरामद रुपया: छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर से एक करोड़ 26 लाख कैश बरामद किया गया है. ये रुपया इस धोखाधड़ी में शामिल कॉल सेंटर के लोगों के कमीशन से संबंधित है. ये सारा रुपया एक दिन बाद ही कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को भुगतान के रूप में देना था. बताया जा रहा है कि यहां काम करने वाले युवकों के प्रतिमाह 25 से 30 हजार रुपये कमीशन के रूप दिया जाता था. फिलहाल इस कार्रवाई में 14 लोग गिरफ्तार किये गए हैं. 7 लोगों को वांटेड बनाया गया है, जिनकी तलाश जारी है.

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी सर्विस के नाम फाइनेंशियल धोखाधड़ी का पर्दाफाश.
पढ़ें- माफिया डॉन ने उत्तराखंड को बनाया ठिकाना, देशभर के गैंगस्‍टर ले रहे पनाह !

डेटा चोरी से ही विदेशी लोगों से धोखाधड़ी का खेल: STF एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक इस बात की भी जांच पड़ताल चल रही है कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के नाम से विदेशी लोगों से फ्रॉड करने वालों को वह कौन सी एजेंसी है जो उनका डाटा एकत्र कर कॉल सेंटर को देती है. इस बात के लिए बरामद किए गए 400 कम्प्यूटर व लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स वाले एविडेंस की तकनीकी रूप से जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई जारी है.

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण-
1- मेघा रावत पुत्री वीरेंद्र सिंह रावत, निवासी निकट आईटी पार्क दोहरण नियर होटल ब्लूयू सफायर थाना रायपुर देहरादून.
2- विकास गुप्ता पुत्र प्रदीप गुफ्ता निवासी सहस्त्रधारा रोड नियर टचवुड स्कूल के सामने थाना राजपुर देहरादून.
3- दमन भल्ला पुत्र बनवारी लाल भल्ला मकान नंबर 7 जबदी थाना डिवीजन 5 लुधियाना पंजाब हाल पता स्रकाप अपार्टमेन्ट फ्लैट न0 103जाखन राजपुर रोड देहरादून.

इन लोगों को मिला सीआरपीसी नोटिस 41- (इनके एविडेंस जुटाए जा रहे हैं ताकि कोर्ट में उनको आरोपी बनाकर चार्जशीट दाखिल की जा सके)
1- राघव गुप्ता पुत्र स्व0 सतीश कुमार गुप्ता निवासी बुरारी नई दिल्ली.
2- यसप्रीत सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी देहरादून.
3- लोकेश गिभगली पुत्र रीवाग्री भनाली निवासी देहरादून.
4- करनजीत सिंह पुत्र पलविन्दर सिंह निवासी देहरादून.
5- पुरुषोत्तम कुमार पुत्र भावना झा निवासी मधुबनी बिहार.
6- देव अरोड़ा पुत्र संजय अरोड़ा निवासी देहरादून.
7- हर्ष गांगुली पुत्र चन्द्रप्रकाश निवासी देहरादून.
8- दृष्यत गुलाटी पुत्र स्व0 मनोज गुलाटी निवासी नई दिल्ली.
9- अब्दुल समी पुत्र फरीदुल हैक निवासी देहरादून.
10- प्रोफुल मनी पुत्र प्रकाश मनी निवासी देहरादून.
11- तरुण अग्रवाल पुत्र राजीव अग्रवाल निवासी देहरादून.

7 वांटेंड में ये इन आरोपियों की हुई पहचान-
1- नितिन गुप्ता दिल्ली.
2- उदित गर्ग दिल्ली.
3- गर्भित दिल्ली.

देहरादून: उत्तराखंड एसटीएफ ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह का पर्दाफाश किया है. एसटीएफ ने बीती देर रात 14 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया. जांच और पूछताछ के बाद इनमें से तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि बाकी 11 के खिलाफ सीआरपीसी नोटिस 41 के तहत सबूत जुटाए जा रहे हैं. वहीं, 7 लोगों को वांटेड किया गया है, जिनकी तलाश जारी है. STF की इस छापेमारी में कॉल सेंटर से एक करोड़ 26 लाख कैश भी बरामद किया गया है.

पूरा मामला: गौर हो कि, देहरादून में उत्तराखंड STF और साइबर पुलिस की संयुक्त छापेमारी के दौरान ईसी रोड़ स्थित फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर के मामले में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं. STF की प्रारंभिक जांच पड़ताल में पता चला है कि A To Z Solution नाम से चलने वाला फर्जी कॉल सेंटर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की सर्विस देने के नाम पर अमेरिका और कनाडा निवासियों को जाल में फंसाकर साइबर धोखाधड़ी को अंजाम देता था.

फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का पर्दाफाश.

दरअसल, जांच में पता चला है दिल्ली स्थित एक एजेंसी दोनों देशों के लोगों का डेटा इकट्ठा कर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की तरफ से कम्प्यूटर व लैपटॉप सर्विसेज और सॉफ्टवेयर अपडेट करने के नाम पर उनसे संपर्क करता था. इसके बाद देहरादून ईसी रोड स्थित इस फर्जी कॉल सेंटर में काम शुरू होता था. यहां से विदेशी लोगों के कम्प्यूटर और लैपटॉप को एक हैकिंग एप के जरिए रिमोर्ट पर लेकर सर्विसेस देने के साथ ही सिस्टम में पोर्न वीडियो अपलोड किये जाते थे और उसको गैरकानूनी बताकर उनसे मोटी रकम फाइनेंसियल साइबर अपराध के रूप में वसूली जाती थी.

डाटा एकत्र करने वाली एजेंसी भी जांच के दायरे में: एसटीएफ के मुताबिक, अमेरिका और कनाडा वासियों का डाटा उपलब्ध कराने वाली एजेंसी भी जांच के दायरे में है. इस बात की छानबीन जारी है कि दिल्ली से वो फर्जी कॉल सेंटर और एजेंसी के वो कौन लोग हैं जो विदेशों में लोगों के डाटा एकत्र कर इस पूरे धोखाधड़ी और लूटमार का खेल धड़ल्ले से कर रहे थे.

dehradun fake call center,
1.26 करोड़ कैश बरामद
इसे भी पढ़ें- देहरादून के रिजॉर्ट में कैसीनो गैंबलिंग का भंडाफोड़, 15 लड़कियां मिलीं, 25 जुआरी गिरफ्तार

उत्तराखंड STF अजय सिंह के मुताबिक, काफी दिनों से इस तरह की शिकायत मिल रही थी कि देहरादून में एक इंटरनेशनल कॉल सेंटर के नाम पर विदेशी लोगों के साथ फाइनेंसियल साइबर फ्रॉड हो रहा है. इसी शिकायत के आधार पर एसटीएफ और साइबर सिटी ने संयुक्त रूप से इस कॉल सेंटर पर छापेमारी की. कार्रवाई के दौरान 400 से अधिक कम्प्यूटर और लैपटॉप बरामद किए गये हैं, जिनसे मुख्य रूप से कनाडा और अमेरिका के लोगों से माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के नाम पर धोखाधड़ी होती थी.

कमीशन के रूप बंटना था बरामद रुपया: छापेमारी के दौरान कॉल सेंटर से एक करोड़ 26 लाख कैश बरामद किया गया है. ये रुपया इस धोखाधड़ी में शामिल कॉल सेंटर के लोगों के कमीशन से संबंधित है. ये सारा रुपया एक दिन बाद ही कॉल सेंटर में काम करने वाले लोगों को भुगतान के रूप में देना था. बताया जा रहा है कि यहां काम करने वाले युवकों के प्रतिमाह 25 से 30 हजार रुपये कमीशन के रूप दिया जाता था. फिलहाल इस कार्रवाई में 14 लोग गिरफ्तार किये गए हैं. 7 लोगों को वांटेड बनाया गया है, जिनकी तलाश जारी है.

माइक्रोसॉफ्ट कंपनी सर्विस के नाम फाइनेंशियल धोखाधड़ी का पर्दाफाश.
पढ़ें- माफिया डॉन ने उत्तराखंड को बनाया ठिकाना, देशभर के गैंगस्‍टर ले रहे पनाह !

डेटा चोरी से ही विदेशी लोगों से धोखाधड़ी का खेल: STF एसएसपी अजय सिंह के मुताबिक इस बात की भी जांच पड़ताल चल रही है कि माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के नाम से विदेशी लोगों से फ्रॉड करने वालों को वह कौन सी एजेंसी है जो उनका डाटा एकत्र कर कॉल सेंटर को देती है. इस बात के लिए बरामद किए गए 400 कम्प्यूटर व लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स वाले एविडेंस की तकनीकी रूप से जांच पड़ताल कर आगे की कार्रवाई जारी है.

गिरफ्तार अभियुक्तों का विवरण-
1- मेघा रावत पुत्री वीरेंद्र सिंह रावत, निवासी निकट आईटी पार्क दोहरण नियर होटल ब्लूयू सफायर थाना रायपुर देहरादून.
2- विकास गुप्ता पुत्र प्रदीप गुफ्ता निवासी सहस्त्रधारा रोड नियर टचवुड स्कूल के सामने थाना राजपुर देहरादून.
3- दमन भल्ला पुत्र बनवारी लाल भल्ला मकान नंबर 7 जबदी थाना डिवीजन 5 लुधियाना पंजाब हाल पता स्रकाप अपार्टमेन्ट फ्लैट न0 103जाखन राजपुर रोड देहरादून.

इन लोगों को मिला सीआरपीसी नोटिस 41- (इनके एविडेंस जुटाए जा रहे हैं ताकि कोर्ट में उनको आरोपी बनाकर चार्जशीट दाखिल की जा सके)
1- राघव गुप्ता पुत्र स्व0 सतीश कुमार गुप्ता निवासी बुरारी नई दिल्ली.
2- यसप्रीत सिंह पुत्र जसवीर सिंह निवासी देहरादून.
3- लोकेश गिभगली पुत्र रीवाग्री भनाली निवासी देहरादून.
4- करनजीत सिंह पुत्र पलविन्दर सिंह निवासी देहरादून.
5- पुरुषोत्तम कुमार पुत्र भावना झा निवासी मधुबनी बिहार.
6- देव अरोड़ा पुत्र संजय अरोड़ा निवासी देहरादून.
7- हर्ष गांगुली पुत्र चन्द्रप्रकाश निवासी देहरादून.
8- दृष्यत गुलाटी पुत्र स्व0 मनोज गुलाटी निवासी नई दिल्ली.
9- अब्दुल समी पुत्र फरीदुल हैक निवासी देहरादून.
10- प्रोफुल मनी पुत्र प्रकाश मनी निवासी देहरादून.
11- तरुण अग्रवाल पुत्र राजीव अग्रवाल निवासी देहरादून.

7 वांटेंड में ये इन आरोपियों की हुई पहचान-
1- नितिन गुप्ता दिल्ली.
2- उदित गर्ग दिल्ली.
3- गर्भित दिल्ली.

Last Updated : Jul 21, 2022, 7:26 PM IST
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