देहरादूनः उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक और बड़े फर्जी कॉल सेंटर का पर्दाफाश हुआ है. वसंत विहार से संचालित होने वाले इस फर्जी कॉल सेंटर में उत्तराखंड एसटीएफ ने छापेमारी की. अभी तक टीम ने कॉल सेंटर से दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि उनका एक साथी मौके से फरार होने में कामयाब रहा.
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री योजना के नाम पर आधार कार्ड से लोन दिलाने का झांसा दिया जाता था. आरोपी लोन पर मात्र 1% ब्याज व 50% की छूट का झांसा देकर लोगों को फंसाते थे. इसके साथ ही अपनी जमीन पर मोबाइल टावर लगवाने के एवज में ज्यादा किराया का लालच देकर भी लोगों को झांसा देते थे. घर बैठे विभिन्न प्रकार की नौकरी देने के नाम पर भी ठगी की जाती थी. लोगों से रजिस्ट्रेशन और इंश्योरेंस के नाम पर सर्विस टैक्स, सिक्योरिटी मनी के नाम पर अलग-अलग समय पर मिलाकर 40 से 50 हजार रुपये एक व्यक्ति से ठग लिये जाते थे.
ऐसे होती थी देशभर में ठगी: फर्जी कॉल सेंटर का खुलासा करते हुए एसटीएफ सीओ अंकुश मिश्रा ने बताया कि, दिल्ली से एक टेक्स्ट बल्क मैसेज अलग-अलग राज्यों में कई हजार लोगों को सेंड कराया जाता है. जब पीड़ित व्यक्ति दिए गये नंबरों पर कॉल करते हैं तो उनको फर्जी लोन के दस्तावेज बनाकर सेंड कर दिए जाते हैं. इन दस्तावेजों के झांसे में आकर पहली बार में रजिस्ट्रेशन के नाम पर ₹600 से ₹1000 रुपए फिर इंश्योरेंस के नाम पर 10 से 15 हजार रुपये और टैक्स सर्विस के नाम पर 10 हजार रुपये के आसपास, फिर सिक्योरिटी मनी के नाम से 10 से 15 हजार रुपए एक फर्जी अकाउंट में जमा करा लिए जाते हैं. इस पूरे प्रोसेस के बाद कस्टमर के ज्यादा कॉल करने पर वो नंबर स्विच ऑफ कर देते हैं या उनसे काम करवाने के लिए 10 दिन की मांग करते हैं.
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यह फर्जीवाड़ा पिछले कई महीनों से चल रहा था, जिसमें देशभर के लगभग हजारों लोगों को ठगा गया है और 70 से 80 लाख रुपए की धोखाधड़ी की संभावना है. यह फर्जी कॉल सेंटर अनुराग चौक के पास बीएफसी रेस्टोरेंट की ऊपरी मंजिल में थाना वसंत विहार में चल रहा था.
अभियुक्तों के नाम-
1- दीपक राज शर्मा पुत्र राम लोक शर्मा, चिद्दारपत्ति सुल्तानपुर.
2- विकास उर्फ राम भजन पुत्र उमेश शर्मा निवासी, जिधर भट्टी सुल्तानपुर.
3- फरार सोहित पुत्र अज्ञात निवासी, धामपुर.
वहीं, रेड की सूचना पाकर एक दर्जन से ज्यादा युवतियां मौके से सामान छोड़कर निकल गईं. टीम को मौके से दर्जनों डेस्कटॉप, दो लैपटॉप, लगभग दो दर्जन मोबाइल, कॉलिंग के लिए प्रयोग होने वाले अलग-अलग दर्जनों सिम, देश के अलग-अलग राज्यों के व्यक्तियों के लाखों मोबाइल नंबर, हिसाब-किताब रखने वाले रजिस्टर बरामद हुए हैं.
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दो दिन पहले ही इंटरनेशनल कॉल सेंटर का पर्दाफाश: इससे पहले उत्तराखंड एसटीएफ ने 21 जुलाई को देहरादून से ही संचालित हो रहे A to Z सॉल्यूशन नाम के फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर का खुलासा किया था. ये कॉल सेंटर माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की सर्विस के नाम पर देहरादून में बैठकर ही विदेशों में लोगों को चूना लगा रहे थे. उत्तराखंड एसटीएफ को कॉल सेंटर से एक करोड़ रुपए से ज्यादा का कैश भी बरामद हुआ था. इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत कुल 14 लोगों को गिरफ्तार किया है.
माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के नाम से अमेरिका और कनाडा के विदेशी नागरिकों को फाइनेंशियल साइबर फ्रॉड में ये फर्जी कॉल सेंटर शिकार तो बनाती ही थी बल्कि इसके अलावा अमेजन गिफ्ट कूपन कोड्स और अन्य गिफ्ट वाउचर कोड्स के जरिए क्यूआर कोड से मनी लॉन्ड्रिंग के नए-नए तरीके इजाद कर भी अपराध कर रही थी. शुरुआती जांच में ये मामला हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा प्रतीत होने के कारण एसटीएफ ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) समेत अन्य केंद्रीय एजेंसियों को भी भेजी है.