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केदारनाथ में स्थापित होगी शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा, मैसूर से पहुंचेगी बाबा के धाम - 25 जून को एयर लिफ्ट कर लाया जाएगा गोचर

आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 25 जून को कर्नाटक के मैसूर (Mysore) से गौचर भेजी जाएगी. मैसूर में बनाई जा रही आदि शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची मूर्ति उत्तराखंड के केदारनाथ में अद्वैत वेदांत के प्रतिपादक की समाधि को सुशोभित करेगी.

आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा
आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा
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Published : Jun 13, 2021, 7:34 PM IST

Updated : Jun 14, 2021, 1:36 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड के चारधामों में से एक केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में जल्द ही आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा (Statue of Adiguru Shankaracharya) को स्थापित किया जाएगा. कर्नाटक मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा कृष्णशिला पत्थर (black stone) से तैयार की 12 फीट ऊंची प्रतिमा 25 जून को गौचर पहुंचेगी. प्रतिमा की चमक के लिए उसे नारियल पानी से पॉलिश किया गया है.

साल 2013 में आयी दैवीय आपदा में आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि (Samadhi of Adiguru Shankaracharya) भी बह गई थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है. आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे छह मीटर जमीन की खुदाई कर बनाई गई है.

मैसूर में बन रही शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा.

समाधि के मध्य में मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा तैयार की गयी प्रतिमा को सुशोभित किया जाएगा. पांच पीढ़ियों से मूर्तिकला की विरासत को संजोए हुए मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी ने अपने पुत्र अरुण के साथ मिलकर मूर्ति का काम पूरा किया है. आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिए देश भर के मूर्तिकारों की ओर से अपना मॉडल पेश किया गया था. जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से योगीराज शिल्पी को प्रतिमा तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया था.

आदिगुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा
आदिगुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा

इस विशेष परियोजना के लिए योगीराज ने कच्चे माल के रूप में लगभग 120 टन पत्थर खरीदी और छेनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसका वजन लगभग 35 टन है. योगीराज ने साल 2020 के सितंबर माह से प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया था. मूर्तिकला आदि शंकराचार्य को बैठने की स्थिति में प्रदर्शित करती है. वहीं, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 'प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है. धाम में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों के लिए पर्यटन की दृष्टि से नया आकर्षित स्थल तैयार होगा, जिससे प्रदेश और चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों और कारोबारियों को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.'

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 'भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु आदि गुरु शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है. मात्र 32 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने सनातन धर्म को ओजस्वी शक्ति प्रदान की. केदारनाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने से तीर्थयात्रियों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा. इसके लिए हम प्रधानमंत्री का विशेष आभार व्यक्त करते हैं.'

बता दें कि सेना के हेलीकॉप्टर से 12 फीट ऊंची आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 25 जून को गौचर पहुंचेगी. केदारनाथ धाम में स्थापित होने वाली प्रतिमा पर्यटकों को आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होगी.

देहरादून: उत्तराखंड के चारधामों में से एक केदारनाथ धाम (Kedarnath Dham) में जल्द ही आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा (Statue of Adiguru Shankaracharya) को स्थापित किया जाएगा. कर्नाटक मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा कृष्णशिला पत्थर (black stone) से तैयार की 12 फीट ऊंची प्रतिमा 25 जून को गौचर पहुंचेगी. प्रतिमा की चमक के लिए उसे नारियल पानी से पॉलिश किया गया है.

साल 2013 में आयी दैवीय आपदा में आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि (Samadhi of Adiguru Shankaracharya) भी बह गई थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिशा निर्देश में केदारनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के तहत आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि विशेष डिजाइन से तैयार की गई है. आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि केदारनाथ मंदिर के ठीक पीछे छह मीटर जमीन की खुदाई कर बनाई गई है.

मैसूर में बन रही शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा.

समाधि के मध्य में मैसूर के मूर्तिकारों द्वारा तैयार की गयी प्रतिमा को सुशोभित किया जाएगा. पांच पीढ़ियों से मूर्तिकला की विरासत को संजोए हुए मैसूर के मूर्तिकार योगीराज शिल्पी ने अपने पुत्र अरुण के साथ मिलकर मूर्ति का काम पूरा किया है. आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा निर्माण के लिए देश भर के मूर्तिकारों की ओर से अपना मॉडल पेश किया गया था. जिसके बाद प्रधानमंत्री कार्यालय से योगीराज शिल्पी को प्रतिमा तैयार करने के लिए अनुबंध किया गया था.

आदिगुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा
आदिगुरु शंकराचार्य की 12 फीट ऊंची प्रतिमा

इस विशेष परियोजना के लिए योगीराज ने कच्चे माल के रूप में लगभग 120 टन पत्थर खरीदी और छेनी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद इसका वजन लगभग 35 टन है. योगीराज ने साल 2020 के सितंबर माह से प्रतिमा बनाने का काम शुरू किया था. मूर्तिकला आदि शंकराचार्य को बैठने की स्थिति में प्रदर्शित करती है. वहीं, मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि 'प्रधानमंत्री के ड्रीम प्रोजेक्ट श्री केदारनाथ धाम में पुनर्निर्माण का कार्य किया जा रहा है. धाम में आदिगुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. इसके साथ ही केदारनाथ धाम में तीर्थयात्रियों के लिए पर्यटन की दृष्टि से नया आकर्षित स्थल तैयार होगा, जिससे प्रदेश और चारधाम यात्रा से जुड़े व्यापारियों और कारोबारियों को न केवल आर्थिक लाभ होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा.'

पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि 'भारतीय संस्कृति के विकास एवं संरक्षण में हिंदू दार्शनिक और धर्मगुरु आदि गुरु शंकराचार्य का विशेष योगदान रहा है. मात्र 32 वर्ष के जीवन काल में उन्होंने सनातन धर्म को ओजस्वी शक्ति प्रदान की. केदारनाथ धाम में आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा स्थापित होने से तीर्थयात्रियों को उनके दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होगा. इसके लिए हम प्रधानमंत्री का विशेष आभार व्यक्त करते हैं.'

बता दें कि सेना के हेलीकॉप्टर से 12 फीट ऊंची आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा 25 जून को गौचर पहुंचेगी. केदारनाथ धाम में स्थापित होने वाली प्रतिमा पर्यटकों को आकर्षित करने में मील का पत्थर साबित होगी.

Last Updated : Jun 14, 2021, 1:36 PM IST
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