देहरादून: पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत के कार्यकाल में लाए गए देवस्थानम बोर्ड को लेकर शुरू से ही पंडा पुरोहितों द्वारा विरोध किया जा रहा है. ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने एक बार फिर कहा है कि देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड के चारों धामों के लिए बेहद जरूरी है. त्रिवेंद्र रावत ने देश के अन्य सिद्ध पीठ और बड़े मठ-मंदिरों का उदाहरण दिया है. उन्होंने वहां की सालाना इनकम को साझा करते हुए उत्तराखंड के चारों धामों की सालाना इनकम से तुलना की है, जो कि बेहद कम है.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत का कहना है कि आज देश के सभी बड़े मठ -मंदिर और धाम इसी तरह के बोर्ड के होने से करोड़ों रुपये की सालाना इनकम कर रहे हैं. वह पैसा गरीबों के उत्थान में स्कूल कॉलेज निर्माण में लग रहा है, त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि आज यह बड़े मठ मंदिर वहां के आसपास के लोगों को जीवन यापन का दरिया बन चुके हैं, लेकिन उत्तराखंड में चारों धाम में इस तरह की व्यवस्था न होने से इसका इलाज प्रदेश को नहीं मिल पा रहा है.
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पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने पूरे आत्मविश्वास से इस बात को कहा है कि देवस्थानम बोर्ड उत्तराखंड के आने वाले भविष्य के लिए जरूरी है और उत्तराखंड के भविष्य को उज्जवल करेगा. उन्होंने कहा कि पूरे विश्व के हिंदू धर्म के अनुयायी हमारे चारों धाम में दान पुण्य देना चाहते हैं और उत्तराखंड के प्रति अपनी श्रद्धा रखते हैं. अगर इस पर एक अधिकृत बॉडी नहीं रखी गई, तो उसका लाभ नहीं मिल पाएगा.