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समूह-ग भर्तीः राज्य युवा कल्याण के अभ्यर्थियों ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप

सितंबर 2018 में 917 पदों पर निकली भर्तियों को लेकर राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान व अभ्यर्थियों ने भर्ती को मानकों के अनुसार न होना बताया है. उन्होंने भर्ती निरस्त कर दोबारा मानक के अनुरूप प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है.

लोक सेवा आयोग की भर्ती पर अभ्यर्थियों ने खड़े किे सवाल.
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Published : Aug 11, 2019, 9:44 PM IST

देहरादून: भाजपा नेता और राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान ने प्रदेश की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर साल 2018 में 917 प्रवक्ताओं की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि इसमें नियम व शर्तों का उल्लंघन करके अधियाचन आयोग को भेजा गया है.

लोक सेवा आयोग की भर्ती पर अभ्यर्थियों ने खड़े किे सवाल.

उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मांगों पर भर्ती की जा रही है वह पूरी तरह नियम विरुद्ध और वर्तमान भर्ती नियमावली के खिलाफ है. उनका कहना है कि जिस तरह से नियमों से बाहर जाकर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उससे भ्रष्टाचार की प्रबल संभावनाएं बढ़ गई हैं.

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प्रेस क्लब में भाजपा नेता व अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1985 में एक मामले में निर्णय दिया था की मौखिक परीक्षा के लिए केवल 12.5 प्रतिशत अंक जोड़े जाएं. केंद्रीय कार्मिक विभाग डीओपीडी और आयोग में भी साक्षात्कार में 12. 5 प्रतिशत अंक का मानक रखा गया है.

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इसपर अभ्यर्थियों का कहना है कि अब आयोग 100 अंकों का इंटरव्यू किस आधार पर ले रहा है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने दिल्ली स्थित डीओपीडी की बैठक में समूह-ग के पदों पर साक्षात्कार समाप्त करना बताया था. फिर किस आधार पर समूह-ग के दायरे में रखे गए प्रवक्ता के पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए.

गौरतलब है कि सितंबर 2018 में करीब 917 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इस पर अभ्यर्थियों ने भर्ती को मानकों के अनुसार नहीं बताया है. उन्होंने भर्ती निरस्त कर दोबारा मानक के अनुरूप प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है.

देहरादून: भाजपा नेता और राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान ने प्रदेश की सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि सितंबर साल 2018 में 917 प्रवक्ताओं की भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था. उन्होंने सरकार की मंशा पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि इसमें नियम व शर्तों का उल्लंघन करके अधियाचन आयोग को भेजा गया है.

लोक सेवा आयोग की भर्ती पर अभ्यर्थियों ने खड़े किे सवाल.

उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मांगों पर भर्ती की जा रही है वह पूरी तरह नियम विरुद्ध और वर्तमान भर्ती नियमावली के खिलाफ है. उनका कहना है कि जिस तरह से नियमों से बाहर जाकर भर्ती प्रक्रिया चल रही है, उससे भ्रष्टाचार की प्रबल संभावनाएं बढ़ गई हैं.

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प्रेस क्लब में भाजपा नेता व अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1985 में एक मामले में निर्णय दिया था की मौखिक परीक्षा के लिए केवल 12.5 प्रतिशत अंक जोड़े जाएं. केंद्रीय कार्मिक विभाग डीओपीडी और आयोग में भी साक्षात्कार में 12. 5 प्रतिशत अंक का मानक रखा गया है.

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इसपर अभ्यर्थियों का कहना है कि अब आयोग 100 अंकों का इंटरव्यू किस आधार पर ले रहा है. उन्होंने कहा राज्य सरकार ने दिल्ली स्थित डीओपीडी की बैठक में समूह-ग के पदों पर साक्षात्कार समाप्त करना बताया था. फिर किस आधार पर समूह-ग के दायरे में रखे गए प्रवक्ता के पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए.

गौरतलब है कि सितंबर 2018 में करीब 917 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था. इस पर अभ्यर्थियों ने भर्ती को मानकों के अनुसार नहीं बताया है. उन्होंने भर्ती निरस्त कर दोबारा मानक के अनुरूप प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है.

Intro: भाजपा के नेता और राज्य युवा कल्याण परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष रविंद्र जुगरान ने कहा कि सितंबर 2018 को 917 प्रवक्ताओं की भर्ती के लिए विज्ञप्ति प्रकाशित की गई थी। उन्होने सरकार की मंशा पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि इसमें नियम शर्तों का उल्लंघन करके अधियाचन आयोग को भेजा गया। आयोग ने भी बिना परीक्षण कराए भर्ती प्रक्रिया आरंभ कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन मांगों पर भर्ती की जा रही है वह पूरी तरह नियम विरुद्ध और वर्तमान भर्ती नियमावली के खिलाफ है। उनका कहना है कि जिस तरह से नियमों के बाहर जाकर भर्ती प्रक्रिया चल रही है उससे भ्रष्टाचार की प्रबल संभावनाएं बढ़ गई हैं।


Body: देहरादून के प्रेस क्लब में मीडिया से वार्ता करते हुए भाजपा नेता रविन्द्र जुगरान और अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1985 में 1 मामले में निर्णय दिया था की मौखिक परीक्षा के लिए केवल 12.5 प्रतिशत अंक जोड़े जाएं। केंद्रीय कार्मिक विभाग डीओपीडी और खुद आयोग में भी साक्षात्कार में भी 12. 5 प्रतिशत अंक का मानक रखा गया है। तो फिर आयोग 100 अंकों का इंटरव्यू किस आधार के तहत ले रहा है। उन्होंने कहा राज्य सरकार ने दिल्ली स्थित डीओपीडी की बैठक में समूह ग के पदों पर साक्षात्कार समाप्त करना बताया था। तो फिर किस आधार पर समूह ग के दायरे में रखे गए प्रवक्ता के पदों के लिए साक्षात्कार लिए गए, उन्होंने कहा कि साक्षात्कार भर्ती नियमों का सीधा उल्लंघन और अभ्यर्थियों के साथ अन्याय है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर जो अभ्यर्थी मेरिट में सबसे अच्छे अंक ला रहा है लेकिन साक्षात्कार में कम नंबर मिलने की वजह से वह उसे मौका नहीं मिल रहा है।

बाईट- रविंद्र जुगरान, भाजपा नेता व पूर्व दायित्वधारी

बाईट- रितु हरबोला, अभ्यर्थी


Conclusion:गौरतलब है कि सितंबर 2018 में करीब 917 पदों की भर्ती के लिए विज्ञप्ति जारी की गई थी, जिस पर अभ्यर्थियों ने भर्ती को मानकों के अनुसार नहीं बताया है, उन्होंने भर्ती निरस्त कर दोबारा मानक के अनुरूप प्रक्रिया शुरू करने की मांग की है
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