देहरादून : महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में पोषण अभियान एवं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत आउटसोर्सिंग के माध्यम से कार्मिकों की भर्ती की जानी है. जिसके लिए विभाग के निदेशक की तरफ से हाल ही में लखनऊ की एक निजी आउटसोर्सिंग कंपनी को टेंडर जारी कर किया गया है. जिसमें कई तकनीकी खामियां पाई गई हैं.
पूरे मामले को संज्ञान में लेते हुए महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्य ने गहरी नाराजगी जताई है. साथ ही विभागीय सचिव और विभागीय निदेशक से तत्काल प्रभाव से इस पूरे मामले पर जवाब-तलब किया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए राज्यमंत्री रेखा आर्य ने बताया कि इस पूरे मामले पर बीती 19 सितंबर को टेंडर खोले गए थे. ऐसे में टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी खामियों से जुड़ी शिकायत मिलने पर उन्होंने विभागीय सचिव और निदेशक को फाइल सहित मिलने को बुलाया था. लेकिन इसके बावजूद अब तक भी विभागीय अधिकारी उनसे मिलने नहीं पहुंचे हैं जो सीधे तौर पर इस ओर इशारा करता है कि टेंडर प्रक्रिया में कहीं न कहीं बड़ी धांधलीबाजी जरूर हुई है.
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बता दें कि जिस कंपनी को टेंडर जारी किया गया है उनके पास निविदा प्रपत्र में संविदा श्रमिक नियमावली 1971 का पंजीकरण प्रमाण पत्र नहीं है जो अनिवार्य रूप से होना जरूरी था. इसके अलावा इस कंपनी का नाम उत्तर प्रदेश सरकार की लेबर एक्ट मैनेजमेंट सिस्टम में भी पंजीकृत नहीं है.