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विदेशी पौध को रोगों से बचाने के लिए बनेगा क्वारंटाइन सेंटर - Importing plants from abroad

कृषि मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव अश्वनी कुमार और राजवीर सिंह ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की. इस मुलाकात में विदेशों से आयात होने वाले पौधों को लेकर क्वारंटाइन सेंटर बनाने को लेकर चर्चा हुई.

देहरादून
क्वारंटीन सेंटर का निर्माण
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Published : Oct 6, 2020, 7:37 PM IST

देहरादून: विदेशों से इंपोर्ट होने वाले फूल पौधों में रोग संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए क्वारंटाइन सेंटर का निर्माण किया जा सकता है. आज इसी संदर्भ में भारत सरकार कृषि मंत्रालय का एक डेलिगेशन ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की.

कृषि मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव अश्वनी कुमार और राजवीर सिंह ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की. उन्होंने विदेशों से आयात होने वाले पौधों को लेकर क्वारंटाइन सेंटर बनाने को लेकर चर्चा की. कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने कृषि मंत्री को टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, उधम सिंह नगर और नैनीताल में क्वारंटीन सेंटर बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की और बताया कि इन जगहों पर भूमि तलाशी की जा रही है.

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अधिकारियों द्वारा बताया गया कि भूमि चयन के बाद विदेशों से इंपोर्ट किए जाने वाले पौधों को एक निश्चित समय अवधि तक इन सेंटरों में रखा जाएगा. जहां पर इनका एग्जामिन करके कृषि रोग संक्रमण के जोखिम को कम किया जाएगा. इसके अलावा फसलों में संभावित रोगों के संबंध में भी स्टडी किया जाएगा.

देहरादून: विदेशों से इंपोर्ट होने वाले फूल पौधों में रोग संक्रमण के जोखिम को कम करने के लिए क्वारंटाइन सेंटर का निर्माण किया जा सकता है. आज इसी संदर्भ में भारत सरकार कृषि मंत्रालय का एक डेलिगेशन ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की.

कृषि मंत्रालय भारत सरकार के संयुक्त सचिव अश्वनी कुमार और राजवीर सिंह ने कृषि मंत्री सुबोध उनियाल से मुलाकात की. उन्होंने विदेशों से आयात होने वाले पौधों को लेकर क्वारंटाइन सेंटर बनाने को लेकर चर्चा की. कृषि मंत्रालय के अधिकारियों ने कृषि मंत्री को टिहरी, पौड़ी, हरिद्वार, देहरादून, उधम सिंह नगर और नैनीताल में क्वारंटीन सेंटर बनाने की संभावनाओं पर चर्चा की और बताया कि इन जगहों पर भूमि तलाशी की जा रही है.

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अधिकारियों द्वारा बताया गया कि भूमि चयन के बाद विदेशों से इंपोर्ट किए जाने वाले पौधों को एक निश्चित समय अवधि तक इन सेंटरों में रखा जाएगा. जहां पर इनका एग्जामिन करके कृषि रोग संक्रमण के जोखिम को कम किया जाएगा. इसके अलावा फसलों में संभावित रोगों के संबंध में भी स्टडी किया जाएगा.

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