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देहरादून: वेतन के लिए राज्य सरकार लेगी 3 सौ करोड़ रुपये का कर्ज

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Published : Aug 9, 2019, 11:28 PM IST

राज्य सरकार लगातार कर्जा लेता जा रहा है. कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने व जरूरी खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को एक बार फिर 3 सौ करोड़ का कर्ज लेना पड़ रहा है.

राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन को लेकर लगातार ले रही है कर्ज.

देहरादून: राज्य सरकार आमदनी सीमित होने के बावजूद भी लगातार कर्जा ले रहा है. कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने व जरूरी खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को एक बार फिर 3 सौ करोड़ का कर्ज लेना होगा.

बीते दिनों महानुभाओं के मानदेय में भी सरकार ने दो गुना इजाफा किया था. यही वजह है कि राज्य में हर माह वित्तीय भार बढ़ता जा रहा है. सरकार को प्रदेश में सरकारी, अर्धसरकारी, आउटसोर्सिंग सहित विभिन्न स्तरों पर नियुक्त किए गए कर्मियों के वेतन और मानदेय के साथ पेंशन पर सरकार को प्रतिमाह करीब डेढ़ हजार करोड़ खर्च करना पड़ता है. राज्य सरकार की सीमित आमदनी होने के कारण प्रति महीने बढ़ते खर्च की पूर्ति करने के लिए सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है.

राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन को लेकर लगातार ले रही है कर्ज.

यह भी पढ़ें: नैनीताल पुलिस ने जन सुविधा केंद्र का किया शुभारंभ, सिंगल विंडो सिस्टम से होगा समस्या का समाधान

पिछले चार महीने में राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. अगस्त महीने में दोबारा 3 सौ करोड़ का कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक से राज्य सरकार को अनुमति मिल गई है.
हालांकि, वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि यह रूटीन प्रक्रिया है. राज्य की जीडीपी के अनुसार सभी राज्य लोन लेते हैं, उसी के तहत उत्तराखंड भी लोन लेता है.

देहरादून: राज्य सरकार आमदनी सीमित होने के बावजूद भी लगातार कर्जा ले रहा है. कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने व जरूरी खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को एक बार फिर 3 सौ करोड़ का कर्ज लेना होगा.

बीते दिनों महानुभाओं के मानदेय में भी सरकार ने दो गुना इजाफा किया था. यही वजह है कि राज्य में हर माह वित्तीय भार बढ़ता जा रहा है. सरकार को प्रदेश में सरकारी, अर्धसरकारी, आउटसोर्सिंग सहित विभिन्न स्तरों पर नियुक्त किए गए कर्मियों के वेतन और मानदेय के साथ पेंशन पर सरकार को प्रतिमाह करीब डेढ़ हजार करोड़ खर्च करना पड़ता है. राज्य सरकार की सीमित आमदनी होने के कारण प्रति महीने बढ़ते खर्च की पूर्ति करने के लिए सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है.

राज्य सरकार कर्मचारियों के वेतन को लेकर लगातार ले रही है कर्ज.

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पिछले चार महीने में राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. अगस्त महीने में दोबारा 3 सौ करोड़ का कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक से राज्य सरकार को अनुमति मिल गई है.
हालांकि, वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि यह रूटीन प्रक्रिया है. राज्य की जीडीपी के अनुसार सभी राज्य लोन लेते हैं, उसी के तहत उत्तराखंड भी लोन लेता है.

Intro:राज्य सरकार की आमदनी सीमित होने के बावजूद भी राज्य सरकार लगातार कर्जा ले रही है,कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने और जरूरी खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को एक बार फिर अगले मंगलवार तक 300 करोड़ का कर्ज बाजार से लेना होगा। इसके साथ ही बाजार से कुल कर्ज बढ़कर 1300 करोड़ हो जाएगा। इतना ही नही बीती जुलाई माह में सरकार को 250 करोड़ का कर्ज बाजार से उठाना पड़ा था। हालांकि राज्य के वित्तीय हालात ठीक नही है फिर भी सरकार की फिजूल खर्ची कम होने का नाम नहीं ले रही है सरकार कर्मचारियों के साथ साथ महानुभावो पर खासी दरिया दिली दिखा रही है । बीते दिनों महानुभाओं के मानदेय में भी सरकार ने दो गुना इजाफा किया था यही वजह है कि राज्य में हर माह वित्तीय भार बढ़ता जा रहा है और कर्ज भी........Body:राज्य सरकार को प्रदेश में सरकारी,अर्धसरकारी,आउटसोर्सिंग सहित विभिन्न स्तरों पर नियुक्त किये गए कर्मियों के वेतन और मानदेय के साथ ही पेंशन पर सरकार को प्रतिमाह करीब डेढ़ हज़ार करोड़ खर्च करना पड़ता है और राज्य सरकार की सीमित आमदनी होने के कारण प्रति महीने बढ़ते खर्च की पूर्ति करने के लिए सरकार को बार बार कर्ज़ा लेना पड़ रहा है!पिछले चार महीने में राज्य सरकार ने 1000 हज़ार करोड़ का कर्ज ले चुकी है और अगस्त महीने में दोबारा 300 करोड़ का कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक से राज्य सरकार को अनुमति मिल गई है!Conclusion: हालाँकि वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है ये रूटीन प्रक्रिया है राज्य की जीडीपी के अनुसार सभी राज्य लोन लेते है उसी के तहत उत्तराखंड भी लोन लेता है साथ ही नेगी कहा जीडीपी के अनुसार अभी हम 7 हजार करोड़ का कर्ज और ले सकते है।


बाइट - अमित नेगी , वित्त सचिव
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