देहरादून: राज्य सरकार आमदनी सीमित होने के बावजूद भी लगातार कर्जा ले रहा है. कर्मचारियों को वेतन और भत्ते देने व जरूरी खर्च की पूर्ति के लिए सरकार को एक बार फिर 3 सौ करोड़ का कर्ज लेना होगा.
बीते दिनों महानुभाओं के मानदेय में भी सरकार ने दो गुना इजाफा किया था. यही वजह है कि राज्य में हर माह वित्तीय भार बढ़ता जा रहा है. सरकार को प्रदेश में सरकारी, अर्धसरकारी, आउटसोर्सिंग सहित विभिन्न स्तरों पर नियुक्त किए गए कर्मियों के वेतन और मानदेय के साथ पेंशन पर सरकार को प्रतिमाह करीब डेढ़ हजार करोड़ खर्च करना पड़ता है. राज्य सरकार की सीमित आमदनी होने के कारण प्रति महीने बढ़ते खर्च की पूर्ति करने के लिए सरकार को बार-बार कर्ज लेना पड़ रहा है.
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पिछले चार महीने में राज्य सरकार ने 1 हजार करोड़ का कर्ज ले चुकी है. अगस्त महीने में दोबारा 3 सौ करोड़ का कर्ज लेने के लिए रिजर्व बैंक से राज्य सरकार को अनुमति मिल गई है.
हालांकि, वित्त सचिव अमित नेगी का कहना है कि यह रूटीन प्रक्रिया है. राज्य की जीडीपी के अनुसार सभी राज्य लोन लेते हैं, उसी के तहत उत्तराखंड भी लोन लेता है.