देहरादून: द्वाराहाट विधायक महेश नेगी पर दुष्कर्म का आरोप लगाने वाली महिला खुद सवालों के घेरे में आ रही है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने महिला द्वारा बच्ची का डीएनए टेस्ट कराने पर नाराजगी जताई गई है. बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी ने डीआईजी अरुण मोहन जोशी को पत्र लिख डीएनए टेस्ट करने वाले चिकित्सकों सहित कई अन्य लोगों पर कार्रवाई की मांग की गई है.
द्वाराहाट विधायक महेश नेगी पर महिला ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. इस पूरे मामले में महिला का कहना है कि उसने अपनी बेटी और पति का डीएनए टेस्ट कराया था. जिसमें उनकी बेटी का डीएनए पति के डीएनए से मैच नहीं हो पाया.
ऐसे में महिला ने अपनी बच्ची और विधायक महेश नेगी का डीएनए टेस्ट कराने की मांग रखी है. लेकिन, इन सबके बीच राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने अपनी नाराजगी जताई है. आयोग का कहना है कि आरोपी महिला ने किसकी इजाजत पर अपनी बच्ची का टेस्ट कराया है.
ये भी पढ़ें: उत्तराखंड: खुदाई में घर से मिले चार नरकंकाल, बेटी-दामाद पर हत्या का शक
ईटीवी भारत से फोन पर बात करते हुए उषा नेगी ने कहा कि आरोपी महिला ने बिना कोर्ट के आदेश कैसे अपनी बेटी का डीएनए टेस्ट करा लिया, ऐसे में पुलिस को पूरे मामले की गंभीरता से जांच करना चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
वहीं, अधिवक्ता आलोक घिल्डियाल का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, किसी भी व्यक्ति को डीएनए कराने के लिए कोर्ट की अनुमति लेना अनिवार्य है. जिसके बाद संबंधित जिले के सीएमओ की मौजूदगी में डीएनए टेस्ट किया जाता है. वहीं, सीएमओ द्वारा दी जाने वाली रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाती है.