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समूह ग भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी रोकने का प्रयास, पुलिस-प्रशासन को सौंपी जिम्मेदारी

समूह ग पदों की भर्ती में गड़बड़ी पाए जाने पर अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग परीक्षाओं में पारदर्शिता लाने जा रहा है. जिसके तहत अब प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी गई है.

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समूह ग पदों की भर्ती में गड़बड़ी पर अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का एक्शन
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Published : Oct 24, 2020, 8:09 AM IST

देहरादून: समूह ग पदों की भर्ती करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयन प्रक्रिया के दौरान विवाद हो गया था. जिसे रोकने के लिए अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी है. परीक्षा के दिन चयन आयोग के दिशा- निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस के माध्यम से की जाएगी.

सभी जिलों के अपर जिलाधिकारी और डीएसपी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, साथ ही भर्ती परीक्षाओं के लिए जिलाधिकारी सभी केंद्र के लिए मजिस्ट्रेट तैनात करेंगे. जिसमें जिला स्तर के अधिकारियों में से मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी दी जाएगी. समूह ग पदों की भर्ती परीक्षाओं की तैयारियों व प्रश्न पत्र तैयार करने का दायित्व चयन आयोग का है. परीक्षाओं को लेकर दिशा- निर्देश आयोग जारी करता है. अभी तक परीक्षाओं को सफलता पूर्वक संपन्न कराने की जिम्मेदारी भी आयोग की थी.

पढ़ें- हरिद्वार: जगजीतपुर में बनेगा 1000 बेड का कोविड अस्पताल, तैयारियां जोरों पर

परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थियों की चेकिंग और सुरक्षा प्रबंधन के लिए प्रत्येक जिले में डीएसपी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा. यदि किसी स्तर पर परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी सरकार की ओर से कार्रवाई की जाएगी. मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही आयोग की कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने पर अब सरकार ने जिला प्रशासन व पुलिस की जिम्मेदारी तय की है.

इसके अलावा परीक्षा केंद्रों के बाहर अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच के लिए चार से छह होम गार्ड जवान, दो पुलिस आरक्षी तैनात किए जाएंगे. इसमें दो से तीन महिला पुलिस कर्मी होंगी. शारीरिक जांच केंद्र अधीक्षक, पर्यवेक्षक व मजिस्ट्रेट की निगरानी की जाएगी.

पढ़ें- केंद्रीय सड़क निधि कार्यों की समीक्षा बैठक, समयसीमा में कार्य पूरा करने के निर्देश

बता दें की साल 2014 में सरकार ने समूह ग पदों की भर्ती करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था. पिछले तीन सालों में आयोग ने 57 परीक्षाएं आयोजित कर छह हजार पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की है. लेकिन आयोग की ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, जेई सिविल, फॉरेस्ट गार्ड पदों की भर्ती विवादों में रही है. ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 196 पदों की भर्ती परीक्षा निरस्त कर दोबारा से करानी पड़ी थी.

सचिव चयन आयोग के संतोष बडोनी ने बताया की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए आयोग लगातार प्रयास कर रहा है. आयोग के आग्रह पर सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए आदेश जारी किए हैं. साथ ही परीक्षा से संबंधित गोपनीय सामग्री कोषागारों में डबल लॉक में रखी जाएगी. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य कोषाधिकारी व वरिष्ठ कोषाधिकारी की होगी. परीक्षा कराने के लिए आयोग को महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्नीक कॉलेज, आईटीआई भवन की अनुमति दी जाएगी.

देहरादून: समूह ग पदों की भर्ती करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयन प्रक्रिया के दौरान विवाद हो गया था. जिसे रोकने के लिए अब अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भर्ती परीक्षाओं की पारदर्शिता के साथ आयोजित करने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस को जिम्मेदारी सौंपी है. परीक्षा के दिन चयन आयोग के दिशा- निर्देशों का पालन कराने की जिम्मेदारी जिलाधिकारी और पुलिस के माध्यम से की जाएगी.

सभी जिलों के अपर जिलाधिकारी और डीएसपी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा, साथ ही भर्ती परीक्षाओं के लिए जिलाधिकारी सभी केंद्र के लिए मजिस्ट्रेट तैनात करेंगे. जिसमें जिला स्तर के अधिकारियों में से मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी दी जाएगी. समूह ग पदों की भर्ती परीक्षाओं की तैयारियों व प्रश्न पत्र तैयार करने का दायित्व चयन आयोग का है. परीक्षाओं को लेकर दिशा- निर्देश आयोग जारी करता है. अभी तक परीक्षाओं को सफलता पूर्वक संपन्न कराने की जिम्मेदारी भी आयोग की थी.

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परीक्षा केंद्रों में अभ्यर्थियों की चेकिंग और सुरक्षा प्रबंधन के लिए प्रत्येक जिले में डीएसपी को नोडल अधिकारी नामित किया जाएगा. यदि किसी स्तर पर परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ भी सरकार की ओर से कार्रवाई की जाएगी. मुख्य सचिव की ओर से सभी जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं. साथ ही आयोग की कई भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी सामने आने पर अब सरकार ने जिला प्रशासन व पुलिस की जिम्मेदारी तय की है.

इसके अलावा परीक्षा केंद्रों के बाहर अभ्यर्थियों की शारीरिक जांच के लिए चार से छह होम गार्ड जवान, दो पुलिस आरक्षी तैनात किए जाएंगे. इसमें दो से तीन महिला पुलिस कर्मी होंगी. शारीरिक जांच केंद्र अधीक्षक, पर्यवेक्षक व मजिस्ट्रेट की निगरानी की जाएगी.

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बता दें की साल 2014 में सरकार ने समूह ग पदों की भर्ती करने के लिए अधीनस्थ सेवा चयन आयोग का गठन किया गया था. पिछले तीन सालों में आयोग ने 57 परीक्षाएं आयोजित कर छह हजार पदों पर चयन प्रक्रिया पूरी की है. लेकिन आयोग की ग्राम पंचायत विकास अधिकारी, जेई सिविल, फॉरेस्ट गार्ड पदों की भर्ती विवादों में रही है. ग्राम पंचायत विकास अधिकारी के 196 पदों की भर्ती परीक्षा निरस्त कर दोबारा से करानी पड़ी थी.

सचिव चयन आयोग के संतोष बडोनी ने बताया की भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता के लिए आयोग लगातार प्रयास कर रहा है. आयोग के आग्रह पर सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी रोकने के लिए आदेश जारी किए हैं. साथ ही परीक्षा से संबंधित गोपनीय सामग्री कोषागारों में डबल लॉक में रखी जाएगी. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी मुख्य कोषाधिकारी व वरिष्ठ कोषाधिकारी की होगी. परीक्षा कराने के लिए आयोग को महाविद्यालय, इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलिटेक्नीक कॉलेज, आईटीआई भवन की अनुमति दी जाएगी.

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