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वर्ल्ड रोज डे: क्या है कैंसर रोग, कैसे करें बचाव, जानिए कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ नवनीत जैन से

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Published : Sep 22, 2020, 6:02 AM IST

Updated : Sep 22, 2020, 3:08 PM IST

हर साल 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज-डे कनाडा की एक बच्ची मेलिंडा की याद में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का मकसद है लोगों में कैसर के प्रति जागरुकता फैलाना है.

World Rose Day 2020
वर्ल्ड रोज डे 2020

देहरादून: कैंसर जैसे गंभीर और जानलेवा रोग के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए हर साल विश्वभर में 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है. इस दिन को रोज डे इसलिए कहा गया है, क्योंकि कनाडा में रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची मेलिंडा रोज की साल 1974 में सितंबर माह में ब्लड कैंसर से जूझते हुए मृत्यु हो गई थी.

आज वर्ल्ड रोज डे के मौके पर अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से ईटीवी भारत आपको केंसर रोग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों से रूबरू कराने जा रहा है. साथ ही यह भी बताएगा कि देश के साथ ही प्रदेश में किस तेजी के साथ केंसर रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है.

क्या है कैंसर?

कैंसर रोग को बेहतर समझने के लिए ईटीवी भारत ने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन से खास बातचीत की. कैंसर रोग के संबंध में डॉ. नवनीत जैन ने बताया कि कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसमें कोशिकाओं (cell) की अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर के अंगों में फेल कर यह पूरे शरीर को नष्ट करने लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है यह एक जानलेवा रोग है. डॉ. जैन ने कहा कि अगर कैंसर पीड़ित मरीज समय पर अपना इलाज शुरू कर दे तो उसकी जान निश्चित तौर पर बचाई जा सकती है.

वर्ल्ड रोज डे पर डॉ नवनीत जैन से बातचीत.

पढ़ें- अब AIIMS ऋषिकेश में होगा HIV संक्रमितों का उपचार, मिली 'एआरटी' सेंटर खोलने की अनुमति

आखिर कितने प्रकार के कैंसर रोग हो सकते हैं ?

बात केंसर रोग के प्रकारों की करें तो इस पर अभी भी शोध जारी हैं. दरअसल, असंख्य प्रकार की कोशिकाएं मिलकर मानव शरीर का निर्माण करती हैं. कैंसर की बीमारी कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से जुड़ा एक रोग है, इसलिए इसके कई प्रकार हो सकते हैं. अब तक जो तरह तरह के कैंसर रोग सामने आ चुके हैं. उनकी संख्या 100 से ऊपर है. लेकिन भारत में मुख्यतः ज्यादा लोग लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, स्टमक कैंसर और माउथ कैंसर यानी मुंह के कैंसर का ज्यादा शिकार हो रहे हैं.

कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारण

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन बताते हैं कि बीते कुछ सालों में भारत में हर साल 18 से 20 लाख लोग कैंसर रोग का शिकार हो रहे हैं. डॉ. जैन के मुताबिक भारत में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के प्रमुख कारणों में एक कारण तंबाकू का सेवन भी है. इसके साथ ही महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर भी भारत में एक आम बात हो चुकी है, जिसके पीछे का एक बड़ा कारण हार्मोनल इंबैलेंस है. वहीं, कई बार कैंसर रोग आनुवंशिकी से निर्धारित भी होता है.

पढ़ें- लोकसभा में अजय भट्ट ने उठाया काशीपुर का मुद्दा, कहा- ओवरब्रिज निर्माण कार्य तुरंत हो शुरू

किस तरह किया जाता है कैंसर का इलाज ?

कैंसर रोग से बेहतर तरह से निपटने के लिए आज भी देश-विदेश में लगातार शोध जारी है. वर्तमान में अलग-अलग थैरेपी के माध्यम से अलग-अलग स्टेज के कैंसर रोगियों का इलाज किया जाता है. कैंसर के 4 स्टेज होते हैं. अगर कैंसर का पता पहले या दूसरे स्टेज में चल जाए तो ऑनको सर्जरी, रेडियंस थेरेपी, कीमोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी के माध्यम से मरीज का इलाज किया जा सकता है. हालांकि, मरीज इस इलाज के बावजूद कितने सालों तक जी सकेगा. यह इस बात पर निर्भर करती है कि मरीज में किस स्टेज के कैंसर की पुष्टि हुई है.

कैसे रखें खुद को कैंसर रोग से सुरक्षित ?

कैंसर रोग एक ऐसा रोग है, जिसका शुरुआती दौर में तो कई बार पता भी नहीं चल पाता. ऐसे में कैंसर रोग से बचाव का सबसे बेहतर विकल्प यही है कि समय-समय पर अपना और अपने परिवारजनों का मेडिकल चेकअप कराते रहें. इस बात का भी पूरा ख्याल रखें कि यदि शरीर के किसी भी हिस्से में कोई गांठ या उभर महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि अबतक कैंसर रोग को पूरी तरह खत्म करने को लेकर कोई थेरेपी नहीं आ पाई है, लेकिन अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाते हैं. समय-समय पर अपना और अपने परिवार की मेडिकल जांच कराते हैं, तो निश्चित तौर पर आप कैंसर जैसी जानलेवा रोग से खुद को और अपने परिवारजनों को बचा सकते हैं.

देहरादून: कैंसर जैसे गंभीर और जानलेवा रोग के प्रति लोगो को जागरूक करने के लिए हर साल विश्वभर में 22 सितंबर को वर्ल्ड रोज डे मनाया जाता है. इस दिन को रोज डे इसलिए कहा गया है, क्योंकि कनाडा में रहने वाली एक 12 वर्षीय बच्ची मेलिंडा रोज की साल 1974 में सितंबर माह में ब्लड कैंसर से जूझते हुए मृत्यु हो गई थी.

आज वर्ल्ड रोज डे के मौके पर अपनी इस रिपोर्ट के माध्यम से ईटीवी भारत आपको केंसर रोग से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों से रूबरू कराने जा रहा है. साथ ही यह भी बताएगा कि देश के साथ ही प्रदेश में किस तेजी के साथ केंसर रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही है.

क्या है कैंसर?

कैंसर रोग को बेहतर समझने के लिए ईटीवी भारत ने कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन से खास बातचीत की. कैंसर रोग के संबंध में डॉ. नवनीत जैन ने बताया कि कैंसर एक ऐसा रोग है, जिसमें कोशिकाओं (cell) की अनियंत्रित वृद्धि होने लगती है. धीरे-धीरे शरीर के अंगों में फेल कर यह पूरे शरीर को नष्ट करने लगता है, लेकिन ऐसा नहीं है यह एक जानलेवा रोग है. डॉ. जैन ने कहा कि अगर कैंसर पीड़ित मरीज समय पर अपना इलाज शुरू कर दे तो उसकी जान निश्चित तौर पर बचाई जा सकती है.

वर्ल्ड रोज डे पर डॉ नवनीत जैन से बातचीत.

पढ़ें- अब AIIMS ऋषिकेश में होगा HIV संक्रमितों का उपचार, मिली 'एआरटी' सेंटर खोलने की अनुमति

आखिर कितने प्रकार के कैंसर रोग हो सकते हैं ?

बात केंसर रोग के प्रकारों की करें तो इस पर अभी भी शोध जारी हैं. दरअसल, असंख्य प्रकार की कोशिकाएं मिलकर मानव शरीर का निर्माण करती हैं. कैंसर की बीमारी कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि से जुड़ा एक रोग है, इसलिए इसके कई प्रकार हो सकते हैं. अब तक जो तरह तरह के कैंसर रोग सामने आ चुके हैं. उनकी संख्या 100 से ऊपर है. लेकिन भारत में मुख्यतः ज्यादा लोग लंग कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, स्टमक कैंसर और माउथ कैंसर यानी मुंह के कैंसर का ज्यादा शिकार हो रहे हैं.

कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के मुख्य कारण

कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. नवनीत जैन बताते हैं कि बीते कुछ सालों में भारत में हर साल 18 से 20 लाख लोग कैंसर रोग का शिकार हो रहे हैं. डॉ. जैन के मुताबिक भारत में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या के प्रमुख कारणों में एक कारण तंबाकू का सेवन भी है. इसके साथ ही महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर भी भारत में एक आम बात हो चुकी है, जिसके पीछे का एक बड़ा कारण हार्मोनल इंबैलेंस है. वहीं, कई बार कैंसर रोग आनुवंशिकी से निर्धारित भी होता है.

पढ़ें- लोकसभा में अजय भट्ट ने उठाया काशीपुर का मुद्दा, कहा- ओवरब्रिज निर्माण कार्य तुरंत हो शुरू

किस तरह किया जाता है कैंसर का इलाज ?

कैंसर रोग से बेहतर तरह से निपटने के लिए आज भी देश-विदेश में लगातार शोध जारी है. वर्तमान में अलग-अलग थैरेपी के माध्यम से अलग-अलग स्टेज के कैंसर रोगियों का इलाज किया जाता है. कैंसर के 4 स्टेज होते हैं. अगर कैंसर का पता पहले या दूसरे स्टेज में चल जाए तो ऑनको सर्जरी, रेडियंस थेरेपी, कीमोथेरेपी और हार्मोन थेरेपी के माध्यम से मरीज का इलाज किया जा सकता है. हालांकि, मरीज इस इलाज के बावजूद कितने सालों तक जी सकेगा. यह इस बात पर निर्भर करती है कि मरीज में किस स्टेज के कैंसर की पुष्टि हुई है.

कैसे रखें खुद को कैंसर रोग से सुरक्षित ?

कैंसर रोग एक ऐसा रोग है, जिसका शुरुआती दौर में तो कई बार पता भी नहीं चल पाता. ऐसे में कैंसर रोग से बचाव का सबसे बेहतर विकल्प यही है कि समय-समय पर अपना और अपने परिवारजनों का मेडिकल चेकअप कराते रहें. इस बात का भी पूरा ख्याल रखें कि यदि शरीर के किसी भी हिस्से में कोई गांठ या उभर महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

बहरहाल, इसमें कोई दो राय नहीं है कि अबतक कैंसर रोग को पूरी तरह खत्म करने को लेकर कोई थेरेपी नहीं आ पाई है, लेकिन अगर आप अपनी जीवनशैली में कुछ सकारात्मक बदलाव लाते हैं. समय-समय पर अपना और अपने परिवार की मेडिकल जांच कराते हैं, तो निश्चित तौर पर आप कैंसर जैसी जानलेवा रोग से खुद को और अपने परिवारजनों को बचा सकते हैं.

Last Updated : Sep 22, 2020, 3:08 PM IST
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