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PM WANI और मोबाइल टावर उत्सर्जन पर विशेष जागरूकता कार्यशाला

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Published : Mar 17, 2021, 6:47 AM IST

देहरादून में PM WANI को लेकर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया. भविष्य में PCO/STD बूथ की तर्ज पर हाई स्पीड डेटा एक्सेस के लिए देश भर में वाई-फाई डेटा सेंटर की परिकल्पना की गई.

PM WANI
पीएम वानी

देहरादून: PM WANI यानी (प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) को लेकर राजधानी देहरादून में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस योजना के तहत 90 के दशक में वॉयस कॉल के लिए खोले गए PCO/STD बूथ की तर्ज पर अब हाई स्पीड डेटा एक्सेस के लिए देश के कोने-कोने में वाईफाई डेटा सेंटर की परिकल्पना की गई है. इससे भविष्य में कोई भी शख्स इन डेटा सेंटर को किराने की दुकान, पान की दुकान या किसी भी अन्य छोटी दुकान में कम निवेश के साथ और बिना किसी लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता के स्थापित कर सकता है. इससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा भी मिलेगा.

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वहीं दूसरी तरफ इस कार्यशाला में टावर विकिरण को लेकर फैली आशंकाओं को भी दूर करने का प्रयास किया गया. कार्यशाला में बताया गया कि मोबाइल टावर के एंटीना से उत्सर्जन बेहद न्यूनतम स्तर का होता है. जिसका मानव शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता. उत्सर्जन स्तर हमेशा दूरसंचार विभाग द्वारा निर्धारित सीमा से नीचे रखा जाता है. भारत में यह सीमा विश्व आयोग (ICNIRP) द्वारा निर्धारित मानक से दस गुना कम है. डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक अध्ययनों के तहत यह निष्कर्ष निकाला गया कि मोबाइल टावर उत्सर्जन से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं है.

देहरादून: PM WANI यानी (प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस) को लेकर राजधानी देहरादून में विशेष कार्यशाला का आयोजन किया गया. इस योजना के तहत 90 के दशक में वॉयस कॉल के लिए खोले गए PCO/STD बूथ की तर्ज पर अब हाई स्पीड डेटा एक्सेस के लिए देश के कोने-कोने में वाईफाई डेटा सेंटर की परिकल्पना की गई है. इससे भविष्य में कोई भी शख्स इन डेटा सेंटर को किराने की दुकान, पान की दुकान या किसी भी अन्य छोटी दुकान में कम निवेश के साथ और बिना किसी लाइसेंस या पंजीकरण की आवश्यकता के स्थापित कर सकता है. इससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में रोजगार सृजन को बढ़ावा भी मिलेगा.

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वहीं दूसरी तरफ इस कार्यशाला में टावर विकिरण को लेकर फैली आशंकाओं को भी दूर करने का प्रयास किया गया. कार्यशाला में बताया गया कि मोबाइल टावर के एंटीना से उत्सर्जन बेहद न्यूनतम स्तर का होता है. जिसका मानव शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता. उत्सर्जन स्तर हमेशा दूरसंचार विभाग द्वारा निर्धारित सीमा से नीचे रखा जाता है. भारत में यह सीमा विश्व आयोग (ICNIRP) द्वारा निर्धारित मानक से दस गुना कम है. डब्ल्यूएचओ के वैज्ञानिक अध्ययनों के तहत यह निष्कर्ष निकाला गया कि मोबाइल टावर उत्सर्जन से स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव का कोई प्रमाण नहीं है.

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