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कोरोना वायरस के 'मोर्चे' पर IMA कितना तैयार? देखिए खास रिपोर्ट

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Published : Jun 10, 2020, 7:49 PM IST

Updated : Jun 10, 2020, 8:31 PM IST

कोरोना के डर से जब सारी गतिविधियां रोक दी गयी हैं, तमाम संस्थान बंद पड़े हैं. तब भी भारतीय सैन्य अकादमी अपने काम को सुरक्षा के साथ बदस्तूर जारी रखे हुए हैं. ये सब मुमकिन हुआ है मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विसेस की उस मशीन के जरिये जिससे कोरोना वायरस भी घबराता है. पढ़िए स्पेशल रिपोर्ट.

IMA
कोरोना वायरस को लेकर IMA की खास तैयारी

देहरादून: आपातकाल के हालात में जब सब थम जाता है, तब भी सेना अपने कदम नही रोकती. जी हां भारतीय सैन्य अकादमी में बदस्तूर जारी प्रशिक्षण का काम इस बात को जाहिर करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोविड-19 को अकादमी के ऑफिसर्स और कैडेट्स ने कैसे मात दी. जानिए, ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में.

दरअसल, इंडियन मिलिट्री एकेडमी ने एक तरफ से अपने काम के तरीके को बदला और एहतियात बढ़ाई. लेकिन इसके साथ एक ऐसी मशीन का भी प्रयोग किया गया. जिसने बाहर से आईएमए में कोरोना को घुसने ही नहीं दिया. दरअसल, थ्री लेयर सिक्योरिटी वाली इस मशीन में पहले बॉक्स में बिना किसी सामान को हाथ लगाए शख्स के पूरे शरीर को सैनिटाइज किया जाता है.

हूटर बजने के बाद शख्स को दूसरे लेयर में जाना होता है. जहां उस शख्स के मोबाइल या दूसरे सभी सामानों को अल्ट्रावायलेट किरणों से गुजरना होता है. इसके बाद तीसरे चरण में 45 डिग्री से ज्यादा तापमान वाले बॉक्स में रहना होता है, जहां कीटाणु जीवित ही नहीं रह सकता. इन सभी प्रक्रियों का पूरा करने के बाद विजिटर्स को आईएमए में प्रवेश दिया जाता है.

कोरोना वायरस के 'मोर्चे' पर IMA कितना तैयार?

पढ़ेंः केदारनाथ पुनर्निर्माण कार्य देख पीएम मोदी बोले- ऐसा हो निर्माण जो अगले 100 साल याद रखे दुनिया

13 जून को इंडियन मिलिट्री एकेडमी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. इस बार आईएमए के पासिंग आउट परेड में कुछ नई परंपराओं को शुरू किया जाएगा. भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड इस बार कुछ नये अंदाज में नजर आएगा. इस बार कैडेट्स के लिए उनके गुरू ही अभिभावक की भूमिका भी निभाएंगे.

देहरादून: आपातकाल के हालात में जब सब थम जाता है, तब भी सेना अपने कदम नही रोकती. जी हां भारतीय सैन्य अकादमी में बदस्तूर जारी प्रशिक्षण का काम इस बात को जाहिर करता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि कोविड-19 को अकादमी के ऑफिसर्स और कैडेट्स ने कैसे मात दी. जानिए, ईटीवी भारत की खास रिपोर्ट में.

दरअसल, इंडियन मिलिट्री एकेडमी ने एक तरफ से अपने काम के तरीके को बदला और एहतियात बढ़ाई. लेकिन इसके साथ एक ऐसी मशीन का भी प्रयोग किया गया. जिसने बाहर से आईएमए में कोरोना को घुसने ही नहीं दिया. दरअसल, थ्री लेयर सिक्योरिटी वाली इस मशीन में पहले बॉक्स में बिना किसी सामान को हाथ लगाए शख्स के पूरे शरीर को सैनिटाइज किया जाता है.

हूटर बजने के बाद शख्स को दूसरे लेयर में जाना होता है. जहां उस शख्स के मोबाइल या दूसरे सभी सामानों को अल्ट्रावायलेट किरणों से गुजरना होता है. इसके बाद तीसरे चरण में 45 डिग्री से ज्यादा तापमान वाले बॉक्स में रहना होता है, जहां कीटाणु जीवित ही नहीं रह सकता. इन सभी प्रक्रियों का पूरा करने के बाद विजिटर्स को आईएमए में प्रवेश दिया जाता है.

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13 जून को इंडियन मिलिट्री एकेडमी के इतिहास में एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है. इस बार आईएमए के पासिंग आउट परेड में कुछ नई परंपराओं को शुरू किया जाएगा. भारतीय सैन्य अकादमी में पासिंग आउट परेड इस बार कुछ नये अंदाज में नजर आएगा. इस बार कैडेट्स के लिए उनके गुरू ही अभिभावक की भूमिका भी निभाएंगे.

Last Updated : Jun 10, 2020, 8:31 PM IST
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