देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के दो भवनों को जोड़ने वाले फुटओवर ब्रिज सवालों के घेरे में आ गया है. एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे (SP Traffic Akshay Prahlad Konde) का कहना है कि ब्रिज निर्माण में मानकों का ध्यान (Standards ignored in footover bridge construction) नहीं रखा गया. ब्रिज का निर्माण करने से पहले अस्पताल प्रशासन ने पुलिस से कोई एनओसी नहीं ली.
दून अस्पताल के आसपास के लोगों को जाम से छुटकारा दिलाने के लिए अप्रैल 2020 में ब्रिज का काम शुरू किया गया था. यह फुटओवर ब्रिज दून अस्पताल के पुराने भवन और नई ओपीडी भवन को जोड़ने के उद्देश्य से बनाया गया. लेकिन एसपी ट्रैफिक ने ब्रिज को अवैज्ञानिक बताया है. उन्होंने कहा कि ब्रिज बनाने में तकनीकी पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया. इसका नतीजा यह है कि यहां पर अक्सर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है. आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती है.
एसपी ट्रैफिक अक्षय प्रह्लाद कोंडे का कहना है कि फुटओवर ब्रिज अवैज्ञानिक तरीके से बना हुआ है. हालांकि, फुटओवर ब्रिज का यूज अच्छा है. क्योंकि यह दून अस्पताल के अलग-अलग स्ट्रक्चर को कनेक्ट कर रहा है. लेकिन यातायात की दृष्टि से देखा जाए तो इसके पिलर गोल होने चाहिए थे, जबकि इसे चौकोर बना दिया गया है. इसके चलते यहां अक्सर जाम की स्थिति बनी रहती है. इसके अलावा एमडीडीए के आर्किटेक्ट या ट्रैफिक एक्सपर्ट की राय लिए बगैर इस ब्रिज का निर्माण कर दिया गया.
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एसपी ट्रैफिक का यह भी कहना है कि उन्होंने इसके लिए सड़क सुरक्षा समिति को भी पत्र भेजा है. इसके साथ ही इसके ऑडिट के लिए भी लिखा है, ताकि इसमें सुधार हो सके. वहीं, इस संबंध में जब अस्पताल प्रशासन के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कहा कि इस मामले में दून मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल अपनी प्रतिक्रिया दे सकते हैं. लेकिन प्रिंसिपल की ओर से फोन नहीं उठाया.