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मल्लीताल SHO के ट्रांसफर को पुलिस मुख्यालय ने रोका, मंत्री के पति के दबाव में हुआ था तबादला

पुलिस मुख्यालय ने वायरल वीडियो और मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए दरोगा के ट्रांसफर को रोक दिया है.

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Published : Sep 7, 2019, 8:53 PM IST

Updated : Sep 7, 2019, 10:31 PM IST

SHO ट्रांसफर का मामला

देहरादून: नैनीताल जिले में एसएचओ के ट्रांसफर के मामले में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की जांच एसपी सिटी हल्द्वानी को सौपीं गई है. वहीं अभी एसएचओ का ट्रांसफर रोक दिया गया है.

दरअसल, ये मामला सत्ता की हनक से जुड़ा हुआ है. एक दर्जाधारी राज्यमंत्री के पति का नैनीताल में मल्लीताल थाने के एसएचओ से सिर्फ इस बात पर विवाद हो गया कि उन्होंने गलत साइड में कार खड़ी करने से रोका था. ये बात मंत्री के पति को नागवार गुजरी. मंत्री के पति ने सत्ता का रोब दिखाते हुए मौके से ही किसी मंत्री को फोन किया और एसएचओ की शिकायत की. सबसे बड़ी बात ये थी कि इस घटना के कुछ घंटो बाद ही एसएचओ राहुल राठी का तबादला पिथौरागढ़ कर दिया गया था.

SHO ट्रांसफर का मामला

पढ़ें- हल्द्वानी: SHO को मंत्री के पति से उलझना पड़ा भारी, बदले में मिला ट्रांसफर

हालांकि एसएचओ राहुल राठी के ट्रांसफर को लेकर डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी ने सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि उक्त एसएचओ का व्यवहार पुलिस के प्रति ठीक नहीं था. करीब 1 महीने पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया था जो अंडर प्रोसेस था. अब उसका ट्रांसफर किया गया है.

पढ़ें- नामांकन रद्द होने से भड़के छात्र, महाविद्यालय गेट पर दिया धरना

ये वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई थी. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि सही रूप से ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को किसी रसूखदार के दबाव में सजा नहीं दी जा सकती है. यह पूरी तरह से गलत है. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. वायरल वीडियो और मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए दरोगा के ट्रांसफर को रोक दिया गया है.

देहरादून: नैनीताल जिले में एसएचओ के ट्रांसफर के मामले में उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय ने निष्पक्ष जांच के आदेश दिए हैं. इस मामले की जांच एसपी सिटी हल्द्वानी को सौपीं गई है. वहीं अभी एसएचओ का ट्रांसफर रोक दिया गया है.

दरअसल, ये मामला सत्ता की हनक से जुड़ा हुआ है. एक दर्जाधारी राज्यमंत्री के पति का नैनीताल में मल्लीताल थाने के एसएचओ से सिर्फ इस बात पर विवाद हो गया कि उन्होंने गलत साइड में कार खड़ी करने से रोका था. ये बात मंत्री के पति को नागवार गुजरी. मंत्री के पति ने सत्ता का रोब दिखाते हुए मौके से ही किसी मंत्री को फोन किया और एसएचओ की शिकायत की. सबसे बड़ी बात ये थी कि इस घटना के कुछ घंटो बाद ही एसएचओ राहुल राठी का तबादला पिथौरागढ़ कर दिया गया था.

SHO ट्रांसफर का मामला

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हालांकि एसएचओ राहुल राठी के ट्रांसफर को लेकर डीआईजी कुमाऊं जगतराम जोशी ने सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि उक्त एसएचओ का व्यवहार पुलिस के प्रति ठीक नहीं था. करीब 1 महीने पहले ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया था जो अंडर प्रोसेस था. अब उसका ट्रांसफर किया गया है.

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ये वीडियो सोशल मीडिया पर आने के बाद पुलिस की काफी फजीहत हुई थी. जिसके बाद पुलिस मुख्यालय ने इस मामले में हस्तक्षेप किया. इस मामले में ज्यादा जानकारी देते हुए पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि सही रूप से ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को किसी रसूखदार के दबाव में सजा नहीं दी जा सकती है. यह पूरी तरह से गलत है. मामले की जांच की जा रही है. जांच के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. वायरल वीडियो और मीडिया की खबरों का संज्ञान लेते हुए दरोगा के ट्रांसफर को रोक दिया गया है.

Intro:summary-नैनीताल दरोगा ट्रांसफर मामले में PHQ का हस्तक्षेप, मामलें की निष्पक्ष जांच के आदेश,किसी दबाव में ना आये अधिकारी:मुख्यालय,आईजी से मामलें की जांच तलब


नैनीताल शहर के तल्लीताल थानाध्यक्ष राहुल राठी के पिथौरागढ़ ट्रांसफर विवादित मामले में पुलिस मुख्यालय ने हस्तक्षेप से स्थगित करते हुए पूरे मामले की निष्पक्ष जांच एसपी सिटी हल्द्वानी को सौपीं गई हैं। इतना ही नहीं किसी भी राजनीतिक दबाव में ना आकर पूरी जांच रिपोर्ट PHQ ने आईजी कुमाऊँ से जल्द ही तलब की है। सोशल मीडिया में वायरल हुए वीडियो और मीडिया में आयी राजनीतिक दबाव जैसी खबरों का संज्ञान लेते हुए पुलिस मुख्यालय ने तत्काल किसी भी तरह के राजनीतिक दबाव में काम ना करने की कुमाऊं पुलिस अधिकारियों को हिदायत दी है। इसके अलावा पुलिस मुख्यालय ने कुमाऊ पुलिस को इस मामले में किसी भी तरह के दबाव को दरकिनार कर दोनों पक्षों की निष्पक्ष जांच कर आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।


Body:सही ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मी को किसी के दबाव में सजा देने का औचित्य गलत है: मुख्यालय

मीडिया खबरों की सुर्खियों में राजनीतिक दबाव के कारण नैनीताल रोड पर ड्यूटी करने वाले दरोगा को बदसलूकी के आरोप में पनिशमेंट (सजा) देते हुए पिथौरागढ़ ट्रांसफर करने के आदेश को पुलिस मुख्यालय ने गंभीरता से लिया है इस मामले में राज्य में अपराध को कानून व्यवस्था की कमान संभालने वाले महानिदेशक अशोक कुमार का कहना है कि वायरल वीडियो और मीडिया से मिलने वाली शिकायतों के आधार पर तत्काल दरोगा के ट्रांसफर कार्यवाही को स्थगित किया हैं साथ ही पूरे मामले किसी भी दबाव में ना आकर निष्पक्ष जांच एसपी सिटी हल्द्वानी को दी गई है।
इतना ही नहीं डीजी अशोक कुमार का मानना है कि सही रूप से ड्यूटी करने वाले किसी भी पुलिसकर्मी को किसी रसूखदार के दबाव में सजा नहीं दी जा सकती यह पूरी तरह से गलत है ऐसे में इस मामले की पूरी जांच सच्चाई सामने आने के बाद आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।

बाईट- अशोक कुमार,महानिदेशक, अपराध व कानून व्यवस्था



Conclusion:क्या था एसओ से जुड़ा विवादित मामला

बता दें कि बीते दो दिन पहले नैनीताल शहर में तल्लीताल थाना प्रभारी एसओ राहुल राठी द्वारा ड्यूटी के दौरान one way कोर्ट रोड़ पर भाजपा के नेता नरेंद्र अधिकारी को गाड़ी आगे ले जाने से मना किया जिसके बाद मामला नोकझोंक तक पहुँच गया।उधर इसी मामले का तुल बनाते हुए आरोप है कि भाजपा नेता महेंद्र अधिकारी ने सत्ताधारी पार्टी के केबिनेट नेता यशपाल आर्य सहित अन्य पुलिस अधिकारियों को जानकारी देते हुए बताया कि उनके साथ दारोगा राहुल राठी ने बदसलूकी करते हुए सड़क पर दुर्व्यवहार किया... उधर इसी शिकायत के आधार पर आरओ हैं कि, एसओ राहुल राठी को पनिशमेंट (सजा) के तौर पर पिथौरागढ़ क्षेत्र में ट्रांसफर का कुमाऊँ आईजी द्वारा फरमान सुना दिया गया.. जबकि इससे पहले ही एसओ राहुल राठी का उधम सिंह नगर ट्रांसफर किया हुआ था।
Last Updated : Sep 7, 2019, 10:31 PM IST
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