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पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को प्रमोट कर रहे पंकज, कहा-सरकार नहीं कर रही पहल

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Published : Jul 18, 2021, 12:32 PM IST

Updated : Jul 18, 2021, 2:22 PM IST

पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कई लोग आगे आकर कार्य कर रहे हैं. लेकिन राज्य सरकार द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.

uttarakhand traditional dishes
uttarakhand traditional dishes

मसूरी: उत्तराखंड की संस्कृति में यहां के व्यंजन और उत्पाद रचे-बसे हैं. जो लोगों को हमेशा से ही अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. लेकिन समय के साथ इन चीजों को जो पहचान मिलनी चाहिए थी, वो आजतक नहीं मिल पाई है. वहीं कुछ लोग अतीत से चली आ रही इस विरासत को संजोने का काम कर रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता पंकज अग्रवाल पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. पंकज अग्रवाल मसूरी में पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश में जुटे हैं. साथ ही वे सरकार द्वारा पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों की अनदेखी को लेकर खफा दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि पूर्व की हरीश रावत सरकार द्वारा पहाड़ी उत्पादों और व्यंजनों पर काफी जोर दिया गया था. छोटे से लेकर बड़े होटलों तक पहाड़ी व्यंजनों को पहुंचाने का काम किया गया. जिससें पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. लेकिन वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए हैं. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में मायूसी है.

पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को प्रमोट कर रहे पंकज.

बता दें कि, पंकज अग्रवाल द्वारा लगातार पिछले कई सालों से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साथ ही देश-विदेश से मसूरी आने वाले लोगों को पहाड़ी व्यंजनों को परोसने का काम कर रहे हैं. पंकज अग्रवाल ने उत्तराखंड के पहाड़ी संस्कृति के साथ ही वर्षों पुराने बर्तनों और सामान आदि को अपने दुकान पर संजोकर रखा हुआ है. जो लोगों के आर्कषण का केंद्र बन रहे हैं.

पढ़ें:रामनगर में गुलदार ने युवक पर हमला कर किया घायल, वन विभाग ने बढ़ाई गश्त

उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार द्वारा कोशिश की गई थी कि सभी बड़े शहरों में उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर स्टाल लगाए जाए. जिससे उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों की मांग बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार मिल सके.पंकज अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ हो रहे पलायन और पहाड़ के उत्पादों और व्यंजनों को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था. जिसमें मौजूद लोगों ने अपनी-अपनी बात रखी और सरकार से छोटे उद्योग स्थापित करने व पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा हुई.

उन्होंने कहा कि देश-विदेश के लोग मसूरी में उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं. लेकिन अन्य जगह पहाड़ी व्यंजन न मिलने के कारण पहाड़ी व्यंजनों की मांग नहीं बढ़ पा रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकारी स्तर से उत्तराखंड के साथ अन्य राज्यों में उत्तराखंड के व्यंजनों और उत्पादों को लेकर स्टाल लगाकर प्रचार-प्रसार किया जाए. जिससे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिल सके.

पढ़ें:भाइयों के हाथ पर इस बार सजेगी इको फ्रेंडली राखियां, महिलाएं कर रही तैयार

मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा और कोषाध्यक्ष नागेंद्र उनियाल द्वारा पंकज अग्रवाल द्वारा किए जा रहे पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर किए जा रहे काम की सराहना की गई. उन्होंने भी सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर सरकारी स्तर पर काम किया जाए.

मसूरी: उत्तराखंड की संस्कृति में यहां के व्यंजन और उत्पाद रचे-बसे हैं. जो लोगों को हमेशा से ही अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं. लेकिन समय के साथ इन चीजों को जो पहचान मिलनी चाहिए थी, वो आजतक नहीं मिल पाई है. वहीं कुछ लोग अतीत से चली आ रही इस विरासत को संजोने का काम कर रहे हैं.

सामाजिक कार्यकर्ता पंकज अग्रवाल पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर लगातार प्रचार-प्रसार कर रहे हैं. पंकज अग्रवाल मसूरी में पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को बढ़ावा देने की हर मुमकिन कोशिश में जुटे हैं. साथ ही वे सरकार द्वारा पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों की अनदेखी को लेकर खफा दिखाई दिए. उन्होंने कहा कि पूर्व की हरीश रावत सरकार द्वारा पहाड़ी उत्पादों और व्यंजनों पर काफी जोर दिया गया था. छोटे से लेकर बड़े होटलों तक पहाड़ी व्यंजनों को पहुंचाने का काम किया गया. जिससें पहाड़ी क्षेत्रों में लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जा सके. लेकिन वर्तमान सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाए हैं. जिससे पहाड़ी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में मायूसी है.

पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को प्रमोट कर रहे पंकज.

बता दें कि, पंकज अग्रवाल द्वारा लगातार पिछले कई सालों से उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. साथ ही देश-विदेश से मसूरी आने वाले लोगों को पहाड़ी व्यंजनों को परोसने का काम कर रहे हैं. पंकज अग्रवाल ने उत्तराखंड के पहाड़ी संस्कृति के साथ ही वर्षों पुराने बर्तनों और सामान आदि को अपने दुकान पर संजोकर रखा हुआ है. जो लोगों के आर्कषण का केंद्र बन रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि पूर्व की सरकार द्वारा कोशिश की गई थी कि सभी बड़े शहरों में उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर स्टाल लगाए जाए. जिससे उत्तराखंड के पहाड़ी उत्पादों की मांग बढ़ने के साथ ही लोगों को रोजगार मिल सके.पंकज अग्रवाल ने कहा कि उनके द्वारा उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के साथ हो रहे पलायन और पहाड़ के उत्पादों और व्यंजनों को लेकर एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था. जिसमें मौजूद लोगों ने अपनी-अपनी बात रखी और सरकार से छोटे उद्योग स्थापित करने व पहाड़ी उत्पादों को बढ़ावा देने को लेकर चर्चा हुई.

उन्होंने कहा कि देश-विदेश के लोग मसूरी में उत्तराखंड के पहाड़ी व्यंजनों का लुत्फ उठाने के लिए आते हैं. लेकिन अन्य जगह पहाड़ी व्यंजन न मिलने के कारण पहाड़ी व्यंजनों की मांग नहीं बढ़ पा रही है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकारी स्तर से उत्तराखंड के साथ अन्य राज्यों में उत्तराखंड के व्यंजनों और उत्पादों को लेकर स्टाल लगाकर प्रचार-प्रसार किया जाए. जिससे उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों के लोगों को लाभ मिल सके.

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मसूरी ट्रेडर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष रजत अग्रवाल, महामंत्री जगजीत कुकरेजा और कोषाध्यक्ष नागेंद्र उनियाल द्वारा पंकज अग्रवाल द्वारा किए जा रहे पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर किए जा रहे काम की सराहना की गई. उन्होंने भी सरकार से मांग करते हुए कहा है कि पहाड़ी व्यंजनों और उत्पादों को लेकर सरकारी स्तर पर काम किया जाए.

Last Updated : Jul 18, 2021, 2:22 PM IST
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