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विकास या विनाश: लाडपुर-सहस्रधारा रोड के लिए कटेंगे 2200 पेड़, पर्यावरणविदों ने लिया बचाने का संकल्प

लाडपुर-सहस्त्रधारा मार्ग निर्माण के लिए 2200 पेड़ काटे जाएंगे. जिसका विभिन्न सामाजिक संगठन और पर्यावरणविदों ने विरोध किया है. पडे़ कटान के विरोध में प्रदर्शनकारी ने देहरादून आईटी पार्क के समीप एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. साथ ही संबंधित विभाग पर देहरादून की प्राकृतिक संपदा के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया.

Social organizations protest against felling of trees
सामाजिक संगठनों ने जताया विरोध
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Published : May 1, 2022, 8:00 PM IST

देहरादून: सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटान के विरोध में पर्यावरणविद और विभिन्न सामाजिक संगठन लंबे समय से लामबंद हैं. इसी क्रम में लाडपुर-सहस्त्रधारा मार्ग निर्माण में कट रहे 2200 पेड़ों के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठन सहित पर्यावरणविद् आईटी पार्क के समीप एकत्रित हुए. इस दौरान उन्होंने कहा संबंधित विभाग और प्रशासन हरे पेड़ों का हनन कर देहरादून के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहा है.

सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क के समीप विभिन्न सामाजिक संगठन, सिटीजन फॉर ग्रीन दून, फ्रेंड्स ऑफ देहरादून और इको ग्रुप सहित कई संगठनों के लोग एकत्रित हुए. उन्होंने लोक निर्माण विभाग और प्रशासन की ओर से प्रस्तावित जोगीवाला-लाडपुर-सहस्त्रधारा सड़क निर्माण में कटने वाले 2200 पेड़ो के विरोध में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया.

पर्यावरणविदों ने लिया बचाने का संकल्प

ये भी पढ़ें: रुद्रप्रयाग: मराठा लाइट इन्फेंट्री की कैंटीन में लगी भीषण आग, धुएं के साए में शहर

इस दौरान पर्यावरणविदों ने कहा देहरादून में पर्यटकों की सुविधा के लिए हरे पेड़ों की बली चढ़ाई जा रही है. जबकि पर्यटक देहरादून की हरियाली और यहां की खूबसूरती देखने के लिए आते हैं. जब यहां की खूबसूरती ही उजाड़ दी जायेगी, तो मेरठ और गाजियाबाद और देहरादून में कोई अंतर नहीं रह जायेगा.

प्रदर्शनकारियों ने कहा इसके स्थान पर शासन और प्रशासन के पास कई विकल्प हैं, लेकिन सरकार सुविधाओं के नाम पर देहरादून की प्राकृतिक संपदा से खिलवाड़ कर रही है. यही कारण है कि आज देहरादून में अप्रैल माह में मई-जून जैसी गर्मी देखने को मिल रही है. आज जो बिजली संकट प्रदेश में खड़ा हुआ है, इसका ये भी मुख्य कारण है. बता दें कि इससे पूर्व भी राजधानी के कई सामाजिक संगठनों ने एयरपोर्ट सड़क सहित दिल्ली देहरादून हाईवे पर हो रहे पेड़ कटान के विरोध में प्रदर्शन किया था.

देहरादून: सड़कों के चौड़ीकरण के लिए पेड़ कटान के विरोध में पर्यावरणविद और विभिन्न सामाजिक संगठन लंबे समय से लामबंद हैं. इसी क्रम में लाडपुर-सहस्त्रधारा मार्ग निर्माण में कट रहे 2200 पेड़ों के विरोध में विभिन्न सामाजिक संगठन सहित पर्यावरणविद् आईटी पार्क के समीप एकत्रित हुए. इस दौरान उन्होंने कहा संबंधित विभाग और प्रशासन हरे पेड़ों का हनन कर देहरादून के पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रहा है.

सहस्त्रधारा रोड स्थित आईटी पार्क के समीप विभिन्न सामाजिक संगठन, सिटीजन फॉर ग्रीन दून, फ्रेंड्स ऑफ देहरादून और इको ग्रुप सहित कई संगठनों के लोग एकत्रित हुए. उन्होंने लोक निर्माण विभाग और प्रशासन की ओर से प्रस्तावित जोगीवाला-लाडपुर-सहस्त्रधारा सड़क निर्माण में कटने वाले 2200 पेड़ो के विरोध में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया.

पर्यावरणविदों ने लिया बचाने का संकल्प

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इस दौरान पर्यावरणविदों ने कहा देहरादून में पर्यटकों की सुविधा के लिए हरे पेड़ों की बली चढ़ाई जा रही है. जबकि पर्यटक देहरादून की हरियाली और यहां की खूबसूरती देखने के लिए आते हैं. जब यहां की खूबसूरती ही उजाड़ दी जायेगी, तो मेरठ और गाजियाबाद और देहरादून में कोई अंतर नहीं रह जायेगा.

प्रदर्शनकारियों ने कहा इसके स्थान पर शासन और प्रशासन के पास कई विकल्प हैं, लेकिन सरकार सुविधाओं के नाम पर देहरादून की प्राकृतिक संपदा से खिलवाड़ कर रही है. यही कारण है कि आज देहरादून में अप्रैल माह में मई-जून जैसी गर्मी देखने को मिल रही है. आज जो बिजली संकट प्रदेश में खड़ा हुआ है, इसका ये भी मुख्य कारण है. बता दें कि इससे पूर्व भी राजधानी के कई सामाजिक संगठनों ने एयरपोर्ट सड़क सहित दिल्ली देहरादून हाईवे पर हो रहे पेड़ कटान के विरोध में प्रदर्शन किया था.

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