ऋषिकेश: तीर्थनगरी में नगर निगम इन दिनों मुर्गों को लेकर चर्चाओं में बना हुआ है. दरअसल, अवैध रूप से चंद्रभागा नदी किनारे मांस की दुकान चलाई जा रही थी, जिसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए नगर निगम ने दुकान तोड़ दी थी. इस दौरान मौके से 12 जिंदा मुर्गे बरामद हुए थे, लेकिन वे मुर्गे कहा हैं और उनका क्या हुआ इसका सही जवाब अब तक किसी अधिकारी ने नहीं दिया. इस वजह से अब 12 मुर्गों को लेकर ऋषिकेश के लोगों ने सोशल मीडिया पर निगम की खिंचाई करनी शुरू कर दी है. कुछ अधिकारियों का मजाक बना रहे हैं तो कुछ खरी खोटी सुना रहे हैं.
दरअसल, बीते 13 मई को चंद्रभागा नदी के किनारे अवैध रूप से चलाए जा रहे मांस और मछली की दो दुकानों को निगम ने हटाया था. दोनों दुकानों से 12 जिंदा मुर्गों के अलावा कुछ कटा मांस और मछली बरामद हुई थी. अब ये 12 जिंदा मुर्गे कहां हैं ये सवाल हर कोई नगर निगम अधिकारियों से कर रहा है. निगम से सटीक जवाब न आने पर ऋषिकेश के लोगों ने इस मसले को सोशल मीडिया पर उछालना शुरू कर दिया. हर कोई यही अनुमान लगा रहा है कि कार्रवाई की शाम को ये सभी मुर्गे जनप्रतिनिधियों के लिए आयोजित की गई पार्टी में परोसे गए.
पढ़ें- PM मोदी के दौरे को लेकर चाक चौबंद सुरक्षा व्यवस्था, आलाधिकारियों ने धामों में डाला डेरा
अतिक्रमण हटाने के दौरान जब्त किए गये जिंदा मुर्गों के बारे में जब महापौर अनीता ममगाईं से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि कटे हुए मांस को डिस्पोज कर दिया गया था. इसके अलावा 12 जिंदा मुर्गों को जंगल में छोड़ दिया गया है. वहीं, नगर आयुक्त का कहना है कि मुर्गों की नीलामी कर दी गई थी. दोनों के अलग-अलग बयान से साबित होता है कि सच्चाई कुछ और ही है.