देहरादून: सूबे में चर्चित समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम की डगर आसान नजर नहीं आ रही है. निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी एडमिशन दिखाकर करोड़ों के इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उनतक पहुंचने के लिए एसआईटी के भी पसीने छूट रहे हैं. हरिद्वार और देहरादून के दर्जनभर से ज्यादा बड़े निजी शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी का डाटा खंगालने में जांच टीम को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. जिस कारण इस मामले की गुत्थी सुलझाने में समय लग रहा है.
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बता दें कि समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभीतक हरिद्वार जिले के 4 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को जेल भेज चुकी है. ऐसे में पुलिस महकमे के आलाधिकारियों का दावा है कि आने वाले कुछ समय में कई और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई हो सकती है. साथ ही घोटाले से जुड़े 6 अन्य शिक्षण संस्थानों का भी भंडाफोड़ हो सकता है.
पुलिस अधिकारियों की माने तो इस छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी को हरिद्वार व देहरादून के निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं. जिससे आधार पर माना जा सकता है कि एसआईटी इस मामले में कुछ और शिक्षक संस्थानों के संचालकों पर कार्रवाई करेगी. एसआईटी ने इसके लिए संबंधित संस्थानों के खिलाफ घोटाले से जुड़े सभी साक्ष्य जुटा लिए हैं.
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हरिद्वार जिले में बड़े स्तर पर हुआ घोटाल
बता दें कि इस मामले में देहरादून के 9 से ज्यादा शिक्षक संस्थानों के खिलाफ जांच चल रही है. लेकिन पुलिस के आलाधिकारियों की माने तो अभी तक की जांच और विवेचना में जो सामने आया है. उसके आधार पर हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है.
अधिकारियों के मुताबिक, एसआईटी की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि देहरादून के आरोपित शिक्षण संस्थानों द्वारा समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से कुछ रकम सीधे कॉलेज के अकाउंट में ट्रांसफर की गई है तो कुछ रकम फर्जी तरीके से छात्रों के अकाउंट बनाकर हड़पी गई है.
डाटा खंगालने में लग रहा समय
इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि एसआईटी की टीम लगातार इस मामले की जांच कर रही है. कई शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी के बीच डाटा को एकत्र करने और उसके मिलान में अधिक समय लग रहा है. आने वाले कुछ दिनों हरिद्वार और देहरादून के कुछ शिक्षक संस्थानों पर एसआईटी कार्रवाई करने जा रही है.