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छात्रवृत्ति घोटाला: SIT के रडार पर कई शिक्षण संस्थान, जल्द हो सकती है बड़ी कार्रवाई - निजी शिक्षण

एसआईटी की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि देहरादून के आरोपित शिक्षण संस्थानों द्वारा समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से कुछ रकम सीधे कॉलेज के अकाउंट में ट्रांसफर की गई है तो कुछ रकम फर्जी तरीके से छात्रों के अकाउंट बनाकर हड़पी गई है.

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Published : May 11, 2019, 6:30 AM IST

देहरादून: सूबे में चर्चित समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम की डगर आसान नजर नहीं आ रही है. निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी एडमिशन दिखाकर करोड़ों के इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उनतक पहुंचने के लिए एसआईटी के भी पसीने छूट रहे हैं. हरिद्वार और देहरादून के दर्जनभर से ज्यादा बड़े निजी शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी का डाटा खंगालने में जांच टीम को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. जिस कारण इस मामले की गुत्थी सुलझाने में समय लग रहा है.

पढ़ें- दलित युवक हत्या मामला: दोनों फरार आरोपी गिरफ्तार, कैंपटी और नैनबाग थाना प्रभारी लाइन हाजिर

बता दें कि समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभीतक हरिद्वार जिले के 4 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को जेल भेज चुकी है. ऐसे में पुलिस महकमे के आलाधिकारियों का दावा है कि आने वाले कुछ समय में कई और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई हो सकती है. साथ ही घोटाले से जुड़े 6 अन्य शिक्षण संस्थानों का भी भंडाफोड़ हो सकता है.

SIT के रडार पर कई शिक्षण संस्थान

पुलिस अधिकारियों की माने तो इस छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी को हरिद्वार व देहरादून के निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं. जिससे आधार पर माना जा सकता है कि एसआईटी इस मामले में कुछ और शिक्षक संस्थानों के संचालकों पर कार्रवाई करेगी. एसआईटी ने इसके लिए संबंधित संस्थानों के खिलाफ घोटाले से जुड़े सभी साक्ष्य जुटा लिए हैं.

पढ़ें- DM दीपक रावत और SSP ने किया हाई-वे का निरीक्षण, मिली कई खामियां

हरिद्वार जिले में बड़े स्तर पर हुआ घोटाल
बता दें कि इस मामले में देहरादून के 9 से ज्यादा शिक्षक संस्थानों के खिलाफ जांच चल रही है. लेकिन पुलिस के आलाधिकारियों की माने तो अभी तक की जांच और विवेचना में जो सामने आया है. उसके आधार पर हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है.

अधिकारियों के मुताबिक, एसआईटी की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि देहरादून के आरोपित शिक्षण संस्थानों द्वारा समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से कुछ रकम सीधे कॉलेज के अकाउंट में ट्रांसफर की गई है तो कुछ रकम फर्जी तरीके से छात्रों के अकाउंट बनाकर हड़पी गई है.

डाटा खंगालने में लग रहा समय
इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि एसआईटी की टीम लगातार इस मामले की जांच कर रही है. कई शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी के बीच डाटा को एकत्र करने और उसके मिलान में अधिक समय लग रहा है. आने वाले कुछ दिनों हरिद्वार और देहरादून के कुछ शिक्षक संस्थानों पर एसआईटी कार्रवाई करने जा रही है.

देहरादून: सूबे में चर्चित समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम की डगर आसान नजर नहीं आ रही है. निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी एडमिशन दिखाकर करोड़ों के इस घोटाले की जड़ें इतनी गहरी हैं कि उनतक पहुंचने के लिए एसआईटी के भी पसीने छूट रहे हैं. हरिद्वार और देहरादून के दर्जनभर से ज्यादा बड़े निजी शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी का डाटा खंगालने में जांच टीम को काफ़ी मशक्कत करनी पड़ रही है. जिस कारण इस मामले की गुत्थी सुलझाने में समय लग रहा है.

पढ़ें- दलित युवक हत्या मामला: दोनों फरार आरोपी गिरफ्तार, कैंपटी और नैनबाग थाना प्रभारी लाइन हाजिर

बता दें कि समाज कल्याण विभाग के छात्रवृत्ति घोटाले मामले में एसआईटी अभीतक हरिद्वार जिले के 4 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को जेल भेज चुकी है. ऐसे में पुलिस महकमे के आलाधिकारियों का दावा है कि आने वाले कुछ समय में कई और शिक्षण संस्थानों के खिलाफ भी प्रभावी कार्रवाई हो सकती है. साथ ही घोटाले से जुड़े 6 अन्य शिक्षण संस्थानों का भी भंडाफोड़ हो सकता है.

SIT के रडार पर कई शिक्षण संस्थान

पुलिस अधिकारियों की माने तो इस छात्रवृत्ति घोटाले में एसआईटी को हरिद्वार व देहरादून के निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं. जिससे आधार पर माना जा सकता है कि एसआईटी इस मामले में कुछ और शिक्षक संस्थानों के संचालकों पर कार्रवाई करेगी. एसआईटी ने इसके लिए संबंधित संस्थानों के खिलाफ घोटाले से जुड़े सभी साक्ष्य जुटा लिए हैं.

पढ़ें- DM दीपक रावत और SSP ने किया हाई-वे का निरीक्षण, मिली कई खामियां

हरिद्वार जिले में बड़े स्तर पर हुआ घोटाल
बता दें कि इस मामले में देहरादून के 9 से ज्यादा शिक्षक संस्थानों के खिलाफ जांच चल रही है. लेकिन पुलिस के आलाधिकारियों की माने तो अभी तक की जांच और विवेचना में जो सामने आया है. उसके आधार पर हरिद्वार जिले में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा हुआ है.

अधिकारियों के मुताबिक, एसआईटी की जांच में यह तथ्य सामने आए हैं कि देहरादून के आरोपित शिक्षण संस्थानों द्वारा समाज कल्याण विभाग की मिलीभगत से कुछ रकम सीधे कॉलेज के अकाउंट में ट्रांसफर की गई है तो कुछ रकम फर्जी तरीके से छात्रों के अकाउंट बनाकर हड़पी गई है.

डाटा खंगालने में लग रहा समय
इस बारे में पुलिस महानिदेशक लॉ एंड आर्डर अशोक कुमार ने बताया कि एसआईटी की टीम लगातार इस मामले की जांच कर रही है. कई शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी के बीच डाटा को एकत्र करने और उसके मिलान में अधिक समय लग रहा है. आने वाले कुछ दिनों हरिद्वार और देहरादून के कुछ शिक्षक संस्थानों पर एसआईटी कार्रवाई करने जा रही है.

Intro:Pls नोट डेस्क-इस स्पेशल स्टोरी में PTC भेजी जा रही हैं कृपया इसे अपडेट करने का कष्ट करें। देहरादून: उत्तराखंड में चर्चित समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाले की जांच कर रही एसआईटी टीम की डगर इतनी आसान नजर नहीं आ रही है। निजी शिक्षण संस्थानों द्वारा फर्जी एडमिशन दिखाकर करोड़ों के इस घोटाले की जड़े इतनी गहरी हैं कि,उन तक पहुँचने के लिए SIT के पसीने छूट रहे हैं। हरिद्वार और देहरादून के दर्जनभर से ज्यादा बड़े निजी शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी के बीच का डाटा खंगालने में एसआईटी टीम को काफ़ी समय लग रहा हैं। हालांकि इससे पहले हरिद्वार जिले के 4 शिक्षण संस्थानों के संचालकों को करोड़ों के घोटाले में एसआईटी जेल भेज अपनी जांच पर मोहर लगा चुकी है। ऐसे में पुलिस मुख्यालय आलाधिकारियों का दावा है कि आने वाले कुछ देने में कई और शिक्षण संस्थानों पर प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगी। घोटाले से जुड़े 6 अन्य शिक्षण संस्थानों का हो सकता है जल्द पर्दाफाश हाई कोर्ट के आदेश पर जांच-पड़ताल कर रही एसआईटी टीम अगले 7 से 10 दिनों के बीच करोड़ों के इस छात्रवृत्ति घोटाले मामले में हरिद्वार व देहरादून के तीन-तीन निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ कुछ अहम सबूतों के आधार पर प्रभावी कार्रवाई करते हुए कॉलेज संचालकों को सलाखों के पीछे भेज सकती है। एसआईटी ने इसके लिए संबंधित संस्थानों के खिलाफ घोटाले से जुड़े सभी साक्ष्य व तथ्य अपनी विवेचना में जुटा लिए हैं। PTC


Body:देहरादून से ज्यादा हरिद्वार जिले के शिक्षण संस्थान घोटालें आगे इस मामले में पुलिस मुख्यालय के आलाधिकारी की मानें तो देहरादून में 9 से ज्यादा निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ इस घोटाले के तहत जांच चल रही है। लेकिन अभी तक की जांच विवेचना में हरिद्वार जिले के निजी संस्थानों द्वारा सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा व गड़बड़ी कर करोड़ों पर का गोलमाल किया गया है। अधिकारियों के मुताबिक एसआईटी की जांच विवेचना में यह तथ्य सामने आया कि जहाँ देहरादून के आरोपित शिक्षण संस्थानों द्वारा समाज कल्याण विभाग से मिलीभगत कुछ रकम सीधे कॉलेज के अकाउंट में ट्रांसफर की है तो कुछ रक़म फर्जी तरीके से छात्रों के अकाउंट द्वारा भी हड़पी है। वहीं दूसरी तरफ करोड़ों के इस घोटाले में हरिद्वार के निजी संस्थानों ने देहरादून के संस्थानों से कहीं ज्यादा की रकम फर्जी एडमिशन के नाम पर सीधे कॉलेज के अकाउंट में ट्रांसफर करवाई है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि देहरादून के शिक्षण संस्थानों से ज्यादा हरिद्वार के संस्थानों द्वारा इस घोटालें में बाज़ी मारी हैं। बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक ,अपराध व कानून व्यवस्था


Conclusion:संस्थान और यूनिवर्सिटी के बीच रिकॉर्ड डाटा मिलान में SIT को जांच में अधिक समय लग रहा है:डीजी 7 से 10 दिनों के बीच कुछेक संस्थानों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही दिखेगी: डीजी समाज कल्याण छात्रवृत्ति करोड़ों के इस छात्रवृत्ति घोटाले की जांच के संबंध में अपराध व कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी निभाने वाले महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि एसआईटी टीम लगातार देहरादून व हरिद्वार के घोटालेबाज निजी शिक्षण संस्थानों के खिलाफ सबूत व तथ्यों को जुटाकर सख्त कार्रवाई करने में जुटी है, हालांकि कई शिक्षण संस्थानों और यूनिवर्सिटी के बीच डाटा को एकत्र कर उसके मिलान में आ रही कई समस्याओं के चलते जांच पड़ताल कार्रवाई में अधिक समय लग रहा है,लेकिन उम्मीद है कि अगले हफ्ते 10 दिन में देहरादून हरिद्वार के कुछेक संस्थानों के खिलाफ एसआईटी टीम द्वारा प्रभावी कार्रवाई देखने को मिलेगी। बाइट- अशोक कुमार, महानिदेशक ,अपराध व कानून व्यवस्था घोटालें से जुड़े समाज कल्याण विभाग अधिकारियों पर कब होगी कार्रवाई उत्तराखंड में गरीब व आरक्षित तबके के छात्र-छात्राओं के हकों पर डाका डालकर फर्जी तरीके से करोड़ों रुपए गबन करने वाले हैं शिक्षण संस्थानों के संचालकों के साथ साथ समाज कल्याण विभाग के अधिकारी भी इस घोटाले में बराबर के साझेदार माने जा रहे हैं। ऐसे में देखना होगा कि जांच के पहले दिन से निष्पक्ष कार्रवाई का दावा कर रही एसआईटी टीम घोटालेबाज शिक्षण संस्थानों के साथ साथ समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को कब तक सलाखों के पीछे भेजती है।
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