देहरादून: रुड़की के बालूपुर गांव में जहरीली शराब से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने के साथ ही प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार कर लिया है. पुलिस मुख्यालय ने जहरीली शराब के आरोपियों को पकड़ने के लिए आईजी गढ़वाल अजय रौतेला के नेतृत्व में 5 सदस्यीय SIT जांच टीम का गठन किया है.
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर देहात क्षेत्र से बालूपुर गांव में जहरीली शराब की खेप सप्लाई करने वाले बाप- बेटे की गिरफ्तारी के बाद पुलिस दर्जनों लोगों को जेल भेज चुकी हैं. हालांकि, इस मामलें पर भी अपराध की धारा 60 कमजोर होने के कारण शराब कारोबारियों को आसानी से जमानत मिल जाती हैं.
इस मामले में आरोपियों की धर पकड़ के लिए आईजी गढ़वाल के नेतृत्व में 5 सदस्यीय SIT टीम का गठन किया गया है, साथ ही इस टीम में एसएसपी जन्मेजय खंडूरी के साथ सीओ बीएस रावत, हरिद्वार एसपी देहात नवनीत भुल्लर सहित झबरेड़ा और भगवानपुर थानाध्यक्ष शामिल किए गए हैं.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि अवैध शराब गिरफ्तारी में सामान्य धारा 60 (एक्ट) के होने के कारण इस धंधे के माफिया बच निकलते हैं. साथ ही इस कार्रवाई को प्रभावी बनाने के लिए गैंगस्टर, गुंडा एक्ट जैसी धाराओं को जरूरत अनुसार बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए जा रहे हैं, जिससे अपराधियों को कठोर दण्ड मिल सके.
पढ़ें: शराब कांड के मुख्य आरोपी बाप-बेटा गिरफ्तार, 26,000 रुपये में खरीदी थी 200 लीटर शराब
इसके साथ ही उत्तराखंड पुलिस और यूपी पुलिस संयुक्त कार्रवाई करके धड़पकड़ अभियान जारी रखे हुए हैं. डीजी अशोक कुमार के अनुसार, राज्य के विभिन्न जिलों में छोटे-बड़े शराब माफियाओं पर सख्ती से कानूनी शिकंजा कसने की कवायद जारी हैं.
पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने बताया कि उत्तराखंड राज्य बनने के 18 वर्षों से वर्ष 2017-18 तक प्रति वर्ष अवैध शराब के 4700 मुकदमें दर्ज किए जा रहे हैं, जबकि राज्य बनने से पहले प्रति वर्ष सिर्फ 2 हजार ही मामले दर्ज हो रहे हैं. पुलिस अपनी तरह से कार्रवाई को हर हाल में प्रभावी बनाने में जुटी हुई हैं.