देहरादून: जनपद के मोहब्बत वाला स्थित सरकारी बैंक को पिछले दिनों RTGS के नाम पर 18 लाख रुपए की चपत लगाने का मामला सामने आया था, जिसका पर्दाफाश करने के लिए अब देहरादून पुलिस ने गुरुवार को एसआईटी का गठन कर दिया है. इसके अलावा देहरादून पुलिस ने इस मामले में कर्रवाई करते हुए ठगी करने वाले लोगों के खाते भी सीज कर दिए हैं, साथ ही उसमें जमा 20 लाख रुपये की राशि को भी फ्रिज कर दिया गया है.
बता दें कि बीती 22 जुलाई को मोहब्बत वाला इलाके में एक कार शोरूम का मालिक बन कर एक व्यक्ति ने एसबीआई बैंक से आरटीजीएस कराने के नाम पर 18 लाख रुपये कि ठगी कर ली थी. इस घटना में ठगी करने वाले ने बैंक से लाखों रुपए की रकम अपने नाम ट्रांसफर करा कर घटना को अंजाम दिया था.
वहीं, इस मामले में शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज होने के बाद पता चला कि ठगी करने वाले ने बैंक को विश्वास में लेकर इस घटना को अंजाम दिया था, साथ ही बैंक में फर्जी शोरूम मालिक का वीआईपी खाता होने के चलते बैंक ने भी झांसे में आकर लाखों रुपये गंवा दिए. जिसके चलते बैंक की कार्यशैली पर भी सवाल खड़ा होता है कि बैंक ने कैसे बिना सत्यापन करें ही किसी फर्जी व्यक्ति के नाम पर 18 लाख रुपये आरटीजीएस के तहत ट्रांसफर कर दिए.
इस मामले में डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि बैंक से अकाउंट पर ट्रांजेक्शन करा कर 18 लाख रुपए की ठगी करने का मामला गंभीर श्रेणी का है, ऐसे में इस पूरे मामलें के खुलासे के लिए आज एसआईटी का गठन किया गया है, जिसका सुपरविजन नेहरू कॉलोनी सर्किल ऑफिसर द्वारा किया जाएगा. डीआईजी के मुताबिक इस ठगी के मामले में जिन लोगों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है उनके बैंक खातों को भी सीज कर उसमें जमा 20 लाख रुपए को भी फ्रिज कर दिया गया है.
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डीआईजी ने बताया कि अभी तक कि प्रारंभिक जांच पड़ताल में यह भी पता चला है कि ठगी करने वाले लोगों द्वारा इससे पहले भी आगरा और अलीगढ़ में इसी तरह से सरकारी बैंक में जालसाजी कर इसी तरह कि घटना को अंजाम दिया गया था. फिलहाल, पुलिस इस मामले में आगरा और अलीगढ़ पुलिस से भी जानकारी एकत्र कर आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है.