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जमीन फर्जीवाड़ा: SIT की धीमी जांच पर उठे सवाल, अभी तक दस्तावेजों का सत्यापन नहीं

पछुवादून के ईस्ट होप टाउन इलाके में सैकड़ों एकड़ सरकारी और गैर सरकारी जमीन को कब्जाने और जाली दस्तावेजों के आधार पर बेचने के मामले में SIT जांच पर सवाल उठ रहे हैं. आरोप है कि राज्य सरकार द्वारा गठित SIT की जांच धीमी गति से आगे बढ़ रही है.

East Hope Town land forgery
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Published : Sep 18, 2021, 12:12 PM IST

देहरादून: विकासनगर तहसील के परगना पछुवादून के ईस्ट होप टाउन इलाके में सैकड़ों एकड़ सरकारी और गैर सरकारी जमीन को कब्जाने और जाली दस्तावेजों के आधार पर बेचने के मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT की जांच धीमी गति से आगे बढ़ रही है. SIT अभी तक शिकायतकर्ताओं के रजिस्ट्री दस्तावेजों को विकासनगर एसडीएम दफ्तर से सत्यापन तक नहीं करा पाई है.

SIT की जांच प्रक्रिया पर सवाल: SIT गठन को लगभग एक महीने का समय होने जा रहा है लेकिन एसआईटी टीम अभी सिर्फ शिकायतकर्ताओं के दस्तावेजों को ही अवलोकन करने तक सीमित है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गंभीर प्रकरण में मुख्यमंत्री के आदेश पर गठित एसआईटी टीम कितनी संजीदगी से आगे बढ़ रही है. हालांकि, इसकी एक वजह यह भी है कि विकासनगर जिला प्रशासन की टीम जिस पर पहले से ही इस पूरे जमीन फर्जीवाड़े पर भूमाफिया से सांठगांठ के आरोप लगे हैं. वह खुद इस जांच में SIT की सहयोग करती नजर नहीं आ रही है.

डीआइजी गढ़वाल द्वारा गठित एसआईटी में शामिल विकासनगर सर्किल ऑफिसर वीरेंद्र उनियाल ने ईटीवी भारत से बताया कि फिलहाल एसआईटी इस पूरे फर्जीवाड़े में शिकायत करने वाले लोगों के रजिस्ट्री दस्तावेजों को बारीकी से अवलोकन कर रही है. हालांकि इस कार्य के क्षेत्रीय लेखपाल पटवारी जैसे राजस्व कर्मियों से मदद ली जा रही है.

पढ़ें- इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के हुए ट्रांसफर, यहां देखें लिस्ट

साथ ही जिन लोगों के पास प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीन बेची है. उनके पास रजिस्ट्री तो जरूर है लेकिन उनके पास कब्जा नहीं है. ऐसे में इस बात की तस्दीक तो हो रही है कि एक ही जमीन को कई लोगों विक्रय किया गया है. लेकिन फिलहाल इस मामले की जांच पड़ताल मैं यह पता लगाना बाकी है कि जिन-जिन लोगों को जमीन बेची गई है. उनकी रजिस्ट्रियां किस तरह से तैयार की गई हैं. ऐसे में दस्तावेजों को तहसील विकासनगर एसडीएम कार्यालय रजिस्ट्री ऑफिस से मिलान कराकर सत्यापन का कार्य अभी बाकी है. हालांकि, इसके लिए संबंधित राजस्व विभागकर्मियों से तहसील विकासनगर एसडीएम दफ्तर से सत्यापन कराने की कार्रवाई करने को कहा गया है.

स्थानीय लोग भी उठा रहे सवाल: इस पूरे मामले पर जांच की मांग करने वाले स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों का भी पहले दिन से मानना है कि इस मामले में कई बार शासन-प्रशासन की ओर से जांच हो चुकी है लेकिन हर बार जांच धरातल पर सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित रही है. ऐसे में इस बार भी एसआईटी जांच से उनको अंदेशा है कि हर बार की तरह इस दफा भी पूरे गोरखधंधे में मिलीभगत करने वाली तहसील विकासनगर प्रशासन एसआईटी को जांच में सहयोगा न करके पूरे खेल में पर्दा डालने के प्रयास में है.

ईस्ट होप टाउन में 600 बीघा से अधिक जमीन फर्जीवाड़े का खेल: विकासनगर तहसील के अंतर्गत आने वाले ईस्ट होप टाउन इलाके में लगभग 600 बीघा से अधिक सरकारी और गैर सरकारी भूमियों को एक दशक से अधिक समय से भू माफिया फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देहरादून से लेकर दिल्ली हरियाणा पंजाब तक के लोगों को बेचने का आरोप है. इतना ही नहीं एक ही जमीन के प्लॉट को जालसाजी के तहत कई लोगों को बेचने के चलते अलग-अलग खरीदार आपस में कब्जा ना मिलने के चलते भी लगातार भटक रहे हैं.

ऐसे में लंबे समय से मिल रही इस पूरे भूमाफिया के कारनामे की शिकायतों के मद्देनजर बीते 27 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश अनुसार डीआईजी गढ़वाल के नेतृत्व में एसपी देहात और विकासनगर सर्कल ऑफिसर सहित 5 लोगों की एसआईटी टीम इस पूरे फर्जीवाड़े के लिए गठित की गई है.

देहरादून: विकासनगर तहसील के परगना पछुवादून के ईस्ट होप टाउन इलाके में सैकड़ों एकड़ सरकारी और गैर सरकारी जमीन को कब्जाने और जाली दस्तावेजों के आधार पर बेचने के मामले में राज्य सरकार द्वारा गठित SIT की जांच धीमी गति से आगे बढ़ रही है. SIT अभी तक शिकायतकर्ताओं के रजिस्ट्री दस्तावेजों को विकासनगर एसडीएम दफ्तर से सत्यापन तक नहीं करा पाई है.

SIT की जांच प्रक्रिया पर सवाल: SIT गठन को लगभग एक महीने का समय होने जा रहा है लेकिन एसआईटी टीम अभी सिर्फ शिकायतकर्ताओं के दस्तावेजों को ही अवलोकन करने तक सीमित है. ऐसे में इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस गंभीर प्रकरण में मुख्यमंत्री के आदेश पर गठित एसआईटी टीम कितनी संजीदगी से आगे बढ़ रही है. हालांकि, इसकी एक वजह यह भी है कि विकासनगर जिला प्रशासन की टीम जिस पर पहले से ही इस पूरे जमीन फर्जीवाड़े पर भूमाफिया से सांठगांठ के आरोप लगे हैं. वह खुद इस जांच में SIT की सहयोग करती नजर नहीं आ रही है.

डीआइजी गढ़वाल द्वारा गठित एसआईटी में शामिल विकासनगर सर्किल ऑफिसर वीरेंद्र उनियाल ने ईटीवी भारत से बताया कि फिलहाल एसआईटी इस पूरे फर्जीवाड़े में शिकायत करने वाले लोगों के रजिस्ट्री दस्तावेजों को बारीकी से अवलोकन कर रही है. हालांकि इस कार्य के क्षेत्रीय लेखपाल पटवारी जैसे राजस्व कर्मियों से मदद ली जा रही है.

पढ़ें- इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर के हुए ट्रांसफर, यहां देखें लिस्ट

साथ ही जिन लोगों के पास प्रॉपर्टी डीलरों द्वारा जमीन बेची है. उनके पास रजिस्ट्री तो जरूर है लेकिन उनके पास कब्जा नहीं है. ऐसे में इस बात की तस्दीक तो हो रही है कि एक ही जमीन को कई लोगों विक्रय किया गया है. लेकिन फिलहाल इस मामले की जांच पड़ताल मैं यह पता लगाना बाकी है कि जिन-जिन लोगों को जमीन बेची गई है. उनकी रजिस्ट्रियां किस तरह से तैयार की गई हैं. ऐसे में दस्तावेजों को तहसील विकासनगर एसडीएम कार्यालय रजिस्ट्री ऑफिस से मिलान कराकर सत्यापन का कार्य अभी बाकी है. हालांकि, इसके लिए संबंधित राजस्व विभागकर्मियों से तहसील विकासनगर एसडीएम दफ्तर से सत्यापन कराने की कार्रवाई करने को कहा गया है.

स्थानीय लोग भी उठा रहे सवाल: इस पूरे मामले पर जांच की मांग करने वाले स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधियों का भी पहले दिन से मानना है कि इस मामले में कई बार शासन-प्रशासन की ओर से जांच हो चुकी है लेकिन हर बार जांच धरातल पर सिर्फ खानापूर्ति तक ही सीमित रही है. ऐसे में इस बार भी एसआईटी जांच से उनको अंदेशा है कि हर बार की तरह इस दफा भी पूरे गोरखधंधे में मिलीभगत करने वाली तहसील विकासनगर प्रशासन एसआईटी को जांच में सहयोगा न करके पूरे खेल में पर्दा डालने के प्रयास में है.

ईस्ट होप टाउन में 600 बीघा से अधिक जमीन फर्जीवाड़े का खेल: विकासनगर तहसील के अंतर्गत आने वाले ईस्ट होप टाउन इलाके में लगभग 600 बीघा से अधिक सरकारी और गैर सरकारी भूमियों को एक दशक से अधिक समय से भू माफिया फर्जी दस्तावेजों के आधार पर देहरादून से लेकर दिल्ली हरियाणा पंजाब तक के लोगों को बेचने का आरोप है. इतना ही नहीं एक ही जमीन के प्लॉट को जालसाजी के तहत कई लोगों को बेचने के चलते अलग-अलग खरीदार आपस में कब्जा ना मिलने के चलते भी लगातार भटक रहे हैं.

ऐसे में लंबे समय से मिल रही इस पूरे भूमाफिया के कारनामे की शिकायतों के मद्देनजर बीते 27 अगस्त 2021 को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेश अनुसार डीआईजी गढ़वाल के नेतृत्व में एसपी देहात और विकासनगर सर्कल ऑफिसर सहित 5 लोगों की एसआईटी टीम इस पूरे फर्जीवाड़े के लिए गठित की गई है.

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