मसूरी: मां पार्वती मंदिर गनहिल मसूरी (Maa Parvati Mandir Gunhill mussoorie) के अध्यक्ष कमल भंडारी के गुरुमंत्र दीक्षा दिवस के 50 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में मां सुरकंडा संस्कृति संरक्षण समिति चंबा की ओर से उन्हें चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया. इस अवसर पर डेढ़ लाख रुपये मुख्यमंत्री पारितोषिक राशि के रूप में 30 लोक कलाकारों को 5-5 हजार रुपये के चेक भेंटकर सम्मानित भी किया गया. इस दौरान कलाकारों ने अनेक भक्ति पूर्ण गीत गाए.
कमल भंडारी ने कहा कि इंसान को अपने धर्म का सम्मान सबसे पहले करना चाहिए. साथ ही दूसरे धर्म का निरादर कभी नहीं करना चाहिए. माता-पिता और गुरु हमेशा पूज्यनीय हैं, उनकी सेवा अवश्य करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि उन्हें 1971 में गांव में आध्यात्मिक गुरु सेमल्टी महाराज द्वारा गुरुमंत्र दीक्षा दी गई थी. जिस कारण वह भक्ति मार्ग में आगे बढ़े और आज सनातन संस्कृति का प्रसार व मां सुरकंडा के मंदिर को अनेकों स्थान पर बना पाए है. मंदिर निर्माण से जहां जगह-जगह का वातावरण भक्तिमय बना है वहीं पर्यटन का भी विकास हुआ है.
उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के धर्म स्थल एवं आध्यात्मिक ज्ञान हमेशा विश्व में प्रेमभाव व भाईचारे का संदेश देते आए हैं. यही वजह है कि यहां धार्मिक उन्माद नहीं धार्मिक सदभाव है. इससे पूर्व ढोल जागर सम्राट पदम गुसाईं, संगीतकार संजय कुमोला, लोक गायक जितेंद्र पंवार, पालिका सभासद प्रताप पंवार, दर्शन रावत, उफतारा के महासचिव डॉ. अमरदेव गोदियाल, राजेंद्र रावत व भरोसी रावत ने सामूहिक रूप से कमल भंडारी को चांदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया गया.
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कार्यक्रम में सभासद कुलदीप रौंछेला, प्रदीप भंडारी, पूरण जुयाल, मेघ सिंह कंडारी, प्रकाश राणा, कीर्ति कंडारी, कांमिल अली, सोबन पंवार, सीमा भंडारी, राजपाल भंडारी, धनवीर कुमांई, कुंदन पंवार, दिनेश पंवार, राजेंद्र सेमवाल, संजय टम्टा, मोहम्मद अजहर, सुमित्रा कंडारी, कमलेश भंडारी, राकेश भदोला, प्रदीप राणा समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे.