देहरादून(उत्तराखंड): 17 दिनों तक उत्तराखंड का उत्तरकाशी और सिल्क्यारा देश ही नहीं पूरी दुनियाभर में चर्चाओं में रहा. उत्तरकाशी सिलक्यारा टनल हादसे के बाद ये छोटी सी जगह दुनियाभर में फेमस हो गई है. आजकल हर किसी की जुबान पर उत्तरकाशी और सिलक्यारा का नाम है. हलांकि ये चर्चा एक हादसे की वजह से हो रही है, मगर हो सकता है आने वाले दिनों में इस क्षेत्र को बाबा बौखनाग, देश का सबसे बड़े रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए जाना जाये. जिससे इस क्षेत्र में पर्यटन बढ़ सकता है.
उत्तरकाशी का ये स्थान गंगोत्री और यमुनोत्री धाम आने वाले भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान होगा. पर्यटन विभाग के साथ साथ स्थानीय लोग इस जगह पर होम स्टे और अन्य गतिविधि कर सकें इसके लिए पर्यटन विभाग लोगों को और जागरुक करेगा. साथ ही सरकार भी ये चाहती है कि जिस स्थान पर देश का सबसे बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन चला है उस जगह पर मौजूद भगवान बौखनाग देवता का मंदिर स्थापित किया जाये. सीएम धामी खुद चाहते हैं कि लोग बड़ी संख्या में यहां पहुंचकर बाबा बौखनाग देवता के दर्शन कर सके. इसके लिए सीएम धामी ने बाबा बौखनाग देवता का मंदिर बनाने की घोषणा भी कर दी है.
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सीएम धामी ने कहा अभी भले ही यहां बाबा बौखनाग देवता का मंदिर अभी छोटा है, लेकिन आने वाले समय में बौखनाग मंदिर को और अपग्रेड किया जायेगा. मुख्यमंत्री कार्यलय से मिली जानकारी के अनुसार सीएम खुद चाहते हैं कि लोग अब बौखनाग बाबा की महिमा को जानें.
इस रेस्क्यू ऑपरेशन में ये बात जोरों पर उठी की टनल में सुरक्षित लोगों को रेस्क्यू में लगे लोग तो बचाएंगे ही लेकिन बाबा बौखनाग की कृपा भी अंदर फंसे लोगों पर रहेगी. सरकार चाहती हैं कि मंदिर के आसपास रहने-ठहरने और खाने पीने की चीजों को बढ़ाया जाये. जिससे भक्त कुछ समय रुक कर बाबा बौखनाग की महिमा को जान सके.
बता दें इस मंदिर में बौखनाग के रूप में भगवान कृष्ण की पूजा होती है. इस पूरे स्थान को भगवान कृष्ण की तपस्थली भी माना जाता है. इस इलाके में इस मंदिर का बहुत महत्त्व मना जाता है. टनल हादसे के बाद ये पूरा क्षेत्र जिस तरह से लामलाइट में आया है उसके बाद उम्मीद है की आने वाले यात्रा सीजन में लोग इस मंदिर और जगह के बारे में जरूर जानना चाहेंगे.