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देहरादून में अंकिता भंडारी हत्याकांड के खिलाफ कांग्रेस का मौन उपवास, सरकार से की ये मांग

Ankita bhandari murder case in Dehradun देहरादून के गांधी पार्क में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में आज कार्यकर्ताओं ने सांकेतिक मौन उपवास रखा. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अंकिता हत्याकांड को लेकर सरकार पर सवाल खड़े किए हैं. पढ़ें पूरी खबर..

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Published : Aug 5, 2023, 4:23 PM IST

Updated : Aug 16, 2023, 1:37 PM IST

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देहरादून में अंकिता भंडारी हत्याकांड के खिलाफ कांग्रेस का मौन उपवास

देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में आज बढ़ते महिला अपराध और अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को बचाने और वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग को लेकर गांधी पार्क में कार्यकर्ताओं द्वारा सांकेतिक मौन उपवास रखा गया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक राजेंद्र भंडारी समेत तमाम नेता शामिल हुए.

कांग्रेस का कहना है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के ढीले और लापरवाही की वजह से राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. भाजपा नेता के रिजॉर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवा कर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए हैं, जबकि अब तक अंकिता केस में वीआईपी का नाम उजागर नहीं हो पाया है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अंकिता मर्डर केस के बाद सरकार के ऊपर कई सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में भाजपा सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.

Silent fast of Congress regarding Ankita murder case in Dehradun
सांकेतिक मौन उपवास पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता

जैसे वह वीआईपी कौन है, जिसका जिक्र अंकिता ने स्वयं किया है. उस वीआईपी को विशेष सेवा देने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था. सरकार को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि वह लोग कौन हैं, जिन्होंने रिजॉर्ट में बुलडोजर चलवाकर सबूतों को नष्ट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी. यहां तक कि रिजॉर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे नष्ट कर दिए गए. हरीश रावत ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि अंकिता के शव को नदी से निकालने में इतना विलंब क्यों किया गया और मोबाइल निकालने में 7 दिन का वक्त लग जाता है.
ये भी पढ़ें: Ankita Bhandari murder case: नए वकील अवनीश नेगी ने कहा- आरोपियों को सजा दिला कर रहूंगा

अंकिता के पोस्टमार्टम के दौरान लेडी डॉक्टर को शामिल नहीं किया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिला शव के पोस्टमार्टम के वक्त लेडी डॉक्टर का होना जरूरी है. हरीश रावत का कहना है कि ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब सरकार को देने होंगे. पूरी सरकार उस वीआईपी को बचाने में लगी हुई है, लेकिन प्रदेश की जनता उस वीआईपी का चेहरा देखना चाहती है कि वह वीआईपी आखिर कौन है जो उत्तराखंड की बेटी से विशेष सेवा लेना चाहता था.
ये भी पढ़ें: Manipur Violence को लेकर महिला कांग्रेस ने फूंका सरकार का पुतला, अंकिता भंडारी केस पर भी घेरा

देहरादून में अंकिता भंडारी हत्याकांड के खिलाफ कांग्रेस का मौन उपवास

देहरादून: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में आज बढ़ते महिला अपराध और अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों को बचाने और वीआईपी का नाम उजागर करने की मांग को लेकर गांधी पार्क में कार्यकर्ताओं द्वारा सांकेतिक मौन उपवास रखा गया. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक राजेंद्र भंडारी समेत तमाम नेता शामिल हुए.

कांग्रेस का कहना है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड पुलिस प्रशासन और राज्य सरकार के ढीले और लापरवाही की वजह से राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है. भाजपा नेता के रिजॉर्ट पर आनन-फानन में बुलडोजर चलवा कर सारे साक्ष्य मिटा दिए गए हैं, जबकि अब तक अंकिता केस में वीआईपी का नाम उजागर नहीं हो पाया है. इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि अंकिता मर्डर केस के बाद सरकार के ऊपर कई सवाल उठ रहे हैं. ऐसे में भाजपा सरकार को इन सवालों का जवाब देना चाहिए.

Silent fast of Congress regarding Ankita murder case in Dehradun
सांकेतिक मौन उपवास पर बैठे कांग्रेस कार्यकर्ता

जैसे वह वीआईपी कौन है, जिसका जिक्र अंकिता ने स्वयं किया है. उस वीआईपी को विशेष सेवा देने के लिए उस पर दबाव बनाया जा रहा था. सरकार को इस बात का भी जवाब देना चाहिए कि वह लोग कौन हैं, जिन्होंने रिजॉर्ट में बुलडोजर चलवाकर सबूतों को नष्ट करने में कोई कमी नहीं छोड़ी. यहां तक कि रिजॉर्ट में लगे सीसीटीवी कैमरे नष्ट कर दिए गए. हरीश रावत ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि अंकिता के शव को नदी से निकालने में इतना विलंब क्यों किया गया और मोबाइल निकालने में 7 दिन का वक्त लग जाता है.
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अंकिता के पोस्टमार्टम के दौरान लेडी डॉक्टर को शामिल नहीं किया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि महिला शव के पोस्टमार्टम के वक्त लेडी डॉक्टर का होना जरूरी है. हरीश रावत का कहना है कि ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब सरकार को देने होंगे. पूरी सरकार उस वीआईपी को बचाने में लगी हुई है, लेकिन प्रदेश की जनता उस वीआईपी का चेहरा देखना चाहती है कि वह वीआईपी आखिर कौन है जो उत्तराखंड की बेटी से विशेष सेवा लेना चाहता था.
ये भी पढ़ें: Manipur Violence को लेकर महिला कांग्रेस ने फूंका सरकार का पुतला, अंकिता भंडारी केस पर भी घेरा

Last Updated : Aug 16, 2023, 1:37 PM IST
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