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मसूरी में सिख समुदाय ने सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए मनाया शहीदी दिवस - Sikh community celebrated Martyrdom Day

26 मई को सिखों के पांचवें गुरू अर्जुन देव का शहीदी दिवस मनाया जाता है. ऐसे में सिख समुदाय के लोगों ने कोरोना के खतरे को देखते हुए गुरू अर्जन देव के शहीदी पर्व को बहुत सादगी से मनाया.

शहीदी दिवस
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Published : May 26, 2020, 8:28 PM IST

मसूरी: सिख समुदाय के लोगों ने आज (मंगलवार) को शहीदी पर्व मनाया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मसूरी के गुरुद्वारों में समागम सांकेतिक रूप में ही किया गया. संगत ने पांचवें गुरू अर्जन देव के शहीदी पर्व पर गुरूद्वारों में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे नतमस्तक होकर सरबत के भले की अरदास की.

बता दें कि, 26 मई को सिखों के पांचवें गुरू अर्जुन देव का शहीदी दिवस मनाया जाता है. ऐसे में सिख समुदाय के लोगों ने कोरोना के खतरे को देखते हुए गुरू अर्जन देव के शहीदी पर्व को बहुत सादगी से मनाया. इस मौके पर पहाड़ों की रानी मसूरी में सिख लोगों ने कोरोना वॉरियर्स के साथ ही अस्पताल में जाकर मरीजों और लोगों को फल और मिष्ठान वितरित किए.

पढ़ें- प्रवासियों पर सिटी रिस्पॉन्स टीम की नजर, होम क्वारंटाइन के उल्लंघन पर होगी कार्रवाई

वहीं परमजीत कोहली ने कहा कि अपने युग में अर्जन देव एक सर्वमान्य लोकनायक थे. उनके मन में सभी धर्मों के प्रति सम्मान था. उन्होंने कहा कि अर्जन देव ने अमृतसर साहिब में हरिमंदर साहिब की स्थापना कर के सिखों को एक केंद्रीय आध्यात्मिक स्थान दिया था. हालांकि, जहांगीर ने लाहौर में साल 1606 में अकारण अत्यंत यातना देकर उनकी हत्या करवा दी थी. सिख धर्म में सबसे पहली शहीदी पांचवें सिख गुरू अर्जन देव की हुई.

मसूरी: सिख समुदाय के लोगों ने आज (मंगलवार) को शहीदी पर्व मनाया. इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए मसूरी के गुरुद्वारों में समागम सांकेतिक रूप में ही किया गया. संगत ने पांचवें गुरू अर्जन देव के शहीदी पर्व पर गुरूद्वारों में सुशोभित श्री गुरु ग्रंथ साहिब के आगे नतमस्तक होकर सरबत के भले की अरदास की.

बता दें कि, 26 मई को सिखों के पांचवें गुरू अर्जुन देव का शहीदी दिवस मनाया जाता है. ऐसे में सिख समुदाय के लोगों ने कोरोना के खतरे को देखते हुए गुरू अर्जन देव के शहीदी पर्व को बहुत सादगी से मनाया. इस मौके पर पहाड़ों की रानी मसूरी में सिख लोगों ने कोरोना वॉरियर्स के साथ ही अस्पताल में जाकर मरीजों और लोगों को फल और मिष्ठान वितरित किए.

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वहीं परमजीत कोहली ने कहा कि अपने युग में अर्जन देव एक सर्वमान्य लोकनायक थे. उनके मन में सभी धर्मों के प्रति सम्मान था. उन्होंने कहा कि अर्जन देव ने अमृतसर साहिब में हरिमंदर साहिब की स्थापना कर के सिखों को एक केंद्रीय आध्यात्मिक स्थान दिया था. हालांकि, जहांगीर ने लाहौर में साल 1606 में अकारण अत्यंत यातना देकर उनकी हत्या करवा दी थी. सिख धर्म में सबसे पहली शहीदी पांचवें सिख गुरू अर्जन देव की हुई.

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