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देहरादून में बेवजह हॉर्न बजाया तो सिग्नल नहीं होगा ग्रीन, लालबत्ती रहेगी चालू

राजधानी देहरादून की सड़कों पर नए साल में आपको कुछ नया देखने को मिले तो चौंकियेगा मत. ट्रैफिक पुलिस ने इसकी कवायद तेज कर दी है. दरअसल पुलिस आपके सफर को आसान करने में जुटी है, जिससे आपको परेशानियों से रूबरू ना होना पड़े.

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Published : Jan 4, 2023, 11:26 AM IST

बेवजह हॉर्न बजाया तो सिग्नल नहीं होगा ग्रीन

देहरादून: शहर भर में गाड़ियों के हॉर्न से होने वाले शोर-शराबे को लेकर ट्रैफिक पुलिस (Dehradun Traffic Police) ने कमर कस ली है. ट्रैफिक पुलिस शहर के अंदर ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए हॉर्न के खिलाफ अभियान शुरू करेगी. जल्द ही शहर के चौराहों पर ऐसे स्मार्ट सिग्नल (dehradun traffic signal) लगाए जाएंगे, जो पता लगाएंगे कि किस दिशा से हॉर्न की आवाज ज्यादा है. इसके बाद चौराहे पर उस दिशा का सिग्नल ग्रीन ही नहीं होगा. ऐसे में मिनटों से लेकर घंटों तक खड़ा रहना पड़ सकता है.

गौर हो कि ध्वनि प्रदूषण वो प्रदूषण है जो पर्यावरण में अवांछित ध्वनि के कारण उत्पन्न होता है. यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. उच्च स्तर का ध्वनि प्रदूषण बहुत से मनुष्यों के व्यवहार में चिड़चिड़ापन लाता है. विशेष रूप से रोगियों, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता है. इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई और रोकथाम के लिए पुलिस ने नए साल में संकल्प लिया है कि देहरादून को नो हॉर्न जोन (Dehradun No Horn Zone) किया जाएगा. इस अभियान के तहत मेडिकल एसोसिएशन, मुख्यत: ईएनटी डॉक्टर के साथ पार्टनरशिप की जायेगी. अन्य सरकारी विभाग जैसे Pollution Control Board, RTO को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा.
पढ़ें-कालाढूंगी: नैनीताल तिराहे पर भीषण जाम, पुलिस ने लौटाए पर्यटक

मॉडिफाइड साइलेंसर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यदि शहर क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी वाहन चालक अनावश्यक हॉर्न बजाते हुए वाहन चलाता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे (SP Traffic Akshay Konde) ने बताया कि स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाए जायेंगे. जिस साइड से ज्यादा हॉर्न की आवाज आती है, उसकी ऑटोमेटिक रेड लाइट की समय सीमा ज्यादा हो जाएगी. साथ ही स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल टाइमर की तकनीक को लाया जाएगा. इसके तहत चौराहे पर जिस दिशा से ज्यादा हॉर्न बजाये जाएंगे, उस दिशा के वाहनों को ज्यादा समय रेड लाइट सिग्नल का सामना करना होगा. नो हॉर्न के सम्बंध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से करार किया गया है कि नाक, कान और गला विशेषज्ञ डॉक्टर इन कैंप में प्रतिभाग करेंगे, जो चालकों और आम लोगों को ध्वनि प्रदूषण के नुकसान बताएंगे.

बेवजह हॉर्न बजाया तो सिग्नल नहीं होगा ग्रीन

देहरादून: शहर भर में गाड़ियों के हॉर्न से होने वाले शोर-शराबे को लेकर ट्रैफिक पुलिस (Dehradun Traffic Police) ने कमर कस ली है. ट्रैफिक पुलिस शहर के अंदर ध्वनि प्रदूषण कम करने के लिए हॉर्न के खिलाफ अभियान शुरू करेगी. जल्द ही शहर के चौराहों पर ऐसे स्मार्ट सिग्नल (dehradun traffic signal) लगाए जाएंगे, जो पता लगाएंगे कि किस दिशा से हॉर्न की आवाज ज्यादा है. इसके बाद चौराहे पर उस दिशा का सिग्नल ग्रीन ही नहीं होगा. ऐसे में मिनटों से लेकर घंटों तक खड़ा रहना पड़ सकता है.

गौर हो कि ध्वनि प्रदूषण वो प्रदूषण है जो पर्यावरण में अवांछित ध्वनि के कारण उत्पन्न होता है. यह स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक माना जाता है. उच्च स्तर का ध्वनि प्रदूषण बहुत से मनुष्यों के व्यवहार में चिड़चिड़ापन लाता है. विशेष रूप से रोगियों, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के व्यवहार में बदलाव देखने को मिलता है. इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई और रोकथाम के लिए पुलिस ने नए साल में संकल्प लिया है कि देहरादून को नो हॉर्न जोन (Dehradun No Horn Zone) किया जाएगा. इस अभियान के तहत मेडिकल एसोसिएशन, मुख्यत: ईएनटी डॉक्टर के साथ पार्टनरशिप की जायेगी. अन्य सरकारी विभाग जैसे Pollution Control Board, RTO को भी इस अभियान से जोड़ा जाएगा.
पढ़ें-कालाढूंगी: नैनीताल तिराहे पर भीषण जाम, पुलिस ने लौटाए पर्यटक

मॉडिफाइड साइलेंसर पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यदि शहर क्षेत्र के अंतर्गत कोई भी वाहन चालक अनावश्यक हॉर्न बजाते हुए वाहन चलाता पाया गया तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. वहीं एसपी ट्रैफिक अक्षय कोंडे (SP Traffic Akshay Konde) ने बताया कि स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल लगाए जायेंगे. जिस साइड से ज्यादा हॉर्न की आवाज आती है, उसकी ऑटोमेटिक रेड लाइट की समय सीमा ज्यादा हो जाएगी. साथ ही स्मार्ट ट्रैफिक सिग्नल टाइमर की तकनीक को लाया जाएगा. इसके तहत चौराहे पर जिस दिशा से ज्यादा हॉर्न बजाये जाएंगे, उस दिशा के वाहनों को ज्यादा समय रेड लाइट सिग्नल का सामना करना होगा. नो हॉर्न के सम्बंध में ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक किया जाएगा. इसके अलावा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से करार किया गया है कि नाक, कान और गला विशेषज्ञ डॉक्टर इन कैंप में प्रतिभाग करेंगे, जो चालकों और आम लोगों को ध्वनि प्रदूषण के नुकसान बताएंगे.

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