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शोरूम मालिक की जालसाजी, बिना डीलरशिप के ही बेच रहा था कार

बिना डीलरशिप और बिना रजिस्ट्रेशन के धोखाधड़ी कर कार बेचने वाला आरोपी कनिष्क खन्ना पुलिस के हत्थे चढ़ गया है.

showroom owner arrested
शोरूम मालिक गिरफ्तार
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Published : Jul 22, 2021, 9:43 PM IST

देहरादूनः पुलिस ने बिना डीलरशिप के धोखाधड़ी कर कार बेचने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी स्कोडा कार शोरूम का मालिक है. जिस पर बिना रजिस्ट्रेशन के कई लोगों को कार बेचने का आरोप है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इससे पहले आरोपी को स्कोडा कार कंपनी ने ब्लैक लिस्ट कर कार की डीलरशिप से हटा दिया था.

दरअसल, मामला 26 जून को सामने आया, जब पीड़िता प्रिया मलिक ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई. पीड़िता ने बताया है कि उसने स्कोडा शोरूम पटेलनगर के मालिक कनिष्क खन्ना से साल 2020 में 11,20,000 रुपए में स्कोडा रेपिड कार खरीदी थी. शोरूम स्वामी ने कार का रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर उससे एडवांस रुपए लिए थे, लेकिन वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं किया.

पढ़ें- प्रॉपर्टी डीलर मर्डर खुलासा: पैसों के लेनदेन में मामा ने मारी थी गोली

पीड़िता ने कई बार शोरुम स्वामी से संपर्क किया, लेकिन शोरुम स्वामी की ओर से रजिस्ट्रेशन न करते हुए लेट फीस के नाम और फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर पीड़िता से 40 हजार रुपए ठग लिए. उसके बाद भी वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया. रजिस्ट्रेशन न होने के कारण पीड़िता ने कार को अपने घर पर ही खड़ा रखा और एक साल से बैंक के लोन का भुगतान करती रही.

पीड़िता का आरोप है कि उसने वाहन रजिस्ट्रशन को लेकर स्कोडा शो रूम के मालिक कनिष्क खन्ना और सेल्स मैन पंकज त्यागी से संपर्क साधा तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद डरी सहमी पीड़िता ने शोरूम मालिक कनिष्क खन्ना के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया.

थाना पटेल नगर प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि आरोपी कनिष्क खन्ना ने स्कोडा कार शोरुम की डीलरशिप साल 2016 में ली थी, लेकिन सही प्रकार से न करने पर स्कोडा कार कंपनी उसे ब्लैक लिस्ट कर डीलरशिप से हटा दिया था. डीलरशिप से हटने के बाद भी वो शोरुम में मौजूद वाहनों को कंपनी को वापस करने के बजाय धोखाधड़ी कर ग्राहकों को बेचता रहा.

पढ़ें- कुंभ फेक कोरोना टेस्ट में पहली गिरफ्तारी, SIT ने नलवा लैब के बिचौलिये को पकड़ा

उन्होंने बताया कि वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर भी रुपए लिए जा रहे थे, लेकिन डीलरशिप न होने के कारण वाहनों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे थे. आरोपी ने एक साल पहले तरुण डंडरियाल, नमन कुमार, अर्पित गुप्ता और धीरज भाटिया को भी धोखाधड़ी कर कार बेचा था. जिनका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है.

थाना प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि आरोपी लगातार फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगी हुई थी. आरोपी के मोबाइल के आधार उसकी लोकेशन राजपुर रोड पर मिली. आरोपी करोडों रुपये के कीमती फ्लैट में किराए पर रह रहा था. पुलिस टीम ने आरोपी को फ्लैट से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया.

देहरादूनः पुलिस ने बिना डीलरशिप के धोखाधड़ी कर कार बेचने वाले आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी स्कोडा कार शोरूम का मालिक है. जिस पर बिना रजिस्ट्रेशन के कई लोगों को कार बेचने का आरोप है. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. इससे पहले आरोपी को स्कोडा कार कंपनी ने ब्लैक लिस्ट कर कार की डीलरशिप से हटा दिया था.

दरअसल, मामला 26 जून को सामने आया, जब पीड़िता प्रिया मलिक ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई. पीड़िता ने बताया है कि उसने स्कोडा शोरूम पटेलनगर के मालिक कनिष्क खन्ना से साल 2020 में 11,20,000 रुपए में स्कोडा रेपिड कार खरीदी थी. शोरूम स्वामी ने कार का रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर उससे एडवांस रुपए लिए थे, लेकिन वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं किया.

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पीड़िता ने कई बार शोरुम स्वामी से संपर्क किया, लेकिन शोरुम स्वामी की ओर से रजिस्ट्रेशन न करते हुए लेट फीस के नाम और फिर से रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर पीड़िता से 40 हजार रुपए ठग लिए. उसके बाद भी वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं कराया गया. रजिस्ट्रेशन न होने के कारण पीड़िता ने कार को अपने घर पर ही खड़ा रखा और एक साल से बैंक के लोन का भुगतान करती रही.

पीड़िता का आरोप है कि उसने वाहन रजिस्ट्रशन को लेकर स्कोडा शो रूम के मालिक कनिष्क खन्ना और सेल्स मैन पंकज त्यागी से संपर्क साधा तो उन्होंने उसे जान से मारने की धमकी दी. इसके बाद डरी सहमी पीड़िता ने शोरूम मालिक कनिष्क खन्ना के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज कराया.

थाना पटेल नगर प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि आरोपी कनिष्क खन्ना ने स्कोडा कार शोरुम की डीलरशिप साल 2016 में ली थी, लेकिन सही प्रकार से न करने पर स्कोडा कार कंपनी उसे ब्लैक लिस्ट कर डीलरशिप से हटा दिया था. डीलरशिप से हटने के बाद भी वो शोरुम में मौजूद वाहनों को कंपनी को वापस करने के बजाय धोखाधड़ी कर ग्राहकों को बेचता रहा.

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उन्होंने बताया कि वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराने के नाम पर भी रुपए लिए जा रहे थे, लेकिन डीलरशिप न होने के कारण वाहनों के रजिस्ट्रेशन नहीं हो पा रहे थे. आरोपी ने एक साल पहले तरुण डंडरियाल, नमन कुमार, अर्पित गुप्ता और धीरज भाटिया को भी धोखाधड़ी कर कार बेचा था. जिनका रजिस्ट्रेशन भी नहीं हुआ है.

थाना प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि आरोपी लगातार फरार चल रहा था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए टीमें लगी हुई थी. आरोपी के मोबाइल के आधार उसकी लोकेशन राजपुर रोड पर मिली. आरोपी करोडों रुपये के कीमती फ्लैट में किराए पर रह रहा था. पुलिस टीम ने आरोपी को फ्लैट से गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया.

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