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मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, शिक्षकों के बिना कैसे पढ़े छात्र? - शिक्षा न्यूज उत्तराखंड

आपको जानकार ताज्जुब होगा कि नवोदय विद्यालय में एक दो नहीं बल्कि शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं. हालांकि, शासन में बैठे अधिकारी इन पदों को भरने की बात तो कर रहे हैं. लेकिन ये पद कब भरे जाएंगे ये कहना मुश्किल है.

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Published : Nov 20, 2019, 8:46 PM IST

Updated : Nov 20, 2019, 11:36 PM IST

देहरादून: मेधावी छात्रों के बेहतर भविष्य का सरकार का दावा कितना सही है. इस बात का अंदाजा नवोदय विद्यालय को देखकर लगाया जा सकता है. चिंता की बात है कि यहां सिर्फ मेधावी छात्र ही प्रवेश ले पाते हैं, लेकिन इन छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेलती सरकार की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होते हैं. इसी पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

वैसे तो उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. लेकिन सरकारी व्यवस्था में ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की सरकार की कोशिश भी अब नाकाम हो गयी है. ये मामला नवोदय विघायल से जुड़ा है, जहां सिर्फ मेधावी छात्रों का ही एडमिशन होता है. लेकिन अब इन स्कूलों की स्थिति भी खराब हो चुकी है.

मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़.

पढ़ें- खुशखबरीः सरकारी अस्पतालों में बुजुर्गों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

आपको जानकार ताज्जुब होगा कि नवोदय विद्यालय में एक दो नहीं बल्कि शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं. हालांकि, शासन में बैठे अधिकारी इन पदों को भरने की बात तो कर रहे है. लेकिन वो कब भरे जाएंगे ये कहना मुश्किल है. वहीं, शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम भी इस मामले में जल्द निर्णय लेने की बात कह रहे हैं.

खास बात यह है कि नवोदय विद्यालय की स्थापना तो कर दी गई लेकिन यहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई स्थाई व्यवस्था लागू नहीं की गई. यही कारण है कि नवोदय विद्यालय अब शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर ही निर्भर हो गए हैं.

देहरादून: मेधावी छात्रों के बेहतर भविष्य का सरकार का दावा कितना सही है. इस बात का अंदाजा नवोदय विद्यालय को देखकर लगाया जा सकता है. चिंता की बात है कि यहां सिर्फ मेधावी छात्र ही प्रवेश ले पाते हैं, लेकिन इन छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेलती सरकार की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े होते हैं. इसी पर ईटीवी भारत की स्पेशल रिपोर्ट...

वैसे तो उत्तराखंड में सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति किसी से छिपी नहीं है. लेकिन सरकारी व्यवस्था में ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की सरकार की कोशिश भी अब नाकाम हो गयी है. ये मामला नवोदय विघायल से जुड़ा है, जहां सिर्फ मेधावी छात्रों का ही एडमिशन होता है. लेकिन अब इन स्कूलों की स्थिति भी खराब हो चुकी है.

मेधावी छात्रों के भविष्य से खिलवाड़.

पढ़ें- खुशखबरीः सरकारी अस्पतालों में बुजुर्गों को मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं

आपको जानकार ताज्जुब होगा कि नवोदय विद्यालय में एक दो नहीं बल्कि शिक्षकों के कई पद खाली पड़े हैं. हालांकि, शासन में बैठे अधिकारी इन पदों को भरने की बात तो कर रहे है. लेकिन वो कब भरे जाएंगे ये कहना मुश्किल है. वहीं, शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम भी इस मामले में जल्द निर्णय लेने की बात कह रहे हैं.

खास बात यह है कि नवोदय विद्यालय की स्थापना तो कर दी गई लेकिन यहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई स्थाई व्यवस्था लागू नहीं की गई. यही कारण है कि नवोदय विद्यालय अब शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर ही निर्भर हो गए हैं.

Intro:summary- मेधावी छात्रों को बेहतर शिक्षा का वादा लिए नवोदय विद्यालय अपनी बदहाली पर बेबस दिखाई दे रहा है...चिंता की बात ये है कि यहां परीक्षा के जरिये सिर्फ मेधावी छात्र ही प्रवेश ले पाते हैं...लेकिन इन छात्रों के भविष्य को अंधकार में धकेलती सरकारी व्यवस्था कई सवाल खड़े कर रही है...देखिये रिपोर्ट...


Body:उत्तराखंड में यूं तो सरकारी विधालयों के खराब हालात किसी से छुपे नही है..लेकिन सरकारी व्यवस्था में ही गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की सरकार की कोशिश भी अब नाकाम हो गयी है...ये मामला नवोदय विद्यालयों का है ...जहां मेधावी छात्रों को एडमिशन दिए जाते हैं और सरकार अपने स्तर से मेधावियों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा देने की कोशिश करती है...अब इन विद्यालयों की स्थिति देखिये कि इन विद्यालयों में शिक्षकों के पद ही सरकार द्वारा नही भरे जा रहे हैं....एक दो नही बल्कि शिक्षाको के बड़ी संख्या में पद खाली है... खास बात यह है कि नवोदय विद्यालय की स्थापना तो कर दी गई लेकिन यहां शिक्षकों की नियुक्ति के लिए कोई स्थाई व्यवस्था नही लागू की गई... यही कारण है कि नवोदय विद्यालय शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति पर ही निर्भर हो गए हैं... हालांकि शिक्षा सचिव मीनाक्षी सुंदरम जल्द इस मामले में निर्णय लेने की बात कह रहे हैं...

बाइट-मीनाक्षी सुंदरम, शिक्षा सचिव, उत्तराखंड


Conclusion:
Last Updated : Nov 20, 2019, 11:36 PM IST
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