ऋषिकेश: देश के टॉप 10 थानों में शामिल ऋषिकेश कोतवाली की खाकी स्टाफ की कमी से जूझ रही है. हालांकि, स्टाफ कम होने के बावजूद पुलिसकर्मी क्राइम के ग्राफ को कम करने में लगे हैं, लेकिन शहर में वीआईपी मूवमेंट के दौरान पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ती है. इसकी वजह से ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों को दबाव झेलना पड़ रहा है.
कोतवाली में दर्ज होने वाले केस की जांच भी स्टाफ की कमी के चलते प्रभावित हो रही है. एक-एक सब-इंस्पेक्टर को कई-कई जांच अकेले करने पड़ रही है. ऐसे में सभी को अधिक समय तक ड्यूटी करनी पड़ रही है. इस दिनचर्या से पुलिसकर्मियों के अवसादग्रस्त होने की आशंका प्रबल हो रही है. अवसाद से बाहर निकालने के लिए पुलिसकर्मियों के पास मनोरंजन का भी कोई साधन नहीं है.
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गौर हो कि ऋषिकेश कोतवाली में कुछ समय पहले तक 18 सब-इंस्पेक्टर तैनात थे, जबकि वर्तमान समय में 13 सब-इंस्पेक्टर ही मौजूद हैं. दो सब-इंस्पेक्टर प्रमोट होकर ट्रांसफर जा चुके हैं जबकि 3 सब-इंस्पेक्टर का दूसरे स्थानों पर ट्रांसफर दिया गया है. लेकिन खादी हुए पदों पर अभी तक नए पुलिसकर्मी नहीं भेजे गए हैं.
यही नहीं, पांच चौकियों को मिलाकर ऋषिकेश कोतवाली में 109 कॉन्स्टेबल के पद स्वीकृत हैं लेकिन वर्तमान समय में केवल 76 कॉन्स्टेबल ही कोतवाली में मौजूद हैं. इस हिसाब से कोतवाली में 30% स्टाफ की कमी है. वहीं, कुंभ मेला भी नजदीक है. बावजूद इसके कोतवाली में अब तक स्टाफ की कमी को पूरा नहीं किया जा सका है. इस मामले में एसपी देहात स्वतंत्र कुमार का कहना है कि मामला उनके संज्ञान में है. जल्द ही स्टाफ की कमी को पूरा कर लिया जाएगा.