देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज में इन दिनों बड़ी संख्या में त्वचा संबंधित बीमारी से जुझ रहे मरीज पहुंच रहे हैं. कड़ाके की ठंड से लोगों को चर्म रोग की समस्याएं हो रही हैं. दून अस्पताल के चर्म विभाग में आने वाले मरीजों की संख्या में 20 प्रतिशत का इजाफा हुआ है.
दून अस्पताल के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सादिक उमर ने बताया कि ठंड के मौसम में लोग गर्म कपड़े पहनते हैं. गर्म कपड़ों पर रेशे होते हैं. यदि शरीर पर कोल्ड क्रीम नहीं लगाई जाए तो कपड़ों के रेशे सूखी त्वचा को इरिटेट करके खुजली पैदा कर देते हैं. इससे मरीज की त्वचा लाल हो जाती है और एग्जिमा जैसी परिस्थितियां पैदा हो जाती है.
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ठंड में कोल्ड क्रीम और बॉडी लोशन लगाना बेहद जरूरी है क्योंकि उम्र बढ़ने के साथ त्वचा अपनी नमी खोना शुरु कर देती है. सर्द मौसम में धूप में ज्यादा देर तक नहीं बैठना चाहिए, क्योंकि इससे एलर्जी की संभावना बढ़ जाती है और गर्दन, हाथ, चेहरे पर लाल छोटे दाने होने लगते हैं. जिस कारण खुजली होनी शुरू हो जाती है.
वहीं अस्पताल में आने वाले अधिकतर मरीजों के हाथ और पैर की उंगलियां में खुजली के साथ सूजन की समस्या देखी जा रही है. जो महिलाएं ठंड में काम करने के लिए ज्यादा पानी का इस्तेमाल करती हैं. उन्हें चिलब्लेंस होने का खतरा ज्यादा होता है. वहीं डॉक्टर ने ठंड को लेकर लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह भी दी.