देहरादून: उत्तराखंड में आगामी निकाय और लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राजनीतिक सियासत गरमाई हुई है. हालांकि, हर चुनाव की तरह इस बार भी निकाय और लोकसभा चुनाव से पहले नेताओं के दल बदलने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. इसके साथ ही राजनीतिक पार्टियों की ओर से दूसरे दलों के नेताओं के संपर्क में होने की भी बात कही जा रही है. अगले 6 महीने में निकाय चुनाव और साल 2024 में लोकसभा चुनाव होने हैं. इसके पहले ही राजनीतिक गलियारों में हलचल शुरू हो गई है. कांग्रेस की वर्तमान स्थिति चुनाव से पहले दलबदल की ओर इशारा भी कर रही है. आखिर क्या है इसके पीछे की संभावना? देखिए इस खास रिपोर्ट में.
इस बयान ने उड़ाई कांग्रेस की नींद: उत्तराखंड में कोई भी चुनाव क्यों ना हो, चुनाव से पहले दल बदल के मामले हमेशा ही देखे गए हैं. बड़ी बात यह है कि चुनाव से पहले पार्टियों के बड़े नेता दूसरे दलों के नेताओं के संपर्क में होने का भी हमेशा ही दावा करते रहे हैं. इसी क्रम में भाजपा के एक बड़े नेता ने भी इस बात का दावा किया है कि विपक्षी दल कांग्रेस के कुछ नेता उनके संपर्क में हैं. ये नेता कांग्रेस की नीतियों से खफा होकर भाजपा में शामिल हो सकते हैं. उत्तराखंड राज्य में पिछले कुछ समय से जिस प्रकार से कांग्रेसी नेताओं की बयानबाजी हो रही है, उसे देखकर तो यही लगता है कि बीजेपी नेताओं के ये बयान सच साबित हो सकते हैं.
अजय भट्ट ने छोड़ा शिगूफा: उत्तराखंड राज्य का मौसम और चुनावी माहौल दोनों राज्य की परिस्थितियां और परिवेश के एकदम विपरीत नजर आ रही हैं. क्योंकि प्रदेश में निकाय चुनाव और लोकसभा चुनाव की बिसात अभी से ही बिछने लगी है. राज्य में बीजेपी के नेता बयान देते हुए नजर आ रहे हैं कि जल्द ही कांग्रेस के बड़े नेता बीजेपी के परिवार में शामिल होते हुए नजर आएंगे, क्योंकि कांग्रेस डूबता हुआ जहाज है. दरअसल, उत्तराखंड बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एवं केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने कहा कि उत्तराखंड में जिस प्रकार से कांग्रेस नेताओं की आपसी बयानबाजी चल रही है और संगठन से कांग्रेस के नेता नाराज चल रहे हैं, उससे उम्मीद है कि जो भी नेता बीजेपी के संपर्क में हैं, वह जल्द ही बीजेपी का दामन थामते नजर आएंगे.
बीजेपी को विश्वास चुनाव से पहले पार्टी छोड़ेंगे कांग्रेसी: वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी के प्रदेश पदाधिकारी भी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के इन बयानों का समर्थन कर रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता वीरेंद्र बिष्ट ने कहा कि कांग्रेस के नेता अपने संगठन की नीतियों से खफा हो चुके हैं और जल्द ही वह चुनाव से पहले बीजेपी का दामन भी थाम सकते हैं. जबकि कांग्रेस बीजेपी के इन बयानों को चुनाव से पहले बीजेपी का एक एजेंडा करार दे रही है. जिसमें बीजेपी बयानों के माध्यम से अपने पक्ष में माहौल बनाने का काम कर रही है जो आगामी दिनों में कांग्रेस पार्टी सफल नहीं होने देगी.
ये भी पढ़ें: बढ़ती नाराजगी-बदलता व्यवहार, कांग्रेस में बगावती सुर के बीच बहुत कुछ कहती है सियासत की यह तस्वीर
2016 में कांग्रेस में आया था भूकंप: उत्तराखंड में नेताओं के दल बदलने का सिलसिला पहले भी रहा था. लेकिन 2016 में पूर्ववर्ती कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में जिस तरह से कांग्रेस मंत्रिमंडल के कई मंत्रियों सहित 10 विधायकों ने एक साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा का दामन थामा था, तब से ही बड़े नेताओं के दल बदलने का सिलसिला उत्तराखंड में चल रहा है. चुनाव के समय यह चरम पर देखने को मिलता है. ऐसे में उम्मीद है कि जो आने वाला चुनावी समय हैं, उसमें भी नेताओं के दल बदलने का सिलसिला उत्तराखंड में जारी रहेगा.