देहरादून: राजधानी के रायपुर गुलरघाटी स्थित इंस्टीट्यूशनल क्वारंटाइन सेंटर में पिछले दिनों एक 19 वर्षीय रेलवे कर्मचारी ने आत्महत्या कर ली थी. इस मामले में मृृतक के पिता ने शासन-प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. मृतक के पिता का कहना है कि 5 जून को उनके बेटे को क्वारंटाइन किया गया था. इस दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उनके बेटे का ध्यान ठीक से नहीं रखा, ऐसे में मानसिक तनाव की वजह से उसने आत्महत्या कर ली.
मृतक संकेत मेहरा के पिता अश्विनी मेहरा का कहना है कि क्वारंटाइन सेंटर में अगर उनके बेटे का ठीक से ख्याल रखा जाता तो आज उनका बेटा जिंदा होता. उनका आरोप है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उसकी मौत 2 दिन पहले की दर्शायी गई है. जबकि, क्वारंटाइन सेंटर के मुताबिक, उसकी मौत 1 हफ्ते बाद हुई है. बेटे की मौत के बाद उनका परिवार सदमे में है. मृतक के पिता ने बताया कि प्रशासन ने उनके बेटे की अस्थियां सौंपकर जांच का आश्वासन दिया है.
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मृतक के पिता अश्विनी मेहरा ने ETV- भारत से बातचीत के दौरान बताया कि इस साल जनवरी में उनके बेटे की तैनाती रेलवे के एसी कोच में टेक्नीशियन के पद पर हुई थी. ट्रेनिंग के बाद वो 5 जून को देहरादून आया था. इस दौरान उसे क्वारंटाइन किया गया, जहां पर तैनात स्वास्थ्य कर्मचारियों की लापरवाही से तंग आकर उनके बेटे ने खुदकुशी कर ली. उन्होंने बताया कि बेटे की मौत के बाद प्रशासन ने 2 कर्मचारियों को निलंबित कर मात्र खानापूर्ति की है. उन्होंने जिला प्रशासन से मांग की है कि जैसा व्यवहार उनके बेटे के साथ हुआ, वैसा किसी भी नौजवान के साथ न हो. साथ ही उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई और मुआवजे की मांग की है.