देहरादून: रिवर्स पलायन के उद्देश्य से राज्य स्थापना दिवस के मौके पर सरकार प्रदेशभर में कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. लेकिन प्रदेश पर बारीकी से नजर से रखने वाले राजनीतिक जानकार इसे सिर्फ सरकार का दिखावा मात्र कह रहे हैं. वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत ने कहा कि रिवर्स पलायन वास्तविक रूप से उस दिन होगा जब नेताओं का पलायन रुकेगा तो वहीं बुद्धिजीवियों के सवाल का राज्य मंत्री धन सिंह रावत ने भी अपनी शैली में जवाब दिया.
हर साल की तरह इस बार भी उत्तराखंड सरकार राज्य स्थापना दिवस बड़े धूमधाम से मना रही है. रिवर्स पलायन के उद्देश्य से प्रदेश के पहाड़ी जिलों में कई कार्यक्रमों को आयोजन भी किया जा रहा है. इसी में से एक है रैबार. ये कार्यक्रम टिहरी झील पर किया जा रहा है. लेकिन रैबार जैसे कार्यक्रमों को लेकर उत्तराखंड के वरिष्ठ पत्रकार जय सिंह रावत का कहना है कि ये केवल मात्र दिखावा है.
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वरिष्ठ पत्रकार रावत के मुताबिक पहाड़ी जिलों से पलायन को रोकने के लिए और रिवर्स पलायन के लिए सबसे जरूरी राजनीतिक पलायन को रोकना है. जैसे ही नेता चुनाव जीतता है वे घर देहरादून में ढूंढता है और अगला चुनाव लड़ने के लिए भी मैदान की सीट तलाशनी शुरू कर देता है. क्योंकि उसे पता है कि उनसे पहाड़ को ऐसा कुछ नहीं दिया जिसकी बदौलत वो वहां से अगला चुनाव जीत सकें.
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जब इस बारे में उत्तराखंड में राज्य मंत्री धन सिंह रावत से बात की गई तो उन्होंने कहा कि कम से कम वह तो राजनीतिक पलायन नही करेंगे. उनका यह बयान उस लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि राजनीतिक गलियारों में कई बार चर्चा हो चुकी है कि धन सिंह रावत भविष्य में देहरादून की राजपुर सीट से चुनाव लड़ेंगे. यानी वो अपनी राजनीतिक जमीन बदलने की फिराक में है. लेकिन उनके इस बायन ने इन चर्चाओं पर थोड़ा समय के लिए विराम लगा दिया है.