मसूरी: भारत सरकार द्वारा जेएनएनयूआरएम योजना के तहत आईडीएच में प्रदेश राजकीय निर्माण निगम द्वारा 40 फ्लैटों का निर्माण करवाया गया है. लेकिन आवंटन प्रक्रिया से पहले ही ये फ्लैट विवादों के घेरे में फंस गए हैं. जिसे लेकर पूर्व में चयनित लाभार्थियों ने मसूरी नगर पालिका प्रशासन द्वारा गरीब मजदूरों के हितों से खेलने का आरोप लगाते हुए आईडीएच बिल्डिंग पर पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया.
चयनित लाभार्थी विक्रम सिंह बलूड़ी और रंजीत सिंह चौहान ने बताया कि पूर्व में नगर पालिका द्वारा 88 गरीब लोगों को चयनित कर आईडीएच में बनाए जा रहे फ्लैट देने की बात कही गई थी. जिसे लेकर मसूरी के स्थानीय अखबार में फ्लैटों के आवंटन को लेकर लाभार्थियों के नाम से विज्ञापन जारी कर उनको 15 दिनों के भीतर आवंटन से संबंधित कागजात जमा करने के निर्देश दिए गए थे.
लेकिन दुर्भाग्यवश आज तक किसी को नियमानुसार फ्लैट आवंटित नहीं हुए हैं. उन्होंने कहा कि 88 में से 17 परिवार वर्तमान में 40 में से 17 फ्लैट में रह रहे हैं, जबकि अन्य में कुछ भू माफिया अवैध रूप से कब्जा कर अपने कर्मचारियों को बसाया गया है. साथ ही बताया कि इस बिल्डिंग में बिजली और पेयजल की व्यवस्था तक नहीं है.
ऐसे में यहां निवास कर रहे लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. जिसे लेकर कई बार स्थानीय प्रशासन और पालिका के अधिकारियों को अवगत कराया गया है. लेकिन इस दिशा में कोई भी कदम उठाने को तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही पालिका प्रशासन द्वारा चयनित लाभार्थियों को नियम अनुसार फ्लैट आवंटित नहीं किए गए तो आने वाले समय में सभी चयनित लाभार्थी पालिका और सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल अनशन और भूख हड़ताल करने को मजबूर होंगे.
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भाजपा मंडल अध्यक्ष मोहन पटवाल ने कहा कि आईडीएच में निवास कर रहे लोगों का वेरिफिकेशन होना चाहिए. जो लोग अनधिकृत रूप से बिल्डिंग में रह रहे हैं उन पर कार्रवाई होनी चाहिए. उन्होंने कहा सरकार द्वारा मसूरी में भूमिहीन लोगों के लिए फ्लैटों का निर्माण करवाया गया था. वो जल्द अधिशासी अधिकारी से वार्ता कर चयनित लाभार्थियों को फ्लैट आवंटित करने के साथ फ्लैट पर कब्जा धारियों को तत्काल प्रभाव से हटाने की मांग करेंगे.