देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा को लेकर धर्मस्व एवं तीर्थाटन सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने बड़ा फैसला लिया है. जिसके अनुसार जो पंजीकृत यात्री दर्शन करने नहीं पहुंच रहे हैं, उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत यात्रियों को दर्शन करने का मौका दिया जाएगा. इसको लेकर आदेश भी जारी कर दिया गया है.
उत्तराखंड शासन के धर्मस्व विभाग द्वारा जारी एसओपी में तीर्थ यात्रियों की संख्या निर्धारित की गयी है. साथ ही इस बात का भी जिक्र किया गया है कि बिना पंजीकरण के यात्री दर्शन नहीं कर पाएंगे, लेकिन वर्तमान में जिन यात्रियों ने पंजीकरण कराया है, उसमें से बहुत कम यात्री ही दर्शन करने पहुंच रहे हैं. जिसे देखते हुए, जो पंजीकृत यात्री दर्शन करने नहीं पहुंच रहे हैं, उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत यात्रियों को दर्शन करने का मौका दिया जाएगा.
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बता दें कि 18 सितंबर से चारधाम की यात्रा शुरू कर दी गई है. यात्रा के लिए जारी एसओपी अनुसार बदरीनाथ धाम के लिए 1000, केदारनाथ के लिए 800, गंगोत्री के लिए 600 और यमुनोत्री के लिए 400 तीर्थ यात्रियों के प्रतिदिन दर्शन करने की व्यवस्था है. चारधाम यात्रा में देवस्थानम बोर्ड की वेबसाइट www.devasthanam.uk.gov.in में पंजीकृत तीर्थ यात्रियों में से प्रतिदिन कम श्रद्धालु चारों धाम पहुंच रहे हैं. जिसके चलते, अन्य श्रद्धालुओं को दर्शन करने का मौका देने के लिए प्रदेश के धर्मस्व विभाग ने आदेश जारी कर दिया है.
धर्मस्व एवं तीर्थाटन सचिव हरिचंद्र सेमवाल ने कहा एसओपी अनुसार जो पंजीकृत तीर्थयात्री निर्धारित तिथि को उत्तराखंड चारधाम नहीं पहुंच पा रहे हैं. उनके स्थान पर अन्य पंजीकृत तीर्थ यात्री चारधामों में दर्शन को जा सकेंगे. इसके लिए आयुक्त गढ़वाल/मुख्य कार्यकारी अधिकारी चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड, जिलाधिकारी चमोली, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी को आदेश पर तत्काल अमल करने को कहा गया है.