पिथौरागढ़/देहरादून: आपदाग्रस्त टांगा गांव में रेस्क्यू ऑपरेशन पांचवें दिन भी जारी है. अबतक बचाव टीम टांगा गांव से 9 शव और मुनस्यारी के गैला गांव से 3 शवों को बरामद कर चुकी है जबकि लापता दो शवों की तलाश जारी है. मलबे में दबे शवों को बाहर निकालने के लिए जिला प्रशासन, स्थानीय पुलिस, आईटीबीपी, एनडीआरएफ के 104 लोगों की टीम की मदद ली जा रही है. आपदाग्रस्त इलाके में दो मेडिकल टीमों को भी तैनात किया गया है.
पहाड़ी इलाकों में बादल फटने और अन्य प्राकृतिक आपदा के बाद हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू टीम को घटनास्थल पर पहुंचाने के लिए कई तरह की तकनीकी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है. एसडीआरएफ के अधिकारियों का कहना है कि दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में आपदा के समय हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने की समस्या जस की तस बनी हुई है.
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वहीं, पिथौरागढ़ में बादल फटने की घटना पर SDRF आईजी संजय गुंज्याल ने कहा कि आपदाग्रस्त इलाके में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी स्थानीय जिला प्रशासन के सहयोग से 2 शवों की तलाश के लिए रेस्क्यू अभियान चलाया जा रहा है. एसडीआरएफ की डॉग स्क्वॉयड लापता शवों की तलाश में भी मदद कर रही है, जल्द ही शवों को मलबे से बाहर निकाल लिया जाएगा.
टांगा गांव में राहत बचाव कार्य में जुटीं एजेंसियां अब तक माधव सिंह पुत्र चन्द्र सिंह, गणेश सिंह पुत्र माधव सिंह, हीरा देवी पत्नी गणेश सिंह, रोशन कुमार पुत्र जीत राम, तुलसी देवी पत्नी माधो सिंह, दिव्यांशु पुत्र गणेश सिंह, लतिका पुत्री गणेश सिंह, पदमा देवी पत्नी खुशाल सिंह, कुसुमा देवी पत्नी भीम सिंह के शव को मलबे से निकाल चुकी है. जबकि, जीत राम पुत्र हुड़किया राम और पार्वती देवी पत्नी जीत राम के शव की तलाश जारी है.
गौर हो कि मुनस्यारी में बादल फटने से तबाही का खौफनाक मंजर देखने को मिला था. गैला गांव में हुए भूस्खलन से दो मकान जमींदोज हो गए थे. इसमें एक ही परिवार के तीन सदस्य जिंदा दफन हो गये थे. दूसरे परिवार के 5 लोगों ने रात में ही भागकर अपनी जान बचाई. वहीं टांगा गांव में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी.