देहरादूनः उत्तराखंड के एक एसडीआरएफ जवान ने आपदा के दौरान काम आने वाले रेस्क्यू उपकरण को अपग्रेड किया है. एसडीआरएफ बल में तैनात फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल ने वायर रिमोट चलित अंडर वाटर अंकुश को अपग्रेड कर इसे आसान बनाया है. अब इस कांटे को अपने हाथों से इलेक्ट्रिक कंट्रोल के जरिए कहीं भी फंसाकर आसानी से खोल और फोल्ड कर बाहर निकाला जा सकेगा. ये उपकरण आमतौर पर राहत बचाव कार्य के दौरान काफी उपयोगी माना जाता है.
बता दें कि एसडीआरएफ की फ्लड रेस्क्यू टीम साल भर राहत और बचाव के लिए तैनात रहती है. कई बार बड़े फ्लड (बाढ़) के दौरान एसडीआरएफ टीम जान जोखिम में डालकर कार्रवाई को अंजाम देती है. तेज बहाव वाली नदियों में राहत और बचाव के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आपदा की स्थिति में पहाड़ियों और राफ्टिंग वाली जगहों पर रस्सियों के सहारे कांटे को बांधकर रेस्क्यू किया जाता है. इस दौरान अधिकांश जगहों पर रेस्क्यू कांटा बड़ी चट्टानों, झाड़ियों समेत अन्य कबाड़ों में फंस जाता है. जिसके चलते कांटे को वापस हासिल करना मुश्किल होता है. ऐसे में राहत और बचाव कार्य के दौरान व्यवधान होता है. इसके अलावा कांटे के फंसने पर जान-माल का जोखिम भी रहता है.
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इसे देखते हुए एसडीआरएफ के फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह ने वायर रिमोट चलित अंडरवाटर अंकुश को अपग्रेड किया है. अपग्रेड किए गए इस कांटा उपकरण का वजन करीब 6 से 7 किलो और लंबाई 80 सेंटीमीटर है. जिसमें 6 वोल्ट की बैटरी से राफ्ट में बैठ कर आसानी से रेस्क्यू के दौरान अपनी सुविधा के मुताबिक संचालन किया जा सकता है.
विक्रम सिंह के मुताबिक ये कांटा दुनिया भर में रेस्क्यू के दौरान इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये कई बार फंस भी जाता है. अब उन्होंने इसे अपग्रेड किया है जो कहीं भी फेंकने के बाद खुल और फोल्ड हो सकता है. साथ ही बताया कि अब इस इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल अपग्रेड कांटा उपकरण से रेस्क्यू कार्य में मदद मिलेगी.