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बाढ़ में रेस्क्यू करते समय SDRF की टीम को नहीं होगी परेशानी, कॉन्स्टेबल विक्रम ने किया ये कारनामा

एसडीआरएफ के फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह ने वायर रिमोट चलित अंडरवाटर अंकुश को अपग्रेड किया है. कहीं भी फेंकने के बाद खुल और फोल्ड हो सकता है. अब इस इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल अपग्रेड कांटा उपकरण से रेस्क्यू कार्य में मदद मिलेगी.

एसडीआरएफ के जवान ने देहरादून में अपग्रेड रेस्क्यू मशीन बनाया
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Published : Mar 26, 2019, 11:51 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड के एक एसडीआरएफ जवान ने आपदा के दौरान काम आने वाले रेस्क्यू उपकरण को अपग्रेड किया है. एसडीआरएफ बल में तैनात फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल ने वायर रिमोट चलित अंडर वाटर अंकुश को अपग्रेड कर इसे आसान बनाया है. अब इस कांटे को अपने हाथों से इलेक्ट्रिक कंट्रोल के जरिए कहीं भी फंसाकर आसानी से खोल और फोल्ड कर बाहर निकाला जा सकेगा. ये उपकरण आमतौर पर राहत बचाव कार्य के दौरान काफी उपयोगी माना जाता है.

जानकारी देते एसडीआरएफ जवान.


बता दें कि एसडीआरएफ की फ्लड रेस्क्यू टीम साल भर राहत और बचाव के लिए तैनात रहती है. कई बार बड़े फ्लड (बाढ़) के दौरान एसडीआरएफ टीम जान जोखिम में डालकर कार्रवाई को अंजाम देती है. तेज बहाव वाली नदियों में राहत और बचाव के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आपदा की स्थिति में पहाड़ियों और राफ्टिंग वाली जगहों पर रस्सियों के सहारे कांटे को बांधकर रेस्क्यू किया जाता है. इस दौरान अधिकांश जगहों पर रेस्क्यू कांटा बड़ी चट्टानों, झाड़ियों समेत अन्य कबाड़ों में फंस जाता है. जिसके चलते कांटे को वापस हासिल करना मुश्किल होता है. ऐसे में राहत और बचाव कार्य के दौरान व्यवधान होता है. इसके अलावा कांटे के फंसने पर जान-माल का जोखिम भी रहता है.

ये भी पढेंःदून के दर्शन लाल चौक पर पीएम मोदी का पोस्टर जिला प्रशासन को नहीं दिखता, डीएम बोले- हटाएंगे


इसे देखते हुए एसडीआरएफ के फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह ने वायर रिमोट चलित अंडरवाटर अंकुश को अपग्रेड किया है. अपग्रेड किए गए इस कांटा उपकरण का वजन करीब 6 से 7 किलो और लंबाई 80 सेंटीमीटर है. जिसमें 6 वोल्ट की बैटरी से राफ्ट में बैठ कर आसानी से रेस्क्यू के दौरान अपनी सुविधा के मुताबिक संचालन किया जा सकता है.


विक्रम सिंह के मुताबिक ये कांटा दुनिया भर में रेस्क्यू के दौरान इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये कई बार फंस भी जाता है. अब उन्होंने इसे अपग्रेड किया है जो कहीं भी फेंकने के बाद खुल और फोल्ड हो सकता है. साथ ही बताया कि अब इस इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल अपग्रेड कांटा उपकरण से रेस्क्यू कार्य में मदद मिलेगी.

देहरादूनः उत्तराखंड के एक एसडीआरएफ जवान ने आपदा के दौरान काम आने वाले रेस्क्यू उपकरण को अपग्रेड किया है. एसडीआरएफ बल में तैनात फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल ने वायर रिमोट चलित अंडर वाटर अंकुश को अपग्रेड कर इसे आसान बनाया है. अब इस कांटे को अपने हाथों से इलेक्ट्रिक कंट्रोल के जरिए कहीं भी फंसाकर आसानी से खोल और फोल्ड कर बाहर निकाला जा सकेगा. ये उपकरण आमतौर पर राहत बचाव कार्य के दौरान काफी उपयोगी माना जाता है.

जानकारी देते एसडीआरएफ जवान.


बता दें कि एसडीआरएफ की फ्लड रेस्क्यू टीम साल भर राहत और बचाव के लिए तैनात रहती है. कई बार बड़े फ्लड (बाढ़) के दौरान एसडीआरएफ टीम जान जोखिम में डालकर कार्रवाई को अंजाम देती है. तेज बहाव वाली नदियों में राहत और बचाव के दौरान काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. आपदा की स्थिति में पहाड़ियों और राफ्टिंग वाली जगहों पर रस्सियों के सहारे कांटे को बांधकर रेस्क्यू किया जाता है. इस दौरान अधिकांश जगहों पर रेस्क्यू कांटा बड़ी चट्टानों, झाड़ियों समेत अन्य कबाड़ों में फंस जाता है. जिसके चलते कांटे को वापस हासिल करना मुश्किल होता है. ऐसे में राहत और बचाव कार्य के दौरान व्यवधान होता है. इसके अलावा कांटे के फंसने पर जान-माल का जोखिम भी रहता है.

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इसे देखते हुए एसडीआरएफ के फ्लड रेस्क्यू कॉन्स्टेबल विक्रम सिंह ने वायर रिमोट चलित अंडरवाटर अंकुश को अपग्रेड किया है. अपग्रेड किए गए इस कांटा उपकरण का वजन करीब 6 से 7 किलो और लंबाई 80 सेंटीमीटर है. जिसमें 6 वोल्ट की बैटरी से राफ्ट में बैठ कर आसानी से रेस्क्यू के दौरान अपनी सुविधा के मुताबिक संचालन किया जा सकता है.


विक्रम सिंह के मुताबिक ये कांटा दुनिया भर में रेस्क्यू के दौरान इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन ये कई बार फंस भी जाता है. अब उन्होंने इसे अपग्रेड किया है जो कहीं भी फेंकने के बाद खुल और फोल्ड हो सकता है. साथ ही बताया कि अब इस इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल अपग्रेड कांटा उपकरण से रेस्क्यू कार्य में मदद मिलेगी.

Intro:pls नोट -इस ख़बर के विसुअल mail द्वारा भेजा गया हैं।


देहरादून- किसी भी आपातकाल समय में संकटमोचक बनकर जीवन को बचाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले उत्तराखंड एसडीआरएफ जवान ने अपने आविष्कार द्वारा दुनिया भर में सबसे ज्यादा काम आने वाले ऐसे रेस्क्यू उपकरण को अपग्रेड किया है जो किसी भी राहत बचाव कार्य के समय में अति उपयोगी माना जाता है। दरअसल एसडीआरएफ बल अंतर्गत आने फ्लड रेस्क्यू कांस्टेबल विक्रम सिंह ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा को नव दिशा प्रदान करते हुए रेस्क्यू के समय में अति उपयोगी उपकरण कांटे को अब वायर रिमोट चालित अंडर वाटर अंकुश को ऐसा अपग्रेड कर नया आविष्कार कर दिखाया है कि, अब इस कांटे को अपने हाथों से इलेक्ट्रिक कंट्रोल के जरिए कहीं भी फसाने के दौरान बड़े आसानी से खोला व फोल्ड कर बाहर निकाला जा सकता है जबकि इससे पहले यह कांटा रेस्क्यू के लिए एक जगह फंसाए जाने के बाद काफी समय तक फंसा रह जाता था। और इसे निकालने में कई बार जानमाल का ख़तरा भी रहत था।



Body:एसडीआरएफ टीम के मुताबिक ऋषिकेश गंगा किनारे नैनीताल झील में उनकी फ्लड रेस्क्यू टीम वर्ष भर राहत बचाव के लिए तैनात रहती है। अनेक बार बड़े फ्लड ( बाढ़ नुमा ज़लज़ला) के दौरान एसडीआरएफ टीम द्वारा खतरनाक ढंग से कार्रवाई को अंजाम दिया जाता रहा है। उत्तराखंड की तेज प्रवाह बहाव नदियों में राहत बचाव के साथ साथ पहाड़ियों किनारें राफ्टिंग वाली जगह में रस्सियों के सारे कांटे को बांधकर सर्चिंग के अधिकांश समय कांटा बड़ी चट्टानों, झाड़ियों सहित अन्य कबाड़ में फंस जाता है जिसके चलते उन्हें कांटे को वापिस हासिल करना काफी मुश्किल होता है जिसके कारण राहत बचाव व सर्चिंग का समय तो व्यर्थ होता ही हैं इसके अलावा कांटे के फंसने पर जान माल का जोखिम अगल रहता हैं।


Conclusion:एसडीआरएफ फ्लड रेस्क्यू टीम के बाद एक कई बार तेज बहाव नदियों मैं रेत की अत्यधिक मात्रा से अंडर वाटर ड्रोन सिस्टम के नुकसान होने के साथ ही अस्पष्ट छवि प्राप्त होने का अंदेशा रहता है लेकिन अब इस इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल अपग्रेड कांटा उपकरण की मदद से रेस्क्यू कार्य में अत्यधिक सहायता प्राप्त होगी जिससे राहत बचाव कार्य को एक नई गति मिलेगी।
अपग्रेड किए गए इस कांटा उपकरण का वजन लगभग 6 से 7 किलोग्राम और लंबाई लगभग 80 सेंटीमीटर है जिसमें 6 वोल्ट की बैटरी से राफ्ट में बैठ कर आसानी से रेस्क्यू करने वाला इसे अपनी सुविधा मुताबिक इसका संचालन कर सकता है। इस कांटे की आविष्कार करने वाले जवान विक्रम सिंह के मुताबिक यह कांटा दुनिया भर में वर्षों पहले रेस्क्यू के समय उपयोग में लाया जाता रहा है लेकिन इसके गलत जगह फस जाने के कारण यह घंटो एक जगह फंसा रह जाता है लेकिन अब उन्होंने इसे इस तरह से अपडेट अपग्रेड किया है कि अब यह कहीं भी फेंकने के बाद खोलने वह फोल्ड करने की दशा में आ सकता है।
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