ETV Bharat / state

SDRF की मदद से 14 दलों ने सकुशल पूरी की मानसरोवर यात्रा, ई-मेल के जरिए आ रहे सुझाव

मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने में SDRF की अहम भूमिका है. इस बार की यात्रा में SDRF ने कई खतरों से श्रद्धालुओं को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया है.

कैलाश मानसरोवर यात्रा
author img

By

Published : Aug 7, 2019, 10:46 AM IST

Updated : Aug 7, 2019, 2:43 PM IST

देहरादून: देश-दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने के लिए एसडीआरएफ की भूमिका एक बार फिर अहम मानी जा रही है. एसडीआरएफ की 32 टुकड़ियां 11 जून से शुरु होने वाली इस यात्रा का चाइना बॉर्डर तक सफल तरीके से संचालन कर रही हैं.

बता दें, अभी तक 14 दलों में 840 श्रद्धालु सुरक्षित मानसरोवर यात्रा कर चुके हैं. इसके लिए श्रद्धालुओं ने एसडीआरएफ को ई-मेल व पत्रों के माध्यम से धन्यवाद प्रकट किया है. साथ ही अपने सुक्षाव भी दिए हैं. एसडीआरएफ ने भी श्रद्धालुओं के सभी सुझावों को प्राथमिकता के तौर पर रखते हुए आगामी वर्ष में बेहतर यात्रा सुधार के रूप अमल में लाने का आश्वासन दिया है.

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल

बता दें, अभी तक इस वर्ष 11 जून 2019 से दिल्ली से शुरू होकर 5 सितंबर 2019 तक चलने वाली इस यात्रा में 18 दल हैं. जिनमें से 14 जत्थों को मानसरोवर की यात्रा करवाई जा चुकी है, प्रत्येक जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल हैं. जिनके साथ एसडीआरएफ अलग-अलग विशेषज्ञों सहित मेडिकल टीम शामिल है. हालांकि, अभी चार जत्थों की यात्रा होना बाकी है जो 5 सितंबर तक पूरी की जानी है.

पढ़ें- सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से था पुराना रिश्ता, हरिद्वार के लिए किए थे कई बड़े काम

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से एसडीआरएफ की विशेष टुकड़ियां मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं, जबकि ज्यादातर मानसून सीजन में चलने वाली इस मानसरोवर यात्रा के दौरान दुर्गम रास्तों को पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि लैंडस्लाइडिंग, बादल फटने जैसी कई बाधाओं को पार कर यात्रा कराना चुनौतीपूर्ण काम है. इसके अलावा ई-मेल व पत्र के जरिए जो भी सुझाव एसडीआरएफ को मिले हैं, आगामी यात्रा में उनको अमल में लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

देहरादून: देश-दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक कैलाश मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने के लिए एसडीआरएफ की भूमिका एक बार फिर अहम मानी जा रही है. एसडीआरएफ की 32 टुकड़ियां 11 जून से शुरु होने वाली इस यात्रा का चाइना बॉर्डर तक सफल तरीके से संचालन कर रही हैं.

बता दें, अभी तक 14 दलों में 840 श्रद्धालु सुरक्षित मानसरोवर यात्रा कर चुके हैं. इसके लिए श्रद्धालुओं ने एसडीआरएफ को ई-मेल व पत्रों के माध्यम से धन्यवाद प्रकट किया है. साथ ही अपने सुक्षाव भी दिए हैं. एसडीआरएफ ने भी श्रद्धालुओं के सभी सुझावों को प्राथमिकता के तौर पर रखते हुए आगामी वर्ष में बेहतर यात्रा सुधार के रूप अमल में लाने का आश्वासन दिया है.

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल

बता दें, अभी तक इस वर्ष 11 जून 2019 से दिल्ली से शुरू होकर 5 सितंबर 2019 तक चलने वाली इस यात्रा में 18 दल हैं. जिनमें से 14 जत्थों को मानसरोवर की यात्रा करवाई जा चुकी है, प्रत्येक जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल हैं. जिनके साथ एसडीआरएफ अलग-अलग विशेषज्ञों सहित मेडिकल टीम शामिल है. हालांकि, अभी चार जत्थों की यात्रा होना बाकी है जो 5 सितंबर तक पूरी की जानी है.

पढ़ें- सुषमा स्वराज का उत्तराखंड से था पुराना रिश्ता, हरिद्वार के लिए किए थे कई बड़े काम

एसडीआरएफ आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से एसडीआरएफ की विशेष टुकड़ियां मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं, जबकि ज्यादातर मानसून सीजन में चलने वाली इस मानसरोवर यात्रा के दौरान दुर्गम रास्तों को पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है. उन्होंने कहा कि लैंडस्लाइडिंग, बादल फटने जैसी कई बाधाओं को पार कर यात्रा कराना चुनौतीपूर्ण काम है. इसके अलावा ई-मेल व पत्र के जरिए जो भी सुझाव एसडीआरएफ को मिले हैं, आगामी यात्रा में उनको अमल में लाने का पूरा प्रयास किया जाएगा.

Intro:pls note- desk -इस खबर से संबंधित कुछ मानसरोवर यात्रा के एसडीआरएफ वाले विजुअल मेल से भेजे जा रहे हैं.


summary_मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने में SDRF की अहम भूमिका, इस बार की यात्रा में SDRF ने कई खतरों से श्रद्धालुओं को सुरक्षित गंतव्य तक पहुंचाया,देश-विदेश के मानसरोवर यात्रियों द्वारा एसडीआरएफ को किया ईमेल व पत्रों के माध्यम से SDRF की सराहना की, SDRF बोली फ़ीडबैक के मुताबिक आगे किया जाएगा और बेहतर सुधार ।


देश- दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्राओं में से एक मानसरोवर यात्रा को उत्तराखंड के दुर्गम पहाड़ियों वाले प्राकृतिक सौंदर्य व सफेद बर्फ की चादर ओढ़े कैलाश पर्वत से पहले चाइना बॉर्डर तक सफल बनाने के लिए एसडीआरएफ टीम की भूमिका एक बार फिर अहम मानी जा रही है... मानसून के मौसम हर वर्ष की भांति इस साल भी 11 जून से शुरु होने वाली इस यात्रा को एसडीआरएफ की हेड और टेल टीम ने उत्तराखंड के पिथौरागढ़ व धारचूला से शुरू वाली चुनौतीपूर्ण मानसरोवर यात्रा गूंजी गाँव से होते हुए दुर्गम लीपुखेल दर्रे से गुजतरे हुए चाइना बॉर्डर तक सफल तरीके से संचालन करने का सराहनीय कार्य जारी रखे हुए हैं। यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को कई खतरों से सुरक्षित करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंचाने का कार्य भारी मानसून एसडीआरएफ की 32 टुकड़ियों सफलतापूर्वक जारी रखे हुए हैं।

अभी तक 14 दलों में 840 श्रद्धालुओं को सुरक्षित मानसरोवर जैसी कठिन यात्रा सफलता पूर्वक कराए जाने उपरांत अपने गंतव्य में पहुंचने वाले यात्रियों ने एसडीआरएफ को ई-मेल व पत्रों के माध्यम से उनके द्वारा यात्रा में किए गए सराहनीय कार्य धन्यवाद प्रकट करते हुए अपनी तरफ से कुछ सुझाव भी दिए हैं, उधर एसडीआरएफ ने भी श्रद्धालुओं के सभी सुझाव को प्राथमिकता के तौर पर रखते हुए आगामी वर्ष में बेहतर यात्रा सुधार के रूप अमल में लाने का आश्वासन दिया है।





Body:बता दे कि अभी तक इस वर्ष 11 जून 2019 से दिल्ली शुरू होकर 5 सितंबर 2019 तक चलने वाली इस यात्रा में 18 दल हैं जिनमें से 14 जत्थों को मानसरोवर की यात्रा सफलता और सुरक्षित ढंग से एसडीआरएफ करा चुकी है, प्रत्येक जत्थे में 60 श्रद्धालु शामिल है जिनके साथ एसडीआरएफ अलग अलग विशेषज्ञों सहित मेडिकल टीम शामिल है ।हालांकि अभी चार जत्थों की यात्रा होना बाकी है जो 5 सितंबर तक तय यात्रा तिथि तक पूरी की जानी है।

राज्य आपदा में प्रतिवेदन बल की स्थापना के उपरांत एसडीआरएफ के जवान धार्मिक यात्राओं को सफल व सुरक्षित बनाने के प्रयास में लगातार संकटमोचक बनकर अपने कार्यों के लिए प्रतिबंध है मानसरोवर यात्रा के लिए लगभग 32 अलग-अलग दुर्गम स्थानों में एसडीआरएफ की टीमें किसी भी आकस्मिक घटना के लिए तत्काल रिस्पांस देने के लिए तैनात रखी गई है कैलाश मानसरोवर यात्रा में SDRF के जवान दल के साथ हेड और टेल ड्यूटी टीम तैनात रहती है जिसमें एक टीम मानसरोवर यात्रा के चाइना बॉर्डर तक श्रद्धालुओं को ले जाती है और वहीं टीम वहां से दर्शन कर चुके श्रद्धालुओं को वापस अपने गंतव्य तक वापस लेकर आती है।




Conclusion:वही मानसरोवर जैसे कठिन यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाने वाली एसडीआरएफ टीम के आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि पिछले 3 वर्षों से एसडीआरएफ की विशेष टुकड़िया मानसरोवर यात्रा को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा रही हैं जबकि ज्यादातर मानसून सीजन में चलने वाली इस मानसरोवर यात्रा के दौरान दुर्गम रास्तों पार करना बेहद मुश्किल हो जाता है इसके अलावा लैंडस्लाइडिंग और बादल फटने और पहाड़ी आपदा जैसे कई पड़ाव को पार करवा कर यात्रा को सुचारू रखना चुनौतीपूर्ण कार्य है। उसके बावजूद यात्रा को सुरक्षित चलाया जाना महत्वपूर्ण कामयाबी है। आईजी गुंज्याल के मुताबिक एसडीआरएफ द्वारा मानसरोवर यात्रा को सुरक्षित बनाकर यात्रियों को सफल तरीके से अपने गंतव्य में पहुंचाने के उपरांत लगातार दर्शन कर आए श्रद्धालुओं के धन्यवाद और फीडबैक के साथ सुझाव आए हैं जिन्हें आने वाली आगामी यात्रा में अमल में लाने का पूरा प्रयास करेंगे।

बाइट- संजय गुंज्याल, आईजी एसडीआरएफ
Last Updated : Aug 7, 2019, 2:43 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.