देहरादूनः उत्तराखंड में आगामी विधानसभा 2022 चुनाव को निष्पक्ष और शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न कराना उत्तराखंड पुलिस के लिए बड़ा टास्क है. वहीं, दूसरी तरफ राज्य की विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बीच दुर्गम व पहाड़ी इलाकों में जबरजस्त बर्फबारी जैसे मौसम में सुरक्षा कवच बनकर चुनाव में मतदान कराना पुलिस तंत्र के लिए अलग से एक बड़ा चैलेंज बन गया है.
हिमालय के नजदीक उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और चमोली जैसे जनपदों में ऐसे कई दुर्गम पर्वतीय क्षेत्र हैं, जहां मॉनसून के साथ-साथ सर्द मौसम में लगातार बर्फबारी और बेहद खराब मौसम हमेशा की तरह प्राकृतिक आपदाओं से घिरा रहता है. ऐसे में इस बार आपदा राहत बचाव दल के रूप में कार्य करने वाली उत्तराखंड पुलिस की SDRF की कई टुकड़ियों को उत्तरकाशी, पिथौरागढ़ और चमोली जैसे दूरस्थ पोलिंग बूथों पर जान माल की सुरक्षा के लिए अलग से लगाया जा रहा है.
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के मुताबिक, 50 से अधिक ऐसे दुर्गम स्थलों में पोलिंग बूथों को चिन्हित किया गया है जिन पर सुरक्षा जवानों के साथ-साथ आपदा राहत बचाव दल के रूप में एसडीआरएफ के स्पेशल फोर्स के जवान तैनात रहेंगे. ताकि दुर्गम स्थानों में वर्षा व हिमपात जैसे मौसम में आपातकाल परिस्थिति आने पर जनता और निर्वाचन कर्मियों को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर ले जाकर राहत बचाव किया जा सके.
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दुर्गम बूथों में अतिरिक्त सुरक्षा जरूरीः पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार के मुताबिक, जिस तरह से इन दिनों लगातार बारिश और बर्फबारी का दौर जारी है, उसे देखते हुए आगामी दिनों में भी खासकर दुर्गम पहाड़ी जिलों के इलाकों में भारी बर्फबारी-वर्षा और खराब मौसम होने की आशंका जताई जा रही है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्राकृतिक आपदा से प्रभावित दूरस्थ पर्वतीय जिलों में निर्वाचन बूथों पर एसडीआरएफ के जवान रेस्क्यू की भूमिका में अपने तकनीकी संसाधनों व उपकरणों के साथ तैनात रहेंगे. ताकि किसी भी आपातकालीन स्थिति में समय रहते जान-माल की सुरक्षा की जा सके.
केंद्र से 135 सुरक्षा कंपनी आवंटितः उत्तराखंड राज्य में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न कराने के दृष्टिगत पुलिस विभाग की ओर से 115 केंद्रीय सुरक्षाबल कंपनी की मांग की गई थी. जिसमें से 35 कंपनियां उत्तराखंड के अलग-अलग जिलों में पहुंच चुकी हैं. जबकि 80 सुरक्षा बलों की कंपनियां चुनाव से पहले आखिरी सप्ताह में अपने-अपने तय जनपद स्थान में पहुंच जाएंगी.
डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक, चुनाव के लिए जितनी फोर्स केंद्र से मांगी गई थी, उतनी आवंटित हो चुकी है. ऐसे में चुनाव पारदर्शी और निष्पक्ष, शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराए जा सकें, इसके लिए राज्य पुलिस की तरफ से तमाम तरह की तैयारियां पूरी की जा रही हैं.
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15 हजार से अधिक पुलिस जवानों को लगी बूस्टर डोजः कोविड-19 की लहर में 1 जनवरी 2022 से वर्तमान तक राज्यभर में 500 से अधिक जवान कोरोना पॉजिटिव हो चुके हैं. हालांकि अधिकांश कर्मी इसमें पहले ही डबल डोज लेने के चलते सुरक्षित हैं. ऐसे में काफी हदतक संक्रमित जवान चिकित्सा उपचार के उपरांत ड्यूटी पर लौट चुके हैं. उधर आगामी विधानसभा चुनाव में संक्रमण का खतरा ड्यूटी में कोई व्यवधान पैदा न करे, इसको देखते हुए 15 हजार से अधिक जवानों को तीसरे टीकाकरण के रूप में बूस्टर डोज लगाई जा चुकी है.
हालांकि, अभी यह अभियान जारी है. डीजीपी अशोक कुमार के मुताबिक तीसरी लहर के रूप में फैलने वाला कोविड संक्रमण इफेक्ट इस बार ज्यादा नहीं है. यही कारण है कि डबल डोज लगा चुके जो पुलिस कर्मी पॉजिटिव आ रहे हैं, वह 4 से 7 दिनों की चिकित्सा उपचार अंतराल में स्वस्थ होकर ड्यूटी पर लौट रहे हैं.